• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2006-05-30 20:25:24    
शांगहाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन का विशेष महत्व होगा

cri

शांगहाई सहयोग संगठन का शिखर सम्मेलन चीन के शांगहाई शहर में आयोजित होने की पूर्ववेला में चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिन थाओ ने 30 तारीख को पेइचिंग में संगठन के सदस्य देशों के संवाददाताओं के संयुक्त साक्षात्कार में कहा कि मौजूदा शिखर सम्मेलन का विशेष महत्व होगा और वह यूरोप एशिय क्षेत्र को चिरस्थाई शांति तथा समान समृद्धि दिलाने में मददगार सिद्ध होगा । सुनिए विस्तार से ।

शांगहाई सहयोग संगठन चीन , रूस , कजाखस्तान , गिर्गिजस्तान , ताजिकस्तान और उजबेकिस्तान द्वारा 15 जून 2001 को चीन के शांगहाई शहर में स्थापित हुआ एक स्थाई अन्तरसरकारी अन्तरराष्ट्रीय संगठन है , जो आपसी विश्वास , आपसी लाभ , समानता , सलाह मशविरे , विविध सभ्यताओं के सम्मान तथा साझा विकास की खोज के सिद्धांत का पालन करता है और बाहरी दुनिया के लिए गुटनिरपेक्ष , दूसरे देशों व क्षेत्रों के खिलाफ नहीं होने तथा खुलेपन के उसूल का पालन करता है । इस साल संगठन की स्थापना की पांचवीं वर्षगांठ है . संगठन का शिखर सम्मेलन 15 जून को शांगहाई में होगा । इस से पूर्व में चीनी राष्ट्राध्य हु चिन थाओ ने संवादादाताओं के साथ बातचीत में संगठन के विकास इतिहास व भविष्य , एशिया यूरोप क्षेत्र के सामने सुरक्षा की चुनौति तथा संगठन के अपनाए गए कदम, मौजूदा शिखर सम्मेलन के मुख्य विषय , शांगहाई सहयोग संगठन के विकास में चीन की भूमिका तथा संगठन के सदस्य देशों के संबंधों पर संवाददाताओं के प्रश्नों के उत्तर दिए और सब से पहले शिखर सम्मेलन के भारी महत्व पर चर्चा की . उन्हों ने कहा, शिखर सम्मेलन के दौरान संगठन के सदस्य देशों के राज्याध्यक्ष संगठन के विकास के मुख्य कार्यों , सदस्य देशों के बीच राजनीति , सुरक्षा , आर्थिक विकास , मानवी संस्कृति के क्षेत्रों में आपसी लाभ वाले सहयोग पर गहन रूप से रायों का आदान प्रदान करेंगे , वे अहम दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी करेंगे । शिखर सम्मेलन शांगहाई सहयोग संगठन की स्थापना के पांच सालों के अहम अनुभवों का निचोड़ निकालेगा और संगठन के भावी विकास की दिशा पर अध्ययन करेगा और सहयोग की ठोस योजना और कदम बनाएगा । मुझे विश्वास है कि यह सम्मेलन क्षेत्र को एक चिरस्थाई शांति व समान समृद्धि वाले सामंजस्यपूर्ण इलाका बनाने में लाभदायक होगा ।

एशिया यूरोप क्षेत्र की शांति , सुरक्षा व स्थिरता की समान रक्षा करना संगठन की स्थापना का शुरूआती उद्देश्य है और संगठन के वर्तमान काल का केन्द्रिय कार्य भी है । इस क्षेत्र के सामने मौजूद सुरक्षा के लिए खतरे की चर्चा में श्री हु चिन थाओ ने कहा कि संगठन की स्थापना के दिन ही सदस्य देशों के राज्याध्यक्षों ने सदस्य देशों के बीच आतंकवाद ,उग्रवाद तथा अलगाववाद पर प्रहार करने वाली शांगहाई संधि पर हस्ताक्षर किए थे । इस के बाद क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी केन्द्र कायम हुआ । शांगहाई सहयोग संगठन आतंकवाद पर प्रहार करने वाली सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय संगठन बन गया और उस ने अन्तरराष्ट्रीय आतंकवाद पर प्रहार करने में अहम भूमिका अदा की है । वर्तमान में अफगानिस्तान की सीमा में सुरक्षा व मादक पदार्थ तस्करी के सवाल की चर्चा में श्री हु चिन थाओ ने कहा, सीमा पार माकद पदार्थ तस्करी और इस से पैदा हुई सिलसिलेवार अपराधिक कार्यवाहियां शांगहाई सहयोग संगठन के सामने पड़ा गंभीर सवाल है , जिस का निपटारा करना काफी जरूरी है । संगठन के सदस्य देशों ने माकद पदार्थ पाबंदी सहयोग समझौता संपन्न किया है औ र संगठन आफगानिस्तान सरकार को मादक पदार्थ पाबंदी की कोशिश में सक्रिय मदद देता रहा है और पिछले साल आफगानिस्तान के साथ संपर्क दल भी कायम किया गया है , अब आफगानिस्तान को मादक पदार्थ पाबंदी समझौते में शामिल करने पर विचार किया जा रहा है । इस शिखर सम्मेलन में संघठन ने अफगान राष्ट्रपति करजाई को मेहमान देश के रूप में आमंत्रित किया है , मुझे विश्वास है कि इस से क्षेत्र में मादक पदार्थ पाबंदी कार्य को बढ़ावा दिया जाएगा ।

संगठन में चीन की भूमिका की चर्चा में श्री हु चिन थाओ ने कहा कि चीन संगठन के निर्माण व विकास पर भारी महत्व देता है , यह चीन द्वारा पड़ोसी देशों के साथ मैत्री और साझेदारी की विदेश नीति तथा शांति की प्राप्ति का स्वाभाविक तकाजा है । उन्हों कहा कि चीन ने सदस्य देशों के साथ आपसी विश्वास बढ़ाने , क्षेत्रीय व्यापारिक व आर्थिक सहयोग का विस्तार करने और मानवी संस्कृति में आदान प्रदान बढ़ाने में काफी बड़ी भूमिका अदा की है । उन्हें विश्वास है कि शांगहाई सहयोग संगठन अवश्य अपनी एकता सुदृढ कर व्यवहारिक सहयोग व कारगर कार्य करने वाला संगठन बनेगा ।