इधर के दिनों में तीन व्यक्तियों को बचाने वाले एक सामान्य विद्यार्थी ने चीनी समाचार माध्यमों का विस्तृत ध्यान खींचा है। इस विद्यार्थी का नाम है श्वू वेई, जो चीन के थ्येनचिन उद्योग विश्विद्यालय के सूचना व इलेक्ट्रॉनिक इंजिनियरिंग अकादमी का विद्यार्थी है।
गत वर्ष के दिसम्बर माह से हमारी कहानी शुरु होती है। वर्ष 2005 की 27 दिसम्बर को, यानी क्रिसमस त्यौहार के बाद के दूसरे दिन, थ्येनचिन उद्योग विश्विद्यालय के कैम्पस में पहले की ही तरह शांति थी। सभी विद्यार्थी मेहनत से पढ़ रहे थे और अंतिम परीक्षा की तैयारी कर रहे थे।
तीसरे पहर लगभग चार बजकर पंद्रह मिनट पर, कैम्पस के तालाब से अचानक बचाओ, बचाओ की आवाज़ें सुनायी दीं। जब श्वू वेई ने भी यह आवाज सुनी, तो वह तुरंत तालाब के पास आया। उस ने देखा कि जमी हुई बर्फ वाले तालाब में खेल रहे दो लड़कों में से एक लड़का अचानक कच्ची बर्फ के कारण पानी में गिर गया है और उसका केवल एक हाथ पानी के ऊपर कभी-कभी दिखायी दे रहा है। तालाब के किनारे पर दूसरा लड़का खड़ा हुआ है और बहुत परेशानी में है।
श्वू वेई ने तुरंत स्थिति को भांप लिया और तालाब की बर्फ पर जाकर लड़कों को बचाने की कोशिश की। बर्फ अचानक और टूट गयी , श्वू वेई और उस के पास खड़ा एक अन्य लड़का भी एक साथ बर्फीले पानी में गिर गये। लेकिन, श्वू वेई ने संयम रखकर अपनी अच्छी तैराकी क्षमता का उपयोग कर कठिनाई से तीनों लड़कों को पानी के बाहर निकाला और उन्हें सलाह दी कि वे न हिलें।
जब श्वू वेई पानी के ऊपर आया, बर्फ फिर एक बार टूटी । वह फिर एक बार तालाब में गिर गया। इस वक्त, श्वू वेई के दोनों हाथ व टांगें अनेक जगह पर ज़ख्मी हो गये थे और खून बह रहा था। ऐसी स्थिति में श्वू वेई ने तीन लड़कों को कहा कि वे चिंता न करें वह जरुर ऊपर आ जाएगा। उस ने बचाने आये लोगों से कहा कि यहां मत आओ, यहां बहुत खतरा है।
अंत में श्वू वेई एक अपेक्षाकृत मजबूत बर्फ को पकड़कर कठिनाई से पानी के ऊपर आ गया। इस तरह, तीन लड़के सही सलामत बच गये जबकि श्वू वेई इतना थक गया था कि वह जमीन पर बैठा एक भी शब्द नहीं बोल पा रहा था।
इस के बाद श्वू द्वारा बचाये गये एक लड़के के माता-पिता ने श्वू वेई के प्रति आभार प्रकट करने के लिए उसे एक हजार चीनी य्वान दिये, श्वू वेई ने इन पैसों को शहर के पढ़ाई मदद कोष में चंदे के रुप में दे दिया।
22 वर्षीय श्वू वेई पूर्वी चीन के एनह्वेई प्रांत के छाओ हू शहर के एक किसान परिवार से है। उस के माता-पिता खेती में काम करते हैं , इसलिए, घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। श्वू वेई के तीन बहन-भाई हैं।
अब वह और उस का भाई विश्विद्यालय में पढ़ते हैं, उस की छोटी बहन ने तो काम करना शुरु कर दिया है। लेकिन घर में गरीबी ने श्वू वेई को पराजित नहीं किया। श्वू वेई को जानने वाले सभी लोग हर वक्त श्वू वेई का आशावाद, आत्मविश्वास और सक्रियता महसूस कर सकते हैं।
वर्ष 2002 में, जब श्वू वेई विश्वविद्यालय में आया, तो उस ने स्कूल से राष्ट्रीय पढाई मदद कोष में कर्ज के लिए आवेदन दिया और विश्वविद्यालय के चार वर्षों की फीस की समस्या का हल हो गया। इस के बाद, उसने जगह-जगह नौकरी ढूंढने की कोशिश की।
वह अकसर बच्चों को पढ़ा कर अपना गुज़ारा करता है। उस की मेहनत के कारण उस द्वारा पढ़ाये गये बच्चों की पढ़ाई में भारी प्रगति हुयी है, इसलिए, अनेक लोग अपने बच्चों को लेकर श्वू वेई के पास आते हैं। कुछ लोगों ने उस की पढ़ाई की फीस को बढाने का सुझाव पेश किया, लेकिन, श्वू वेई एक घंटे के लिए केवल दस चीनी व्यान की फीस पर ही कायम रहा ।
विश्वविद्यालय के तीन से ज्यादा वर्षों में, श्वू वेई का जीवन बहुत सरल रहा है। पहले सत्र के अंत में जब अकादमी ने उसे कठिनाई-भत्ता देने की बात कही, तो श्वू वेई ने इंकार कर दिया। उस ने अध्यापकों से कहा कि कठिनाई-भत्ता उस से और गरीब विद्यार्थियों को दिया जाना चाहिए। उस ने किसी भी तरह का कठिनाई-भत्ता नहीं लिया।
गरीब होने के बावजूद, श्वू वेई पढ़ाई में बहुत श्रेष्ठ है। वह अकसर क्लास-रुम की पहली पंक्ति में संजीदगी से बैठता है। वह अध्यापकों के किसी भी वाक्य को नहीं छोड़ता है। कक्षा में वह सवाल पूछना भी पसंद करता है। फुरसत के समय, वह पुस्तकालय में मेहनत से पढ़ता है। वह कक्षा से संबंधित सामग्री लाकर अनुसंधान करना पसंद करता है। एक ही सवाल का समाधान करने के लिए उसे कई तरीके अपनाने का शौक है।
श्वू वेई न केवल अच्छी तरह पढ़ता है, बल्कि वह अकसर दूसरों की मदद भी करता है। उस के सहपाठी जब मुसीबत में होते हैं, तो अकसर सहायता लेने के लिए उस के पास आते हैं।
परीक्षा से पहले, उस की नोटबुक सब के लिए स्वागत सामग्री बन जाएगी। इसलिए, अध्यापकों व विद्यार्थियों की नजर में श्वू वेई एक आत्म विश्वासी , सरल व उदार आदमी है। इधर के कई वर्षों में श्वू वेई ने क्रमशः अनेक बार स्कूल के अनेक वैज्ञानिक व तकनीक सृजन प्रतियोगिताओं में पुरस्कार हासिल किया है।
तालाब में बच्चों को बचाने के बाद दूसरे लोग उस से अकसर इस के बारे में पूछते, तो वह कहता है कि यह सामान्य बात है, और इस में कोई विशेषता नहीं है।
अपने भविष्य की चर्चा में श्वू वेई ने कहा कि वह एम ए की डिग्री तक पढ़ेगा और अपने ज्ञान से मातृभूमि के लिए विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में कुछ योगदान प्रदान करना चाहता है।
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