चीनी विदेश-मंत्रालय के प्रवक्ता श्री ल्यू च्येन शाओ ने 30 तारीख को पेइचिंग में कहा कि चीन व भारत के बीच भारतीय रक्षा मंत्री श्री प्रणव मुखर्जी की चीन-यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित मेमोरंडम किसी भी तीसरे पक्ष के खिलाफ़ नहीं है।
श्री ल्यू च्येन शाओ ने एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्री मुखर्जी 28 मई से 2 जून तक चीन की यात्रा पर हैं। उन की चीन-यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने चीन व भारत के प्रतिरक्षा क्षेत्र में आदान-प्रदान व सहयोग को मजबूत करने के मेमोरंडम पर हस्ताक्षर किये। चीन का मानना है कि यह कार्यवाई दोनों देशों व दोनों देशों की सेनाओं के संबंधों के विकास के लिए लाभदायक है।
श्री ल्यू च्येन शाओ ने कहा कि चीन व भारत के बीच 2000 वर्षों से अधिक समय से आवाजाही हो रही है और अधिकांश समय यह आवाजाही मैत्रीपूर्ण रही है। मेमोरंडम पर हस्ताक्षर करना दोनों देशों व दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंधों का विकास करने का परिणाम है , जो दोनों देशों के संबंधों के विकास के लिए लाभदायक है।
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