चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई कमेटी के अध्यक्ष वु पांग क्वो ने 17 से 30 मई तक रोमानिया , मोलडोवा , यूनान तथा रूस की औपचारिक व मैत्रीपूर्ण यात्रा की और मास्को में आयोजिक शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के संसद अध्यक्षों की प्रथम भेंटवार्ता में भाग लिया । श्री वु पांग क्वो के साथ यात्रा पर गए राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई कमेटी के उप महा सचिव छाओ वी चो ने स्वदेश लौटने के रास्ते में चीनी संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि श्री वु पांग क्वो की मौजूदा यात्रा ने चीन और उपरोक्त चार देशों में आपसी राजनीतिक विश्वास तथा व्यवहारिक सहयोग को बढावा दिया है ।
श्री वु पांगक्वो की यात्रा के दौरान उन्हों ने चार देशों के राज्याध्यक्षों , संसद अध्यक्षों तथा प्रधान मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों , आर्थिक व्यापारिक सहयोग , संसदों के बीच आवाजाही तथा समान दिलचस्पी वाले अहम अन्तरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय सवालों पर रायों का आदान प्रदान किया और व्यापक सहमति प्राप्त की । अन्हों ने रोमानियायी संसद में अहम भाषण देते हुए चीन और यूरोपीय संघ के संबंधों तथा यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के साथ चीन की नीतियों पर प्रकाश डाला । चीन यूनान आर्थिक व्यापारिक सहयोग मंच पर उन्हों ने नए दृष्टिकोण से चीन की वर्तमान स्थिति का परिचय किया तथा शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर कायम रहने पर बल दिया । उन की रूस यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा तथा रूसी संसद के दोनों सदनों के बीच नियमित आदान प्रदान व्यवस्था का काम औपचारिक रूप से आरंभ हुआ। शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के संसद अध्यक्षों की प्रथम भेंटवार्ता में श्री वु पांगक्वो ने कहा कि चीन शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के संसद अध्यक्षों की भेंटवार्ता के पक्षधर और समर्थक है और उन्हों ने सदस्य देशों की संसदों से लचीला , विविध और सार्थक सहयोग बढ़ाने का सुझाव पेश किया ।
श्री वु पांग क्वो की मौजूदा यात्रा के महत्व की चर्चा करते हुए श्री छाओ वीचो ने कहा कि उन की यात्रा से चीन और संबंधित देशों के बीच परम्परागत दोस्ती और सुदृढ़ हो गयी है ,चीन यूरोप तथा चीन रूस संबंधों के विकास को गति मिल गयी है , जिस का अहम महत्व है । श्री छाओ ने कहा कि श्री वु पांग क्वो की यात्रा की सफलता आपसी लाभ वाले सहयोग , राजनीतिक विश्वास तथा संसदीय आवाजाही को गतिशील करने में उल्लेखनीय है ।
श्री छाओ वीचो ने कहा कि श्री वु पांग क्वो की मौजूदा यात्रा ने चीन और इन चार देशों के बीच आपसी लाभ वाले आर्थिक व्यापारिक सहयोग को सक्रिय बढावा दिया है । वे जहां भी गए , वहां इस बात पर देते थे कि अच्छे राजनीतिक संबंधों के जरिए आर्थिक व्यापारिक संबंधों के विकास को बढ़ाया जाना चाहिए । उन्हों ने चीन और इन चार देशों के द्विपक्षीय आर्थिक व्यापारिक सहयोग बढाने के लिए ठोस सुझाव पेश किए और आर्थिक व्यापारिक सहयोग में कारोबारों की मुख्य भूमिका पर बल दिया और बड़े पैमाने वाली परियोजनाओं को प्रेरणा दी और आपसी लाभ वाले सहयोग के स्तर को उन्नत करने की कोशिश की । चारों देश उन के सुझावों पर सहमत हैं , वे मानते हैं कि चीन का विकास क्षेत्र और विश्व तक की शांति , समृद्धि व स्थिरता के हित में है और आपसी लाभ वाले द्विपक्षीय सहयोग के लिए मौका लाया गया है ।
श्री छाओ ने कहा कि श्री वु पांगक्वो ने जिन चार देशों की यात्रा की थी , वे सभी चीन के साथ परमपरागत मैत्रीपूर्ण संबंध रखते हैं । यात्रा के दौरान श्री वु पांग क्वो ने चीन और चार देशों के परम्परागत मैत्रीपूर्ण संबंधों व अच्छे विकास के भविष्य का उच्च मुल्यांकन किया और दोहराया कि चीन इन के साथ संबंधों को भारी महत्व देता है । इन चार देशों के नेताओं ने श्री वु पांग क्वो के सुझावों का सक्रिय समर्थन किया और दोहराया कि वे एक चीन की नीति पर कायम रहेंगे और देश के शांतिपूर्ण पुनरेकीकरण के लिए चीन की कोशिशों का दृढ समर्थन करते हैं । श्री छाओ ने कहा कि चार देशों के नेताओं के रवैये ने चीन और चार देशों की परम्परागत दोस्ती को मजबूत किया है और आपसी राजनीतिक विश्वास बढ़ा दिया है ।
श्री छाओ ने कहा कि संसदीय आवाजाही की मजबूती भी श्री वु पांगक्वो की यात्रा की एक अहम कामयाबी है । उन्हों ने विभिन्न देशों के संसद अध्यक्षों के साथ संसदों के बीच सहयोग के तौर तरीकों पर रायों का आदान प्रदान किया और शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के संसद अध्यक्षों से भेंट में संगठन के आगे विकास तथा सदस्य देशों के संसदीय सहयोग की बढ़ोतरी पर विचार विमर्श किया और व्यापक सहमति प्राप्त की है ।
श्री छाओ ने कहा कि श्री वु पांग क्वो की यात्रा चीनी नेताओं की इस साल की एक अहम राजनयिक कार्यवाही है और बहुत ही सफल रही है।
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