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दोस्तो , पर्यटक ऐसे सुहावने मौसम में लो यांग की लुंगमन गुफाओं को देखने के बाद प्रसिद्ध पियोनिया उत्सव में भी भाग ले सकते हैं । हर वर्ष के अप्रैल से मई तक लोयांग शहर में रंगबिरंगे पियोनिया के खिलने का समय है । पूरे शहर में खिले हुए सुंदर पियोनिया देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर खींच लेते हैं । मौके पर लो यांग नगरपालिका भव्य पियोनिया उत्सव भी आयोजित करता है । लोयांग शहर के उप मेयर श्री क्वो च्छुन पिन ने परिचय देते हुए कहा कि लो यांग शहर में पियोनिया उगाने का इतिहास कोई हजार वर्ष पुराना है । यह पियोनिया फूल शकुन व खुशहाली का प्रतीक है और लोयांग शहर का गर्व भी । ![]( /mmsource/images/2006/05/25/3-2.jpg)
मूर्तियों की गुफा के दक्षिण में लुंगमन गुफा समूह का सब से प्रसिद्ध फंग श्येन मंदिर स्थित है । इस विशाल मंदिर में एक 17 मीटर ऊंची बुद्ध मूर्ति खड़ी हुई है । यह मूर्ति चीन के गुफा इतिहास में सब से सुंदर मानी जाती है। इतना ही नहीं , कुछ पश्चिमी पर्यटकों ने इस मूर्ति को पूर्व की मोनालिसा भी कह डाला है । गाइड सुश्री यांग थिंग ने कहा कि इस बड़ी मूर्ति की मुस्कान भरी दोनों आंखे सब से सुंदर हैं । उन का कहना है कि इस मूर्ति की दोनों आंखे तराशने का तरीका अपने ढंग का है , आंखों के डोले काले शीशे से तैयार हुए हैं । इसलिये आंखे देखने में बहुत सजीव लगती हैं । जब कोई भी पर्यटक सिर उठाकर इस मूर्ति के दर्शन करता है , तो वह अपनी नजर और बुद्ध की विनम्र व स्नेहपूर्ण दृष्टि को एक ही लाइन में मिला सकता है , जिस से पर्यटक को तुरंत ही ऐसा जान पड़ता है मानो वह बुद्ध के साथ भावना का आदान-प्रदान कर रहा हो । इस में मूर्ति कला का यह सब से ऊंचा स्तर अभिव्यक्त हुआ है कि बुद्ध हमेशा आम लोगों का ख्याल करते हैं।
कुछ लोग कहते हैं कि लुंगमन गुफाओं में यदि हरेक मूर्ति देखने में दो मिनट लगता है , तो तमाम मूर्तियों को देखने में कम से कम तीन-दिन,तीन-रात का समय लगेगा । 2000 में लुंगमन गुफा समूह को एक बड़े आकार वाले पत्थर पर तराशी कला कृति के म्युजियम के रूप में विश्व सांस्कृतिक विरासत की नामसूची में शामिल कर लिया गया । पेइचिंग विश्वविद्यालय के पुरातत्व शास्त्र के प्रोफेसर श्री मा शह चांग का मानना है कि लुंगमन गुफा समूह का मूल्य चीन की सब से विशाल व श्रेष्ठ मूर्ति कला के रुप में ही नहीं है , बल्कि इस गुफा समूह में इस्वी पांचवीं से दसवीं शताब्दी की लुप्त सभ्यता संरक्षित हो गयी है।
लुंगमन गुफाओं में विविधतापूर्ण चीजें संरक्षित हैं , उदाहरण के लिये एक धर्म की गर्भिता , उस के इतिहास , अर्थ , कला , और संस्कृति जैसी जानकारियां इन गुफाओं में उपलब्ध हैं । ऐसा कहा जा सकता है कि विश्व सांस्कृतिक विरासत नामसूची में शामिल करने से उस के इसी मूल्य की पुष्टि हुई है ।
दोस्तो , पर्यटक ऐसे सुहावने मौसम में लो यांग की लुंगमन गुफाओं को देखने के बाद प्रसिद्ध पियोनिया उत्सव में भी भाग ले सकते हैं । हर वर्ष के अप्रैल से मई तक लोयांग शहर में रंगबिरंगे पियोनिया के खिलने का समय है । पूरे शहर में खिले हुए सुंदर पियोनिया देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर खींच लेते हैं । मौके पर लो यांग नगरपालिका भव्य पियोनिया उत्सव भी आयोजित करता है । लोयांग शहर के उप मेयर श्री क्वो च्छुन पिन ने परिचय देते हुए कहा कि लो यांग शहर में पियोनिया उगाने का इतिहास कोई हजार वर्ष पुराना है । यह पियोनिया फूल शकुन व खुशहाली का प्रतीक है और लोयांग शहर का गर्व भी ।
वर्तमान विश्व में पियोनिया की जितनी भी किस्में उपलब्ध हैं , लोयांग शहर में उतनी ही पायी जाती हैं । लोयांग शहर में पियोनिया की किस्में करीब 970 से अधिक हो गयी हैं। यही नहीं , लो यांग शहर में पियोनिया उगाये जाने का क्षेत्रफल भी काफी विशाल है , अब लगभग दो हजार हैक्टर भूमि पर पियोनिया उगाया जाता है ।
जब अप्रैल व मई महीने में पियोनिया खिल उठते हैं , तो पूरा लोयांग शहर फूलों के समुद्र में डूब जाता है । पर्यटक न सिर्फ लाल , पीला और सफेद पियोनिया देख सकते हैं , बल्कि दुर्लभ काले , हरे और नीले रंग के पियोनिया भी देख पाते हैं । प्रिये श्रोताओ , यदि आप ऐसे मौसम में घूमने लो यांग आयेंगे , तो आप की यात्रा अवश्य ही सुखद होगी ।
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