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(GMT+08:00) 2006-05-29 14:15:08    
चीनी ललित-कला भवन

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दोस्तो,चीन की राजधानी पेइचिंग का सांस्कृतिक व कलात्मक जीवन दिन-दूनी रात-चौगुनी गति से विकसित हो रहा है। इस में देश के एकमात्र राष्ट्रीय स्तर के ललित-कला भवन की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख करना ज़रूरी है। इस के तत्वावधान में देश की ही नहीं,बल्कि विश्व के अन्य देशों की संस्कृतियों व कलाओं से जुड़ी गतिविधियां भी आयोजित होती हैं।

चीनी ललित-कला भवन की चालू वार्षिक-योजना के तहत आगामी 10 महीनों के भीतर देशी व विदेशी कलात्मक वस्तुओं की कुल 115 प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा।

अब इस भवन में चीन की लोक ललित-कला,तैलीय चित्रों औऱ छाया-चित्रों के अलावा रूस की कलात्मक वस्तुओं,फ़्रांस की क्रिस्टल वस्तुओं,मेक्सिक्को की आधुनिक-कला तथा आस्ट्रिया की आधुनिक वास्तुकला के बारे में अनेक प्रदर्शनियां चल रही हैं। बेशक, चीनी दर्शकों के लिए आंखों की लालसा पूरी करने के ये बेहतर अवसर हैं।

वर्तमान चीन में विभिन्न प्रकार के आधुनिक व विविध संग्रहालय,अजायबघर और प्रदर्शनी-गृह बड़ी संख्या में कायम हुए हैं,लेकिन चीनी ललित-कला भवन हमेशा से ही देश के कलात्मक-विकास को सामयिक रूप से प्रदर्शित करने वाला केंद्र रहा है और यह चीन व विदेशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान की एक प्रमुख खिड़की भी है। यह भवन पेइचिंग के मरकजी इलाके में स्थित है,जो विश्वप्रसिद्ध प्राचीन चीनी-प्रासाद से लगा हुआ है।इस प्रासाद के पीछे के रास्ते से पूर्व की ओर थोड़ी दूर चलकर इस भवन की अद्भुत मुख्य इमारत आंखों के सामने आ खड़ी होती है। पूरा भवन परंपरागत चीनी वास्तुशैली में निर्मित है,जिस की छत चीनी मिट्टी से बनी पीली ईंटों की है और चारों कोनों के छज्जे आकाश की ओर उठे दिखाई देते हैं। भवन के परिसर में सभी भवन गलियारे के जरिए एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। परिसर में हरे-भरे पेड़-पौधे औऱ रंगबिरंगे फूल खिले हुए हैं। यहां कलात्मक एवं बौद्धिक परिवेश में प्राकृतिक सौंदर्य का आनन्द उठाया जा सकता है।

चीनी ललित-कला भवन का चीनी ललित कलाकारों और ललित कला प्रेमियों के मन में प्रतीकात्मक महत्व है। अनगिनत ललित कलाकार इस भवन में हुए अपनी प्रदर्शनियों के आयोजन का जीवन-भर गौरव महसूस करते हैं। चीनी ललित-कला भवन के महानिदेशक श्री फ़ान ती-आन ने चीनी ललित-कला जगत में इस भवन के उच्च स्थान पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा:

"मेरे विचार में सारी दुनिया में सिर्फ चीन ऐसा एक देश है,जिस में सभी ललित कलाकार राष्ट्रीय स्तर के एक ही ललित-कला भवन का इतना ख्याल रखते हैं। यह स्थिति संस्कृति को ललित-कला जगत द्वारा दिए जाने वाले महत्व और विकसित हो रही सामाजिक परंपरा से अलग नहीं हो सकती है।"

आज के विविध ललित कलात्मक क्रियाकलापों को एक सांस्कृतिक व अकामदिक प्लेट के जरिए व्यापक लोगों के समक्ष पेश किया जाना चाहिए। चीनी ललित-कला भवन इस दिशा में विदेशी विशेषज्ञों के साथ समान प्रयास कर रहा है। ऐसा करना यदि मार्गदर्शन नहीं कहा जाए,तो कम से कम एक अकादमिक रूझान माना ही जा सकता है।

पिछली शताब्दी के 80 वाले दशक के बाद चीनी ललित-कला भवन में देश और विदेशों के मशहूर ललित कलाकारों की कृतियों की 3000 से अधिक प्रदर्शनियां आयोजित हुई हैं,जिन सब का राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव रहा है। कोई 10 साल पहले इस भवन में आयोजित ओगेस्ट रोडिन कला प्रदर्शनी ने चीन भर में धूम मचायी थी। एक क्षण में वह देश के लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया था। चीनी ललित-कला प्रेमी देश के विभिन्न क्षेत्रों से इस प्रदर्शनी को देखने के लिए पेइचिंग में उमड़ आए थे। एक ही महीने के भीतर दर्शकों की सख्या 1 लाख को पार कर गयी थी । अक्तूबर 2004 में चीनी ललित-कला भवन में फ्रांसीसी संस्कारवादी चित्रों की प्रदर्शनी लगी। चीनी दर्शकों के लिए यह एक और ज्यादा उत्त्तेजना वाली बात थी। प्रदर्शनी के 38 दिनों में ही दर्शकों की तादाद 2 लाख 50 हजार तक जा पहुंची औऱ हर रोज़ भवन दर्शकों से खचाखच भरा रहा। इस के बावजूद बहुत से दर्शकों को टिकट नहीं मिल पाए। उन की मांग को पूरा करने के लिए भवन के प्रबंधकों को प्रदर्शनी की समाप्ति से पहले लगातार 36 घंटों तक भवन को खुला रखना पड़ा।

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