शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के राज्याध्यक्षों की परिषद के छठे सम्मेलन में 15 तारीख को शांगहाई सहयोग संगठन की पांचवीं वर्षगांठ का घोषणा पत्र जारी किया गया , जिस में यह बताया गया कि शांगहाई सहयोग संगठन का सुगम विकास उस के आपसी विश्वास , आपसी लाभ , समानता , सलाह मशविरे का निरंतर पालन करने , विविध सभ्यताओं का सम्मेलन करने तथा साझे विकास की खोज करने की शांगहाई भावना से लाभान्वित है ।
घोषणा पत्र में कहा गया है कि शांगहाई सहयोग संगठन का मानना है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार के लिए न्यायपूर्ण क्षेत्रीय बंटवारा सिद्धांत तथा सब से व्यापक सलाह मशविरे पर आधारित सहमति के सिद्धांत का पालन करना चाहिए ,सुधार के लिए समय सीमी कायम करना या जबरदस्ती से अहम विवादास्पद सवाल पर मतदान कराने का प्रस्ताव उचित नहीं है , अगले सत्र का संयुक्त राष्ट्र महा सचिव एशिया से आना चाहिए ।
घोषणा पत्र में कहा गया है कि चौतरफा तौर पर आतंकवाद, अलगाववाद तथा उग्रवाद और गैरकानूनी मादक पदार्थ तस्करी पर प्रहार के क्षेत्र में सहयोग शांगहाई सहयोग संगठन के काम की प्राथमिक दिशा है । सदस्य देश आर्थिक सहयोग को और विस्तृत करेंगे , संस्कृति , कला ,शिक्षा व पर्यटन आदि क्षेत्रों में द्विपक्षीय व बहुपक्षीय सहयोग की व्यवस्था कायम करेंगे और सभ्य वार्ता बढाएंगे तथा सामंजस्यपूर्ण विश्व की स्थापना की कोशिश करेंगे । घोषणा पत्र में इस पर बल दिया गया कि सदस्य देश पीढियों से मैत्रीपूर्वक रहेंगे , कभी भी एक दूसरे के दुश्मन नहीं बनेंगे , वे एक दूसरे देश की प्रभुसत्ता , सुरक्षा व प्रादेशिक अखंडता की रक्षा के सैद्धांतिक रूख व प्रयास का समर्थन करेंगे और सदस्य देशों की प्रभुसत्ता , सुरक्षा व प्रादेशिक अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाले गठबंधन या अन्तरराष्ट्रीय संगठन में भाग नहीं लेंगे तथा अपनी भूमि का इस्तेमाल कर संगठन के सदस्य देशों की प्रभुसत्ता , सुरक्षा व प्रादेशिक अखंडता को क्षति पहुंचाने की इजाजत नहीं देंगे और सदस्य देशों के हितों के लिए हानिकारी संगठन या गिरोह द्वारा अपनी भूमि में कार्यवाही करने की पाबंदी लगाएंगे ।
|