शांगहाई सहयोग संगठन की राज्याध्यक्ष परिषद का छठा स्म्मेलन 15 जून को चीन के शांगहाई शहर में आयोजित होगा । संगठन के महा सचिव श्री चांग क्वांगते ने 6 तारीख को पेइचिंग में हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शांगहाई सहयोग संगठन का शिखर सम्मेलन संगठन की विकास प्रक्रिया में एक अहम घटना है और एशिया यूरोप तथा अन्तरराष्ट्रीय राजनीतिक जीवन की एक महत्वपूर्ण घटना है , शिखर सम्मेलन अवश्य ही पूरी तरह सफल होगा ।
श्री चांग क्वांग ते ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मौजूदा शिखर सम्मेलन शांगहाई सहयोग संगठन की स्थापना की पांचवीं वर्षगांठ पर आयोजित एक स्मृति स्वरूप सम्मेलन है और संगठन के सदस्य देशों के राज्याध्यक्षों का नियमित सम्मेलन भी , इसलिए इस का दोहरा महत्व होगा । श्री चांग ने कहाः
मौजूदा सम्मेलन में संगठन के सदस्य देश संगठन की स्थापना के बाद पिछले पांच सालों में प्राप्त उपलब्धियों का सिन्हावलोकन करेंगे , विभिन्न कार्यवाहियों में प्राप्त अनुभवों का निचोड़ निकालेंगे और विभिन्न क्षेत्र में भावी सहयोग के लक्ष्य तय करेंगे , इस के अलावा वे वर्तमान अहम अन्तरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय सवालों पर रायों का आदान प्रदान भी करेंगे।
श्री चांग ने कहा कि शिखर सम्मेलन में संगठन के संगतनात्म निर्माण के बारे में अहम निर्णय लिया जाएगा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग को गहरा करने तथा आर्थिक व्यापारिक व सांस्कृतिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए अहम निर्देशन बनाये जाएंगे ।
संगठन के पिछले पांच सालों के विकास संबंधी अनुभवों के बारे में श्री चांग क्वांग ते ने कहा कि संगठन के तेज विकास के तीन बुनियादी कारण हैः एक , संगठन के सदस्य देश संगठन की स्थापना के वक्त निर्धारित उद्देश्यों व सिद्धांतों पर कायम रह रहे हैं । दो , संगठन हमेशा तीसरे देश और दूसरे क्षेत्र के खिलाफ नहीं होने तथा गुटनिरपेक्ष उसूल पर कायम रहता है और तीन, संगठन हमेशा व्यवहारिक भावना से काम लेता आया है ।
श्री चांग क्वांग ते ने कहा कि पिछले पांच सालों के अल्प समय में शांगहाई सहयोग संगठन कुछ लोगों की भविष्यवाणी की भांति कमजोर या नष्ट होने के बजाए लगातार विकसित होता गया , इस का मुख्य कारण है कि संगठन के सदस्य देश हमेशा संगठन के उद्देश्य व सिद्धांत को अभिव्यक्त करने वाली शांगहाई भावना पर डटे रहे हैं । उन्हों ने कहाः
हम शांगहाई भावना को बड़ा महत्व देते हैं और उसे सदस्य देशों की भावनात्मक एकता की जड़ और स्रोत मानते हैं , जिस में सदस्यों का समान सुरक्षा अवधारणा , सभ्यता दृष्टिकोण और विकास विचारधारा शामिल हैं । कहा जा सकता है कि यह संगठन की सफलता का मुख्य कारण है ।
संगठन के सदस्य देशों में आर्थिक व व्यापारिक क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों की चर्चा में श्री चांग ने कहा कि शांगहाई सहयोग संगठन का अपना बैंकिंग समुदाय कायम हुआ है , जो आर्थिक सहयोग के लिए पूंजी का समर्थन प्रदान करता है । मौजूदा शिखर सम्मेलन में एक कारोबारी कमेटी भी स्थापित की जाएगी , जो ठोस आर्थिक सहयोग के लिए एक मंच का काम लेगी । श्री चांग ने कहा कि शांगहाई सहयोग संगठन क्षेत्रीय सहयोग और सदस्य देशों के साझे विकास के लिए अनुकूल स्थिति तैयार कर रहा है ।
शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के बीच आतंकवाद विरोधी सैन्य अभ्यास की चर्चा करते हुए श्री चांग ने कहा कि आतंकवाद पर प्रहार करना संगठन का एक मुख्य व प्राथमिक लक्ष्य और काम है । आतंकवाद विरोधी सैन्य अभ्यास किसी तीसरे पक्ष के खिलाफ नहीं है। उन्हों ने कहाः
मैं फिर एक बार कहना चाहता हूं कि ऐसा सैन्य अभ्यास किसी अन्य देश व क्षेत्र के विरूद्ध नहीं है, हमारी आशा है कि दूसरे पक्ष और अन्तरराष्ट्रीय संगठन इसे सही समझेंगे। हमारा संगठन कोई क्लब और मंच नहीं है , संगठन जिम्मेदाराना और व्यवहारिक काम करने के काबिला होना चाहिए और नई चुनौति और नए खतरे का मुकाबला करने तथा आतंक पर प्रहार के लिए कार्यवाही करने वाला साहसिक संगठन बनना चाहिए ।
संगठन को पूर्व का नाटो बताने के कथन पर श्री चांग ने कहा कि यह कथन बिलकुल निराधारा है । शांगहाई सहयोग संगठन किसी भी तीसरे देश या क्षेत्र के खिलाफ काम नहीं लेगा और आपसी मुकाबले की कोशिश नहीं करेगा , उस का झंडा शांति , सहयोग , खुलेपन और गुटनिरपेक्ष वाला है । वह अन्दर उन्मूख बंद हुआ कोई राजनीतिक या सैनिक गुट कतई नहीं बन जाएगा । इतिहास से सिद्ध हुआ है कि वह कभी आपसी मुकाबले की कोशिश करने वाला संगठन नहीं बन सकता ।
श्री चांग ने कहा कि शांगहाई सहयोग संगठन दृढ़ता व पक्के विश्वास के साथ अपने चुने रास्ते पर आगे विकसित हो जाएगा और एक नये ढंग का क्षेत्रीय सहयोग संगठन होगा , जिस का भविष्य अत्यन्त उज्जवल होगा और अतूलनीय होगा ।
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