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(GMT+08:00) 2006-06-19 10:45:54    
चीन अफ्रीका से अपने संबंधों को भारी महत्व देता हैः वन चा-पाओ

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दोस्तो,चीनी प्रधान मंत्री वन चा-पाओ ने 18 तारीख को मिश्र की अपनी यात्रा की समाप्ति पर काहिरा में एक संवाददाता सम्मेलन बुलाकर चीन-अफ्रीका संबंधों पर प्रकाश डाला।

श्री वन चा-पाओ ने कहा कि चीन और अफ्रीका के बीच सहयोग का इतिहास आधी शताब्दी पुरानी हो चुकी है।इतने लम्बे काल में चीन ने अपनी कठिन हालत में भी अफ्रीकी जनता को मूल्यवान और हरसंभव सहायता दी है।बीते 50 वर्षों में चीन ने अफ्रीका को 44 अरब 40 करोड़ चीनी य्वान की मदद दी है और अफ्रीकी देशों में आधारभूत सरंजामों व सामाजित कल्याण से जुडी 900 परियोजनाएं पूरी कर ली हैं तथा 43 अफ्रीकी देशों को 16 हजार चिकित्सक भेजे हैं,जिन्हों ने 24 करोड स्थानीय घायलों और मरीजों की जान बचाई है।

श्री वन चा-पाओ के अनुसार चीन द्वारा अफ्रीका को जो सहायता दी गई है,उस का वहां के विभिन्न क्षेत्रों से रिश्ता है और आर्थिक विकास का उस में खासा स्थान है।उन्हों ने कहाः

"चीन अफ्रीका के साथ आर्थिक व व्यापारिक संबंधों के विकास को बहुत महत्वपूर्ण मानता है और निम्न तीन पहलुओं पर जोर देता है कि एक,अफ्रीकी तिजारी मालों के चीन को निर्यात के लिए सकारात्मक स्थितियां तैयार की जाए,दो तकनीकी सहायता,आर्थिक सहायता और सहयोग को साथ साथ किया जाए औऱ तीन,अफ्रीका को तकनीशियनों व प्रबंधकों के प्रशिक्षण में बड़ी मदद दी जाए"

अब तक चीन अफ्रीका के 31 प्रमुख विपत्ति पीड़ित और सब से अविकसित देशों पर अपने 156 ऋणों की 10 अरब 50 करोड़ य्वान की धन-राशि को माफ़ कर चुका है और 29 अफ्रीकी देशों के कोई 1900 किस्मों के तिजारती मालों के चीनी बाजार में उतरने पर चुंगी कम या माफ कर चुका है।

श्री वन चा-पाओ के अनुसार 3 साल पहले इथियोपिया की राजधानी अदीस-अबाबा में हुए चीन-अफ्रीका सहयोग मंच के दूसरे संम्मेलन में हम ने अफ्रीकी देशों के लिए विभिन्न प्रकार के 10 हजार तकनीशियनों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य पेश किया।यह लक्ष्य इस साल पूरा हो जाएगा।हम ने चीनी उद्यमियों को अफ्रीका जाकर कारोबार करने की प्रेरणा दी है,ताकि अफ्रीका को आत्मविकास की शक्ति बढाने में मदद मिले।

चीनी प्रधान मंत्री वन चा-पाओ ने कहा कि आने वाली नवंबर में चीन-अफ्रीका सहयोग मंच का शिखर सम्मेलन पेइचिंग में होगा,तब चीन सरकार अफ्रीका के प्रति ऋण में कमी या उस की माफ़ी,आर्थिक सहायता,सुयोग्य व्यक्तियों के प्रशिक्षण और कारोबारी पूंजी जैसे मुद्दों को तरजीह देगी।उन का कहना हैः

" यह भावी सम्मेलन वास्तव में चीन और अफ्रीका के मंत्री स्तरीय सहयोग मंच के आधार पर बुलाया जाएगा।चाहे मंच हो या शिखर सम्मेलन क्यों न हो,सब सहयोग का एक प्लेट है और हम इस का फायदा उठाकर विभिन्न अफ्रीकी देशों के साथ मैत्री व आपसी लाभ वाले सहयोग को मजबूत करने की कोशिस करेंगे।"

चीन-अफ्रीका संबंधों और चीन-अफ्रीका सहयोग के प्रति चीन सरकार के ऱूखों की चर्चा करते हुए श्री वन चा-पाओ ने कहाः

"चीन सरकार की हमेशा की नीति है आपसी सम्मान,समानता व पारस्परिक लाभ औऱ दूसरे देशों के अन्दरूनी मामलों में अहस्तक्षेप।हमें यकीन है कि विभिन्न क्षेत्र और विभिन्न देशों की जनता अपनी समस्याओं का समाधान करने के हकदार हैं और ऐसा करने की पूरी क्षमता भी रखते हैं।चीन यह देखने को उत्सुक है कि अफ्रीका में आर्थिक विकास होगा,सामाजिक स्थिरता एवं सामंजस्य कायम होंगे,लोकतंत्र व कानून-व्यवस्था परिपूर्ण होगी औऱ जनजीवन की खुशहाली होगी।

श्री वन चा-पाओ ने बलपूर्वक कहा कि चीन स्वतंत्र व स्वावलंबन की विदेश नीति पर कायम रहेगा।अफ्रीकी देशों के साथ चीन के मैत्रीपूर्ण संबंधों व सहयोग का विकास किसी तीसरे देश के खिलाफ़ नहीं है और द्विपक्षीय आर्थिक व व्यापारिक विकास भी किसी भी देश के हित को क्षति नहीं पहुंचाएगा।"

चीनी प्रधान मंत्री ने कहाः

"दूसरे लोगों ने हमारा जो भला किया है,हमें उसे कतई नहीं भूलना चाहिए।हम ने दूसरों का जो भला किया है,हमें उसे भूलना चाहिए।"

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