पिछले तीन दिनों के कार्यक्रमों में हम ने आप लोगों को चाइना रेडियो इंटरनेशनल की स्थापना से विकास व समृद्धि की प्रक्रिया का परिचय दिया है। चाइना रेडियो इंटरनेशनल इसलिए इस तरह का विकास कर रहा है क्योंकि यह विश्व व्यापी श्रोता दोस्तों के ध्यान व समर्थन से अलग नहीं हो सकता । आज चाइना रेडियो इंटरनेशनल की ज्ञान प्रतियोगिता की सिलसिलेवार रिपोर्टों का अंतिम कार्यक्रम है। आइये हम एक साथ श्रोताओं व चाइना रेडियो इंटरनेशनल के बीच घटी अविस्मरणीय कहानियां सुनें।
कार्यक्रम के शुरु होने से पहले, हम आप लोगों को इस कार्यक्रम के बारे में दो सवाल पूछेंगे। प्रथम सवाल है, अब चाइना रेडियो इंटरनेशनल के कुल कितने श्रोता लिसंनर्स क्लब हैं। दूसरा सवाल है, वर्ष 2005 में सी आर आई को कुल कितने श्रोताओं के पत्र मिले हैं।
कुछ समय पहले, श्रीलंका के विश्व प्रसिद्ध कोर्निया भंडार को एक विशेष दान का आवेदन-पत्र मिला है। आवेदन-पत्र देने वाला राजधानी कोलम्बो का नागरिक इंदिरानंद हैं। उन्होंने अपने पत्र में विशेष रुप से यह लिखा है कि यदि संभव हो, तो वे अपने कोर्निया को चीन को देना चाहते हैं। इस निर्णय लेने के कारण की चर्चा में श्री इंदिरानंद ने कहा, मैं चाइना रेडियो इंटरनेशनल का एक पुराना श्रोता हूं। सी आर आई से मुझे चीन के बारे में खूब जानकारी मिली है। चीन के प्रति मेरी गहरी भावना है। मैं चीन से प्रेम करता हूं।
श्री इंदिरानंद सी आर आई के श्रीलंका श्रोता संघ के अध्यक्ष हैं। अनेक वर्षों में उन्होंने श्रीलंका व चीन दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान कार्य किया है। उन के प्रयास से मध्यम चीन के हू नान प्रांत की राजधानी छांग शा शहर श्रीलंका के खालुदारा शहर मैत्रीपूर्ण शहर बनें। श्री इंदिरानंद को चीन सरकार द्वारा सम्मानित कर राष्ट्रीय मैत्री पुरस्कार दिया गया है। चीनी वैदेशिक मैत्री संघ ने भी उन्हें श्रीलंका मैत्री दूत का पुरस्कार दिया है। उन्हें चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ आदि चीनी नेताओं की प्रशंसा भी मिली है और चीनी नेताओं के साथ उन की मुलाकात भी हुई है। उन की प्रेरणा से, अब श्रीलंका में सी आर आई के श्रोता क्लबों की संख्या 700 से ज्यादा तक पहुंच गयी है।
पिछले 65 वर्षों में विश्व के विभिन्न स्थलों में श्री इंदिरानंद की ही तरह के अनेक श्रोता बने हैं। युरोप के स्पेन में पुराना श्रोता अलेजान्द्रो ब्रोनछालेस की एक बहुत पुरानी आदत है, यानी लगभग रोज रात रेडियो के सामने बैठ कर चीन से आयी आवाज को सुनना। उन्होंने कहा, सी आर आई के सभी कार्यक्रम सुनना मुझे पसंद है, जिन में श्रोताओं की डाक, जीवन और समाज , सांस्कृतिक जीवन, चीन की यात्रा आदि मेरे सब से पसंदीदा कार्यक्रम हैं। श्रोताओं की डाक मुझे सब से अधिक पसंद है। इस का हर एक कार्यक्रम मैं ध्यान से सुनता हूं। मुझे इसलिए उक्त कार्यक्रम पसंद हैं क्योंकि इन कार्यक्रमों में मुझे एक बिलकुल भिन्नता वाला देश व संस्कृति दिखायी देती है।
ब्रिटेन में, न्यू कास्टल स्टेट के सांसद श्री थोर्खिल्दसन दस वर्षों से हमेशा ही सी आर आई के कार्यक्रम को सुनते हैं। वे अकसर नागरिकों को कार्यक्रमों से प्राप्त चीन के विकास के बारे में विभिन्न सूचनाओं का परिचय देते हैं। गत वर्ष के मार्च में उन की कोशिश से दक्षिण पश्चिमी चीन के क्वांग सी च्वांग जाति स्वायत प्रदेश की राजधानी नान नींग शहर के एक प्रतिनिधि मंडल ने न्यू कास्टल स्टेट की यात्रा की। उसी दिन, चीन का पांच तारों वाला झंडा न्यू कास्टल स्टेट के ऊपर आकाश में फहराया।
चाइना रेडियो इंटरनेशनल के कार्यक्रमों के जरिये, श्रोता धीरे-धीरे चीन को समझते हैं और चीन से प्रेम करने लगते हैं। उन में से अनेक लोग ई-मेल या पत्र के जरिए चीन और सी आर आई के प्रति अपनी पसंद प्रकट करते हैं और सदिच्छापूर्ण रुप से अनेक मूल्यवान मत व सुझाव भी पेश करते हैं।
अफ्रीका के कीनिया, तन्जानिया, युगांडा और बूरोंदी आदि देशों में सी आर आई की स्वाहिली सेवा के अनेक श्रोता हैं। इस सर्विस के कर्मचारी श्री ह्वांग येन लीन ने कहा, श्रोता मुझे पत्र लिखते रहते हैं। कुछ लोग रोज हमें एक पत्र लिखते हैं और हमारे रोजाना कार्यक्रम के हर एक वाक्य को साफ़-साफ़ याद रखते हैं। कभी-कभी श्रोता रोजाना हमें दो पत्र भी भेजते हैं। श्रोताओं में हमारे कार्य के लिए भारी प्रोत्साहन है।
सी आर आई के सब से विशेष कार्यक्रमों में से एक चीनी बोलना सीखें है। अनेक श्रोताओं ने इस तरीके से चीनी बोलना सीखा है। इस के बाद चीनी भाषा को अपने मित्रों को भी सिखाया है, जिस से चीनी संस्कृति का विदेशों में और प्रसार हुआ है।
जापान की श्रोता साखुराई खिमिखो ने चीन में दो वर्षों के लिए चीनी भाषा सीखी थी, वापस लौटने के बाद वे सी आर आई के प्रोग्राम सुनती रहीं और इस तरह से उन्होनें चीनी भाषा के अपने स्तर को उन्नत किया।अब वह कुछ मीडिल स्कूलों व विदेशी भाषा स्कूलों में चीनी पढ़ाती हैं। उन के छात्र-छात्राओं ने भी सी आर आई के कार्यक्रम सुनना पसंद किया। अब सुश्री साखुराई खिमिखो और उन के अनेक छात्र-छात्राओं को एक ऐसी आदत पड़ चुकी है कि जब भी मौका मिलता है, वे अवश्य ही सी आर आई की यात्रा करते हैं। सुश्री साखुराई के अनुसार, हर बार मैं और मेरे छात्र-छात्राएं जब भी पेइचिंग आते हैं, तो अवश्य ही सी आर आई की यात्रा करते हैं और जापानी व चीनी भाषा में जापानी सर्विस के कर्मचारियों के साथ गपशप करते हैं। जब मेरे छात्र-छात्राएं जापान वापस लौटते हैं, तो वे चीन में खींचे गये फोटों को अपने सहपाठियों को दिखाते हैं। इसी तरह, अन्य छात्र भी पेइचिंग आते हैं तो सी आर आई की यात्रा करते हैं। इसी तरह हमारे बीच आदान-प्रदान का दायरा ज्यादा से ज्यादा बड़ा होता गया है। सी आर आई की इमारत की दूसरी मंजिल के प्रदर्शनी-काऊंटरों में अनेक श्रोताओं द्वारा दिये गये उपहार रखे गये हैं, जिन में सुन्दर अफ्रीकी काष्ठ मूर्तियां, स्नेहपूर्ण जापानी खोखोनट बच्ची, वियतनामी बांस यंत्र, फ्रांस का छोटा एफर लोहा टॉवर और इटली फुटबाल आदि शामिल हैं। इन में एक ध्यानाकर्षक उपहार है जोकि वास्तव में सी आर आई की ज्ञान प्रतियोगिता में भाग लेते समय एक श्रोता द्वारा लिखा गया सुन्दर जवाब पत्र है, जो एक पुस्तक की तरह है। इस श्रोता ने प्रश्नों का उत्तर देते समय चीन के प्रति अपनी गहरी भावना भी लिखी है।
सुश्री शी ली पर चाइना रेडियो इंटरनेशनल के श्रोता संपर्क विभाग की जिम्मेदारी हैं। उन्होंने परिचय देते समय बताया कि पिछले 65 वर्षों में सी आर आई के श्रोताओं की संख्या निरंतर बढ़ती रही है, श्रोताओं का ज्ञान स्तर भी निरंतर उन्नत होता रहा है। उन के अनुसार, 65 वर्षों में हमारे श्रोता दुनिया के कोने-कोने में फैले हैं। श्रोता लिसंनर्स क्लबों की संख्या भी निरंतर बढ़ती गई है।अब हमारे रेडियो के कुल 3600 श्रोता लिसंनर्स क्लब हैं। श्रोताओं में अधिकारियों की संख्या भी निरंतर बढ़ी है। चीन के प्रति श्रोताओं का ध्यान भी उन्नत हुआ है। हर वर्ष हम इन श्रोता क्लबों के साथ रंग-बिरंगी गतिविधियों का आयोजन करते हैं और उन के साथ आदान-प्रदान करते हैं। वर्ष 2005 में हमें श्रोताओं से कुल 21 लाख 70 हजार पत्र मिले हैं।
अब हम फिर एक बार इस कार्यक्रम में दो सवाल पूछेंगे। प्रथम सवाल है, अब चाइना रेडियो इंटरनेशनल के कुल कितने श्रोता लिसंनर्स क्लब हैं। दूसरा सवाल है, वर्ष 2005 में सी आर आई को कुल कितने श्रोताओं के पत्र मिले हैं।
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