• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International Thursday   may 15th   2025  
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2006-05-31 09:03:18    
कुंगपुच्यांगता कांऊटी का पासुंगचो प्रकृति संरक्षण क्षेत्र तिब्बत के छोटे स्वीटजरलैंड के नाम से विख्यात है

cri

प्रिय दोस्तो, चीन के भ्रमण के इस कार्यक्रम में आप हमारे साथ चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के कई प्रसिद्ध रमणीय पर्यटन स्थलों का दौरा कर चुके हैं। आप को मालूम ही है कि चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में पर्यटन संसाधनों की खूब भरमार है। पहले हम ने जितने ज्यादा पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया है, उतने पर हम मंत्रमुग्ध हो गये हैं और इन पर्यटन क्षेत्रों का सौंदर्य भूला नहीं सकते। अतः आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप को दक्षिण पूर्व तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में स्थित लीन ची क्षेत्र के दौरे पर ले चलते हैं।

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में लिन ची क्षेत्र से गुजरने वाली यालूचांगपू नदी तिब्बत के मध्मम निचले भाग में स्थित है। उस की ऊंचाई तिब्बत के अन्य क्षेत्रों से कम है, इसलिये यहां का मौसम अत्यंत सुहावना है, यहां बेशुमार तरह-तरह के पेड़ उगे हुए हैं और प्राकृतिक दृश्य अद्भुत अनुपम हैं। इसलिए यह क्षेत्र हरी-भरी निधि के नाम से जाना जाता है।

लिन ची क्षेत्र में रहने वाली कुंगपू तिब्बती लड़कियां गीत गाने में बहुत निपुण हैं। लिन ची क्षेत्र का पुराना नाम कुंगपू था इसलिए यह क्षेत्र कुंगपू तिब्बती जाति बहुलक्षेत्र के नाम से जाना जाता है। यहां के कुंगपू तिब्बती जातीय लोग गाने- नाचने के शौकीन ही नहीं, अपनी विशेष संस्कृति,परम्परा,रहन-सहन व पहनावे को भी बरकरार रखे हुए हैं। तिब्बती जाति के बीच उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाय़ी है।

लीन ची क्षेत्र में स्थित कुंगपुच्यांगता कांऊटी का पासुंगचो प्रकृति संरक्षण क्षेत्र तिब्बत के छोटे स्वीटजरलैंड के नाम से विख्यात है। इस क्षेत्र की पठारीय झील पासुंगचो तो और भी अधिक चर्चित है।

पासुंगचो झील का दूसरा नाम है चोकाउ झील। यह झील तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लिन ची क्षेत्र के कुंगपूच्यांगता कांऊटी से 50 किलोमीटर दूर पाह नदी की गहरी घाटी में स्थित है। तिब्बती भाषा में चो का अर्थ है झील और पासुंगचो का पूरा अर्थ है हरा-भरा पानी। यह झील समुद्र सतह से तीन हजार सात सौ से अधिक मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है। कुंगपुच्यांगता कांऊटी के पर्यटन ब्यूरो के प्रधान चाशीपिंगचो ने इस का परिचय देते हुए कहा कि तिब्बती भाषा में पासुंगचो झील का नाम तीन चट्टान झील है, जिस का मतलब है तीन चट्टानों के बीच स्थित झील। पासुंगचो का प्राकृतिक दृश्य स्वीटजरलैंड जितना ही सुंदर है और यहां का प्राकृतिक-पर्यावरण व पारिस्थितिकी का संरक्षण भी प्रशंसनीय है।

पासुंगचो झील का आकार-प्रकार गहरी घाटी में जड़े चंद्रमा जैसा है, उस की लम्बाई 12 किलोमीटर है और चौड़ाई कई सौ हजार मीटर तक है। झील का क्षेत्रफल चार सौ हैक्टर से अधिक विशाल है। झील का पानी इतना स्वच्छ है कि चारों ओर खड़े बर्फीले पर्वतों की परछाईयां पानी में स्पष्टतः दिखाई देती हैं। रंग-बिरंगी मछलियों के झुंड के झुंड पानी में क्रीड़ा करते हुए नजर आते हैं। झील के बीचोंबीच एक 13 वीं शताब्दी में निर्मित चोचुंग मठ खड़ी हुई है। यह दूमंजिला मठ लकड़ियों से बनायी गयी है। अंदर छांगपा बुद्ध और सहस्र हाथों वाली अवलोकीतेश्वर की मूर्तियां रखी हुई हैं।

पासुंगचो झील तिब्बती बौद्ध-धर्म के लाल-सम्प्रदाय की पवित्र झील है, हर वर्ष बहुत से तिब्बती लोग पूजा करने के लिये चोचुंग मठ आते हैं। मठ के दक्षिण में एक दूसरे से जुड़े आड़ू और देवदार पेड़ नजर आते हैं। वसंत में खिले हुए आड़ू के फूल और हरे-भरे देवदार पर्यटकों को बरबस अपनी ओर खींच लेते हैं। झील के उत्तर पश्चिम भाग में एक भीमकाय पत्थर भी है। पत्थर के बीचोंबीच एक बड़ी गुफा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। कहा जाता है कि इस गुफा में प्रवेश करने से बीमारियां दूर हो जाती हैं।

Post Your Comments

Your Name:

E-mail:

Comments:

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040