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(GMT+08:00) 2006-06-15 19:28:38    
शांघाई सहयोग संगठन के छठे शिखर सम्मेलन का आयोजन शांघाई में हुआ

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शांघाई सहयोग संगठन के छठे शिखर सम्मेलन का आयोजन 5 तारीख को पूर्वी चीन के शांघाई शहर में शुरु हुआ । विभिन्न सदस्य देशों के राजनेताओं तथा सम्मेलन में उपस्थित प्रतिनिधियों ने संगठन की स्थापना से अभी तक के पांच सालों में विकास की उपलब्धियों व अनुभवों का सारांश किया । संगठन के भावी विकास पर भी विचार-विमर्श किया गया, और आपस में सहयोग करने की ठोस रूपरेखा व योजना तय की गयी ।

चीन , कजाकस्तान , किर्गिजस्तान , रूस , ताजिकस्तान के राजनेताओं तथा संगठन के पर्यवेक्षक देश भारत , मंगोलिया , ईरान , पाकिस्तान के राजनेताओं या उन के प्रतिनिधियों ने भी शिखर-सम्मेलन के उद्धाटन समारोह में भाग लिया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति तथा कुछ अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने अध्यक्ष देश चीन के अतिथि की हैसियत से शिखर सम्मेलन में भाग लिया ।

चीनी राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चिन थाओ ने शिखर सम्मेलन में बयान देते हुए संगठन की स्थापना से अभी तक के पांच सालों में प्राप्त उपलब्धियों का उच्च मूल्यांकन किया । उन्हों ने कहा कि शांघाई सहयोग संगठन की सफलता का अनुभव, पारस्परिक विश्वास , आपसी लाभ, समानता , विचार-विनिमय, सांस्कृतिक विवेक तथा संयुक्त विकास की शांघाई भावना पर डटा रहना है । क्षेत्र को सुस्थिर शांत व समान समृद्धि प्राप्त क्षेत्र बनाने के लिए श्री हू चिन थाओ ने चार सूत्रीय सुझाव पेश किया।

एक , विभिन्न सदस्य देशों को आपस में रणनीतिक सहयोग तथा अच्छे पड़ोसियों जैसी मित्रता को मजबूत करना है । विभिन्न सदस्य देशों के बीच राजनीतिक विश्वास तथा एकता की नींव को मजबूत करने तथा संगठन की जीवन शक्ति को सुनिश्चित करने के लिए मैं शांघाई सहयोग संगठन की दीर्घकालीन मैत्रीपूर्ण संधि संपन्न करने का सुझाव पेश करता हूं । दो , विभिन्न सदस्य देशों के बीच सुव्यवहारिक सहयोग करने के जरिये चतुर्मुखी विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।

श्री हू चिन थाओ ने कहा कि विभिन्न सदस्य देशों के बीच सांस्कृतिक आवाजाहियों का विस्तार करने के जरिये सामाजिक आधार को मजबूत करना चाहिये । विभिन्न सदस्य देशों के बीच भिन्न-भिन्न स्वरूप वाली सांस्कृतिक आवाजाहियों का विकास किया जाना चाहिये । साथ ही हमें खुलेपन , सहयोग तथा विश्व शांति की रक्षा करने की नीति पर डटे रहना चाहिये ।

श्री हू चिन थाओ ने अपने बयान में यह भी दोहराया कि चीन ,शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर अडिग रहेगा , चीन के विकास से अपने आसपास के देशों को भी भारी मौके मिलेंगे ।

विश्व की नजर चीन के विकास और चीन के भावी विकास के रास्ते पर टिकी हुई है । मैं यहां पर जोर दे कर दोहराना चाहता हूं कि चीन अविचल रूप से शांति व विकास के रास्ते पर बढ़ता रहेगा , पारस्परिक लाभ वाले खुलेपन की रणनीति पर कायम रहेगा , अच्छे पड़ोसियों जैसे मैत्रीपूर्ण संबंधों को बनाये रखने की अपनी राजनयिक नीति अपनाना जारी रखेगा । चीन का शांतिपूर्ण विकास सर्वप्रथम पड़ोसी देशों , खास कर इस संगठन के सदस्य देशों के लिए बड़े मौके लायेगा ।

विस्तृत वार्ता में विभिन्न सदस्य देशों के राज्याध्यक्षों और पर्यवेक्षक देशों के राज्याध्यक्षों या प्रतिनिधियों व अंतर्राष्टीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने अलग- अलग तौर पर भाषण दिये और शांगहाई सहयोग संगठन के विकास के लिये ठोस सुझाव भी दिये ।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपने भाषण में कहा कि शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के बीच समान रणनीतिक साझेदार संबंध कायम हो गये हैं , इस संबंध का निश्चय समान मूल्य के आधार पर कायम है ।

उन का कहना है कि मेरा विचार है कि यह संगठन एक काफी परिपक्व अंतर्राष्ट्रीय संगठन बन गय़ा है । वह स्वतंत्र रूप से अपनी क्षेत्रीय शांति , सुरक्षा और विकास के सामने खड़ी समस्याओं का समाधान करने में समर्थ हो गया है। समान रणनीतिक साझेदार संबंधों की पुष्टि शांगहाई सहयोग संगठन के विकासक्रम में प्राप्त अहम अनुभव है । मेरा विचार है कि बहुपक्षीय समझौते के जरिये इसी प्रकार के संबंधों को बनाये रखा जाएगा ।

मुशर्रफ ने मौजूदा शिखर-सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान शांगहाई सहयोग संगठन के साथ घनिष्ट रूप से सहयोग करेगा और इस संगठन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये रचनात्मक योगदान देगा ।

स्थानीय राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र की दृष्टि से देखा जाये , तो पाकिस्तान का स्थान शांगहाई सहयोग संगठन को बढावा देने के लिये अनुकूल है । हम आपसी लाभ वाले व्यापार व ऊर्जा सहयोग के लिये स्थलीय रास्ता प्रदान करना चाहते हैं । उन्हों ने कहा कि पाकिस्तान की तीव्र आशा है कि वह शांगहाई सहयोग संगठन का औपचारिक सदस्य बन जायेगा और इस के लिये खूब प्रयास करेगा ।

"हमारा विचार है कि आतंकवाद एक अंतरराष्ट्रीय सवाल है , जो कि अब संगठनात्मक दौर में प्रवेश कर गया है, और अब आतंकवादी संगठन का एक जाल भी बन गया है । यहां तक कि वह अनेक देशों की सरकारों पर भी दबाव डालने में सक्षम हुआ है । हम अफगानिस्तान को एक बार फिर आतंकवादियों का अड्डा बनने से बचने की कोशिश कर रहे हैं । इस के साथ ही हमारी आशा है कि दूसरे देशों की सरकारें संजीदगी से इस सवाल पर व्यवहार करेंगी । आतंकवाद जिस किसी भी देश में खड़ा होगा , उसी देश के हित को नुकसान पहुंचाएगा ।"

श्री करजाई ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान का विकास क्षेत्रीय देशों के साथ सहयोग करके किया जाएगा । उन्होंने वचन दिया कि अफगानिस्तान मादक पदार्थों के उत्पाद पर व अवैध तस्करी पर लगातार प्रहार करेगा और अपने वचनों का कड़े रूप से पालन करेगा ।

मौजूदा सम्मेलन में सदस्य देशों के राजाध्यक्षों ने शांग हाई सहयोग संगठन की स्थापना की पांचवीं वर्षगांठ घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर किया । घोषणा-पत्र में कहा गया है कि शांगहाई भावना का अंतरराष्ट्रीय समुदाय के नए व गैर प्रतिरोधी अंतरराष्ट्रीय संबंधों की खोज के लिए भारी महत्व है।