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चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लोका प्रिफैक्चर की नाई तुंग काउंटी का मिडिल स्कूल एक जूनियर स्कूल है, जिस की स्थापना वर्ष 1995 में भीतरी इलाके के क्वांग शी और आन ह्वेई प्रांतों की सहायता से हुई। इस के पहले नाई तुंग काउंटी में कोई जुनियर स्कूल नहीं था। इसने काउंटी के 35 हज़ार किसानों व चरवाहों के बेटे-बेटियों के स्कूल जाने के सवाल का समाधान किया। 
नाई तुंग मिडिल स्कूल का क्षेत्रफल लगभग 6.7 हैक्टर है। इस में कुल 95 कर्मचारी हैं और 1170 विद्यार्थी। स्कूल के अध्यापकों अध्यापिकाओं में से 98 प्रतिशत तिब्बती जाति के हैं और सारे विद्यार्थी स्थानीय तिब्बती किसान व चरवाहे परिवारों से हैं। नाई तुंग मिडिल स्कूल के नेता तान जङ ने जानकारी दी कि स्कूल की स्थापना को दस साल हो चुके हैं। इस दौरान स्कूल का स्थिर विकास हुआ है और पढ़ाई की गुणवत्ता साल ब साल बढ़ी है। वर्ष 1997 में नाई तुंग मिडिल स्कूल के विद्यार्थियों की हाई स्कूल में दाखिले की दर 17.5 प्रतिशत थी और वर्ष 2004 में यह 97.1 प्रतिशत जा पहुंची। वर्ष 2003 में इस स्कूल को लोका प्रिफैक्चर के शिक्षा ब्यूरो ने सारे प्रिफैक्चर के आदर्श स्कूल का दर्जा दिया। वर्तमान में स्कूल में सभी बुनियादी संसाधन उपलब्ध हैं और उसका प्रबंधन प्रगतिशील है। लोका प्रिफैक्चर के शिक्षा ब्यूरो के प्रधान श्री जाशी च्यात्सवो ने कहा
"नाईतुंग मिडिल स्कूल के संस्थापन और अध्यापकों की गुणवत्ता काउंटी में बहतरीन है। यह लोका प्रिफैक्चर में काउंटी स्तर के मिडिल स्कूलों में सब से बड़ा स्कूल भी है।"
नाईतुंग काउंटी के मिडिल स्कूल पहुंचने पर मैंने चार मंजिला शिक्षा इमारत और तीन मंजिला कार्य इमारत को नीले आसमान और सफेद बादलों के नीचे खड़ा पाया और चारो ओर देखे ऊंचे-ऊंचे पहाड़। कक्षाएं चल रही थीं और स्कूल का परिसर बहुत शांत था। कभी-कभी किसी कक्षा से अध्यापकों की आवाज़ सुनाई देती तो कभी विद्यार्थियों के पढ़ने की आवाज़।
नाईतुंग मिडिल स्कूल के नेता तान जङ ने बताया कि इस स्कूल में तिब्बती भाषा के अलावा, चीनी, अंग्रेज़ी, गणित, रसायनविज्ञान आदि 13 विषयों की पढ़ाई होती है। इधर के वर्षों में नाई तुंग मिडिल स्कूल ने विद्यार्थियों की सर्वतोमुखी गुणवत्ता के विकास के साथ तिब्बती व चीनी भाषाओं की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दिया है। हर कक्षा में चीनी भाषा और तिब्बती भाषा की पढ़ाई होती है। तिब्बती भाषा व संस्कृति के विकास और चीनी भाषा व संस्कृति की उन्नति के लिए स्कूल ने विशेष और विविध गतिविधियां चलायी हैं। तिब्बती भाषा व चीनी भाषा के सांस्कृतिक समारोहों, इन भाषाओं में भाषण और लेखन की प्रतियोगिता आदि इसमें शामिल है। श्री तांन जङ ने कहा कि इधर के सालों में भीतरी इलाके से ज्यादा से ज्यादा लोग तिब्बत में पूंजी लगाने आये हैं। चीनी भाषा तिब्बती लोगों और भीतरी इलाके से आए व्यक्तियों के बीच आदान-प्रदान का एक महत्वपूर्ण साधन बन गयी है। तिब्बती विद्यार्थियों का चीनी भाषा सीखना भविष्य में उन के विकास व रोज़गार पाने में लाभदायक होगा। श्री तां जङ ने कहा :
"चीनी और तिब्बती भाषाओं की शिक्षा से तिब्बती विद्यार्थियों को न सिर्फ़ तिब्बती संस्कृति की जानकारी हासिल होती है, बल्कि वे चीनी भाषा भी जानते हैं। इस तरह हमारे विद्यार्थी स्कूल से निकलने के बाद चीनी भाषा का प्रयोग कर भीतरी इलाके से आई हान जाति के लोगों के साथ आदान-प्रदान कर करते हैं। अगर विद्यार्थी हाई स्कूल में दाखिल न हो सके, तो अपने जन्मस्थान वापस लौटकर नए किस्म के ऐसे किसान बनते हैं, जो अपने माता पिता से इसलिए कहीं अच्छे होते है, क्योंकि चीनी भाषा बोल सकते हैं।"
श्री तांग जङ के अनुसार, तिब्बत का विकास इस समय जोर-शोर से चल रहा है। इसका यहां पूंजी लगाने वाले भीतरी इलाके के व्यक्तियों के साथ संपर्क अपरिहार्य है । चीनी भाषा बोलना इसकी बुनियाद मांग है। इसलिए तिब्बती विद्यार्थियों का चीनी भाषा सीखना बहुत जरूरी है।
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