इस समय चीनी ललित कला भवन में 70 हजार से अधिक ललित कलात्मक वस्तुए संग्रहित हैं,जिन में चीनी चित्र-कला के मास्टर छी पाईशी की 410 कृतियाँ और स्पेनिश मशहूर चित्रकार पोप्लो.पिक्स्सो की अनेक कृतियों के अलावा जर्मनी के संग्रहकर्ता लुदविह दंपति द्वारा अर्पित 117 अमरीकी व यूरोपीय कलात्मक कृतियां,जापान,दक्षिण कोरिया,इज़राइल और अर्जेंटीना आदि देशों के नामी ललित कलाकारों की बड़ी संख्या में कृतियां भी शामिल हैं। इधर के कुछ वर्षो में अधिकाधिक प्रसिद्ध चीनी ललित कलाकारों ने अपनी कृतियों को उपहार या भेंट के रूप में चीनी ललित-कला भवन के हवाले किया है। पिछले एक ही साल में इस तरह की कृतियों की संख्या 6400 तक जा पहुंची है।
चीन के 83 वर्षीय प्रसिद्ध कलाकार श्री ल्यू-शुन ने पिछले साल जीवन भर संग्रहित अपनी कोई 1780 कृतियां चीनी ललित-कला भलन को सौंप दीं,जिन में रूसी शैली औऱ प्राचीन यूरोपीय शैली के तैलीय चित्र,चीनी शैली के सादे रंग वाले चित्र व तैलीय चित्र,प्रिंट,तिब्बती ललित थांगका और कागज-कटाई व मूर्तियां शामिल हैं। श्री ल्यू-शुन ने कहा:
"चीनी ललित-कला भवन 1 अरब 30 करोड़ आबादी वाले चीन का एकमात्र भीमकाय राष्ट्रीय ललित कलागृह है। मेरे लिए अपनी सभी संग्रहित कलात्मक चीजों को यहां अर्पित करना मेरे लिए बड़ी खुशी की बात है। मैं इस अवसर का लाभ उठाकर अपने जीवन के बाकी समय में कुछ करना चाहता हूं।
श्री ल्यू-शुन द्वारा अर्पित संग्रहित कलात्मक वस्तुओं की भी चीनी ललित-कला भवन में प्रदर्शनी लगी थी,जिसे समाज की व्यापक प्रशंसा मिली।
चीनी ललित-कला भवन के वर्तमान महानिदेशक श्री फ़ान ती-आन पहले चीनी केंद्रीय ललित कला प्रतिष्ठान के उपपधान रहे। उन्हों ने अकादमिक दृष्टि से चीनी ललित-कला भवन के के कार्य के बारे में कहा:
"मैंने पाया है कि वर्ष 2005 में चीनी ललित-कला भवन ने अपने कार्य के विकास में दो विशेषताएं दिखायी हैं। एक, कार्य की दिशा और अधिक स्पष्ट हो गयी है। इस की वजह से 2005 चीनी ललित-कला भवन के लिए शानदार उपलब्धियां प्राप्त होने वाला वर्ष रहा है । देश के ललित-कला जगत के विकासक्रम ,प्रमुख संग्रहित चीजों और विदेशों की महत्वपूर्ण कलात्मक वस्तुओं से जुड़ी बहुत सी प्रदर्शनियां इस भवन में लगी हैं। दूसरी विशेषता है कि इस भवन के विकास की समग्र स्थितियों खासकर कुछ अहम सांस्कृतिक मुद्दों को पूरे समाज का समर्थन मिला है।"
चीनी ललित-कला भवन के आगे विकास की चर्चा करते हुए उन्हों ने कहा:
"इस साल से हम प्रदर्शनियों की संख्या में थोड़ी सी कटौती करना चाहते हैं,ताकि प्रदर्शनियों की गुणवत्ता और उन्नत हो सके। यह चीनी ललित-कला भवन का एक लक्ष्य है और पूरे ललित-कला जगत का एक तकाज़ा भी। संख्या में वृद्धि से ज्यादा गुणवत्ता से ही अच्छा परिणाम निकलेगा ।"
चीनी ललित-कला भवन ने अमरीका के ह्विटनेई कला संग्रहालय,नीदरलैंड के आमस्टर्डम स्थित वान.गौह संग्रहालय,फ्रांस के लोवर भवन,वर्साईलेस भवन,जार्जस पोम्पिदो सेंटर,ब्रिटेन के अजायबघर,दक्षिण कोरिया,स्लोवाकिया और फिनलैंड आदि देशों के संबंधित मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श कर चालू और अगले साल की साझा सांस्कृतिक गतिविधियों के बारे में सहमति-पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं।
हमें यह भी बताया गया है कि चीनी ललित-कला भवन के पुन:निर्माण का कार्य जल्द ही शुरू होगा। इस कार्य के तहत पुराने भवन से डेढ़ गुना बड़ा नया भवन या कहें कि 40 हजार वर्गमीटर फर्शी क्षेत्रफल वाला नया भवन बनाया जाएगा। निर्माण-कार्य पूरा होने के बाद नया चीनी ललित-कला भवन ललित कला से जुडे अंतर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान के लिए अव्वल दर्जे का एक कलात्कम,मनोरंजक व विश्रामवाला केंद्र का रूप ले लेगा औऱ वर्ष 2008 में पेइचिंग में होने वाले औलम्पिक खेलों की धूमधाम में इजाफ़ा करेगा।
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