अभी-अभी बीता पहली मई अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस, पूर्वी चीन के च च्यांग प्रांत के हांगच्यो इस्पात-लोहा गुट के कर्मचारी श्री जू ची शन के लिए एक अविस्मरणीय दिन है। चूंकि इसी दिन उन्हें देश का पहली मई श्रम पुरस्कार मिला , जो चीन के हर एक श्रमिक के सपनों का सब से ऊंचा पुरस्कार है।
37 वर्षीय जू ची शन हांगच्यो इस्पात-लोहा गुट का एक मजदूर है। इस गुट का लगभग 50 वर्षों का इतिहास है, जो चीन की सब से बड़ी 500 कारोबारों की नामसूची में 94वें स्थान पर रहा है। श्री चू के काले रंग का मुख और बड़ी-बड़ी आंखें हैं। बातें करते समय उन के चेहरे पर अकसर मुस्कराहट खिली रहती है।
दसियों वर्ष पहले, हाई स्कूल में स्नातक चू जी शन अपनी जन्मभूमि में कृषि का काम कर रहे थे, कि हांगच्यो इस्पात-लोहा गुट ने नये मजदूरों को दाखिला करने की सूचना घोषित की। श्री चू जी शन की जन्मभूमि हांगच्यो से लगभग 100 किलोमीटर से ज्यादा दूर पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है। इस सूचना को सुनकर श्री चू जी शन ने बिना हिचकिचाहट आवेदन कर दिया। परीक्षा के बाद, वे हांगच्यो इस्पात-लोहा गुट के एक मजदूर बन गये और इस्पात वर्क-शॉप में काम करने लगे।
जब श्री चू जी शन ने पहली बार कारखाने आये, तो उन के दिल में तनावपूर्ण भावना भरी हुई थी। उन के अनुसार, उस वक्त, मुझे डर लगा था, क्योंकि इस्पात की भट्टी बहुत गर्म थी और उसमें से भारी आग निकल रही थी। पहले मैंने इस तरह का दृश्य कभी नहीं देखा था।
भट्टी के सामने काम करना एक बहुत कठिन और गन्दा काम है। चू जी शन के कारखाने आने से पहले अनेक शहरों के मजदूर इस नौकरी पर लम्बे अरसे के लिए काम नहीं कर पाते थे। लेकिन, श्री चू जी शन बचपन से ही ग्रामीण क्षेत्र में बड़े हुए थे, वे किसी भी कठिनाई का सामना करना के लिए हरदम तैयार रहते थे ।वे एक सहायक मजदूर से एक औपचारिक स्थाई मजदूर बन गये।
ऐसे मजदूर के लिए सब से पहले भट्टी में आग को देखने की तकनीक पकड़ना बहुत जरुरी है। इस तकनीक को पकड़ने के लिए श्री चू जी शन ने अनेक कठिनाइयों को सहा । 1700 सेन्टीग्रेड वाली भट्टी में आग के पास कोई भी व्यक्ति ज्यादा देर खड़ा नहीं रह सकता। श्री चू जी शन इस्पाट-बनाने की प्रक्रिया को अच्छी तरह जानने के लिए कई-कई घंटे भट्टी के पास रहते थे। हालांकि उन के मुख व शरीर पर पसीना आता रहता था, फिर भी उन्होंने संजीदगी से भट्टी में आग को लगातार देखा। आधे वर्ष के बाद, श्री चू जी शन ने अच्छी तरह इस महत्वपूर्ण तकनीक को पकड़ लिया।
इस के बावजूद, श्री चू जी शन संतुष्ट नहीं हैं। उन की नजर में मजदूर किसान में फर्क है। मजदूर के पास स्वास्थ्य व यथार्थ अनुभव होने के अलावा, कुछ सांस्कृतिक गुणवत्ता भी होनी चाहिए। उन के अनुसार, मेरा विचार है कि मजदूर किसान से भिन्न है। मजदूरों को व्यवसायिक क्षमता व प्रबंध क्षमता की ज़रुरत है और मजदूर के पास ज्ञान का होना भी बहुत महत्वपूर्ण है।
और अच्छा इस्पात बनाने , इस्पात बनाने की तकनीक को पकड़ने और ज्ञान को बढ़ाने के लिए श्री चू जी शन ने अनेक संबंधित पुस्तकें भी खरीदीं। रोज फुरसत के समय वे पुस्तकें पढ़ते हैं। उन की अधिकांश छुट्टियां तो पढ़ाई के जरिये ही बितायी गयी हैं। विश्विख्यात सुन्दर पश्चिमी तालाब के हांगच्यो में होने के बावजूद, वे बहुत कम पश्चिमी तालाब की यात्रा करते थे।
काम में जब मुसीबतें आयीं, तो श्री चू जी शन ने पुस्तकों से जवाब ढूंढने की कोशिश की। जब पुस्तकों से भी जवाब नहीं मिला, तो वे कारखाने के वृद्ध अनुभवी मास्टरों से पूछते। इतना ही नहीं, वे अपनी नोटबुक में संबंधित रिकार्ड भी करते थे। श्री ल्वो कांग श्री चू जी शन के मास्टर ही हैं। श्री चू जी शन की चर्चा में उन्होंने कहा, फुरसत के समय, श्री चू जी शन अकसर मेरे यहां आते और बातचीत करते हैं। हम अकसर इस्पात बनाने की तकनीक और इस बीच सामने आयी मुसीबतों पर विचार-विनिमय करते हैं।
श्री चू जी शन के प्रयत्न से, उन्होंने अनेक समुन्नत तकनीक की रचना की, जिन से बड़े हद तक इस्पात की शुभ-दर को उन्नत किया गया है और इस्पात बनाने के समय को कम किया गया है। इन की तकनीक को कारखाने में प्रसारित किये जाने के बाद, हांगच्यो इस्पात-लोहा गुट के औसत महीने के इस्पात उत्पादन में 2 हजार टन की वृद्धि हुयी है, और लगभग 8 लाख चीनी व्यान की किफायत भी। उन्होंने गुट के लिए अच्छा लाभांश जीता है।
अपनी श्रेष्ठता से छह वर्ष पहले, श्री चू जी शन कारखाने की भट्टी के प्रथम प्रधान बनें। उन के नेतृत्व में पहले पिछड़े ग्रुप का हर एक सदस्य मेहनत से काम करने लगा। श्री रो ची लेई इसी ग्रुप के एक सदस्य हैं। उन के अनुसार, श्री चू जी शन ने अपनी मेहनत से हमारे ग्रुप के हर एक सदस्य की सक्रियता को प्रेरित किया। उन के साथ काम करके हमें खुशी हुई है।
अपने प्रबंध कार्य को बखूबी अंजाम देने के लिए तीन वर्ष पहले श्री चू जी शन अपने खर्च पर चीन के एक विश्विद्यालय के प्रशासन व प्रबंध विभाग में पढ़ने गये , और उन्होंने डेढ़ साल में इस विभाग से स्नातक की डिग्री हासिल की।
अब श्री चू जी शन के नेतृत्व में, यह ग्रुप हांगच्यो इस्पात-लोहा गुट के कुल 12 ग्रुपों में प्रथम स्थान पर रहा है।
उल्लेखनीय तकनीक और अच्छे प्रबंध से श्री चू जी शन को क्रमशः अनेक पुरस्कार मिले हैं। वर्ष 2003 में उन्हें हांगच्यो शहर के दस किसान मजदूर सम्मानित किया गया। इस वर्ष पहली मई को, वे राजधानी पेइचिंग आये और राष्ट्रीय श्रम पुरस्कार प्राप्त किया। यह श्री चू जी शन का पसंदीदा गीत है, जिस का नाम है हम मजदूरों के पास क्षमता है। उन्होंने कहा कि इस गीत में मजदूरों की शक्ति अच्छी तरह प्रतिबिंबित हुई है।
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