• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2006-05-31 10:35:03    
शांघाई सहयोग संगठन की स्थाई संसद-अध्यक्ष बैठक व्यवस्था तय

cri

शांघाई सहयोग सगंठन के सदस्य देशों की प्रथम संसद-अध्यक्ष बैठक 30 तारीख को मास्को में आयोजित हुई।इस में शांघाई सहयोग संगठन के विकास और सदस्य देशों के संसदों में सहयोग को आगे बढाने के सवालों पर विचार-विमर्श हुआ और इस संगठन के ढांचे के तहत संसद-अध्यक्षों की स्थाई बैठक-व्यवस्था की स्थापना का निर्णय भी लिया गया ।30 तारीख की सुबह चीन,कज़ाकिस्तान,गिरकिजिस्तान,रूस,ताजेकिस्तान और उज़बेकिस्तान के संसद-अध्यक्ष स्तर के प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से मास्को के राष्ट्रपति रेस्ट्रां में आयोजित प्रथम संसद-अध्यक्ष बैठक में हिस्सा लिया और बैठक के बाद एक संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर भी किए।इस वक्तव्य में न सिर्फ शांघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के संसद-अध्यक्षों की स्थाई बैठक व्यवस्था तय की गई है,बल्कि स्पष्ट रूप से निश्चित भी किया गया है कि सदस्य देशों को शांघाई सहयोग संगठन के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले सहयोगों को कानूनी सुनिश्चिता देनी चाहिए।

30 तारीख को हुई बैठक के अध्यक्ष,रूसी संघीय समिति या रूसी ऊपरी सदन के अध्यक्ष श्री मिरोनोव ने इस बैठक की महत्ता और सफलता की भूरि-भूरि प्रशंसा की।उन्हों ने कहाः

"हमें इस बात की बड़ी खुशी है कि शांघाई सहयोग संगठन के शिखर-सम्मेलन के आयोजन की पूर्वसंध्या पर सदस्य देशों के संसद-अध्यक्षों ने एकत्र होकर अपने देशों के संसदों में सहयोग की व्यवस्था पर सलाह-मशविरा किया।इस बैठक में हासिल एक उपलब्धी ऐसी सर्वअनुमत्ति की प्राप्ति है कि संसद-अध्यक्षों की नियनित व स्थाई बैठक-व्यवस्था तय की जानी चाहिए।जहां तक बैठकों के ठोस ढंग व प्रणाली का सवाल है,इसे लेकर हम संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर कर चुके हैं और होने वाली बैठकों के तैयारी-कार्य़ के लिए संबंधित विशेषज्ञों के दल का गठन करेंगे।ज्ञातव्य है कि शांघाई सहयोग संगठन के राजाध्यक्षों और शासनाध्यक्षों के सम्मेलनों में पारित सभी प्रस्तावों का क्रियान्वय कानून-निर्माण की गारंटी से अलग नहीं हो सकता है और हम इस के लिए कोशिश कर रहे हैं।"

बैठक में चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई कमेटी के अध्यक्ष ऊ पांग-क्वो ने कहा कि चीन शाँघाई सहयोग संगठन की स्थाई संसद-अध्यक्ष बैठक व्यवस्था का समर्थन करता है और इस के जरिए संसदों के बीच सहयोग से जुड़े प्रमुख सवालों पर विचारों के आदान-प्रदान और सलाह-मशविरे के पक्ष में है।श्री ऊ पांग क्वो ने सुझाव भी प्रस्तुत किया कि सदस्य देशों के संसद शाँघाई सहयोग संगठन के भीतर आदान-प्रदान व सहयोग को प्रभावशाली कानूनी गारंटी प्रदान करें और आपस में लचीला व व्यवाहारिक सहयोग करें।उन का कहना हैः

"शांघाई सहयोग संगठन का तेज विकास हो रहा है।इसलिए उसे अपने सभी सदस्य देशों के संसदों के और ज्यादा समर्थन की आवश्यकता है,ताकि इस संगठन को कानूनी गारंटी मिल सके।संसदों के बीच सहयोग संगठन के ढांचे तले चलेगें,जो संगठन में व्यवस्था के निर्माण का एक अहम अंग हैं।इस संगठन के सिद्धांतों और लक्ष्यों के आधार पर सहयोग व समंवय मजबूत किया जाना चाहिए।रक्षा और अर्थतंत्र व व्यापार के क्षेत्रों में सहयोगों को वर्तमान समय के सहयोगों में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।हम अन्य सफल सांगठनिक व्यवस्थाओं के व्यवहारिक अनुभव सीखकर विभिन्न देशों के संसदों की विशेषताओं से मेल खाने वाली सहयोगी पद्धति खोज निकालने की कोशिश करेंगे।"

शांघाई सहयोग संगठन को स्थापित हुए 5 साल हो चले हैं।इस संगठन की गतिविधियां सुरक्षा,अर्थतंत्र और राजनीति आदि क्षेत्रों से ज़ुडी हैं।उजबेकिस्तान के निचले सदन के अध्यक्ष श्री खालिलोव का मानना है कि शांघाई सहयोग संगठन अनेक क्षेत्रीय मामलों और यहां तक कि वैश्विक मामलों के निबाटारे में अपनी अधिकाधिक जीवनी शक्ति दिखाई दे रहा है,जिस से क्षेत्रीय सहगोय को दुर्लभ अवसर मिले हैं।उन्हों ने कहाः

"इस बैठक से जाहिर है कि शांघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के संसदों में आपसी सहयोग पर कोई मतभेद नहीं है।बहुत से सवालों पर हमारे रूख समान हैं या एक दूसरे से काफी नजदीक हैं।संपन्न हुए संयुक्त वक्तव्य में हम ने इन रूखों पर फिर से जोर दिया है।मै समझता हूं कि यह संयुक्त वक्तव्य शांघाई सहयोग संगठन के भावी विकास की दिशा तय करने वाला एक महत्वपूर्ण राजनीतिक दस्तावेज है।"

शाघाई सहयोग संगठन के महासचिव चांग त-क्वांग ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहाः

"बैठक में विभिन्न देशों के संसद-अध्यक्षों ने शाँघाई सहयोग संगठन के भावी विकास पर विचार-विमर्श किया।हमें विश्वास है कि नए ढंग का यह अंतर्राष्ट्रीय सगंठन अपने चार्टर और नियमावलियों में निर्धारित दिशा की ओर चला जाएगा और इस क्षेत्र की समृद्धि व स्थायित्व तथा सदस्य देशों की जनता के हितों की रक्षा में प्रगतिशील रहेगा। "