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(GMT+08:00) 2006-05-22 18:47:22    
चीन में सब से शक्तिशाली महिला ---अखिल चीन महिला संघ की अध्यक्ष गू श्यो ल्येन

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सुश्री गू श्यो ल्येन चीन की सब से शक्तिशाली महिला मानी जाती हैं। इस के दो अर्थ हैः प्रथम, चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थायी कमेटी चीन की सर्वोच्च सत्ताधारी संस्था है, और सुश्री गू श्यो ल्येन चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की

 

स्थायी कमेटी की उपाध्यक्ष हैं। दूसरा, अखिल महिला संघ चीन की विभिन्न क्षेत्रों की महिलाओं द्वारा गठित सामुदायिक संगठन है। सुश्री गू श्यो ल्येन इस संगठन की सर्वोच्च नेता व अध्यक्ष हैं।

वसंत का एक दिन, चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थायी कमेटी के एक गेस्ट हाऊस में सुश्री गू श्यो ल्येन ने हमारी संवाददाता को इंटरव्यू देना स्वीकार किया। मध्यम कद वाली सुश्री गू श्यो ल्येन लोगों पर समर्थ व अनुभवी व्यक्तित्व की छवि का प्रभाव छोड़ती हैं।

20 से ज्यादा वर्षों से पहले च्यांग सू प्रांत की गर्वनर और दस से ज्यादा वर्षों से पहले रासायनिक व उद्योग-मंत्री,और नयी शताब्दी में चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थायी कमेटी की उपाध्यक्ष, अखिल चीन महिला संघ की अध्यक्ष तक, सुश्री गू श्यो ल्येन ने अनेक बार अपनी भूमिका बदली है। अब सुश्री गू श्यो ल्येन ने महिलाओं व बालकों की ओर ध्यान दिया है। बातचीत करते समय उन्होंने मुस्कुराते हुए हमें चीनी महिलाओं व बालकों के कार्य के विकास के बारे में परिचय दिया।हमारा देश महिलाओं की समस्याओं को बड़ा महत्व देता है और उन के समाधान के लिए सिलसिलेवार कदम भी उठाता है। चीन ने कानून, संस्थाओं तथा प्रचलन व्यवस्था के जरिये पुरुषों व महिलाओं के बीच समानता और महिला कार्य को आगे विकसित किया है और भारी उपलब्धियां भी प्राप्त की हैं।

सुश्री गू श्यो ल्येन ने कहा कि संविधान के आधार पर महिला-अधिकार व हितों की गारंटी की गयी है और महिलाओं के कल्याण की रक्षा करने व महिला कार्य के विकास को बढ़ाने की कानूनी व्यवस्था अब चीन में बुनियादी तौर पर स्थापित की गयी है। देश के 90 प्रतिशत काऊंटियों में महिला व बालकों के संरक्षण के लिए संस्थाओं की स्थापना हुई हैं।चीन की विभिन्न स्तरीय सरकारों ने ऊपर से नीचे तक महिला विकास कार्यक्रम निर्धारित किया है। इस तरह चीन में महिला कार्य विकासमान देशों में अपेक्षाकृत सर्वप्रथम स्थान पर रहा है। विकसित देशों की तुलना में चीन में महिला कार्य के विकास की अपनी विशेषताएं भी है।

चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा चीन की सर्वोच्च सत्ताधारी संस्था है, और देश की सर्वोच्च कानून निर्माण संस्था भी है। महिलाओं व बालकों की रक्षा करने के कानून निर्माण को आगे बढ़ाने के लिए सुश्री गू श्यो ल्येन अक्सर खुद ही चीन में अनेक स्थलों पर जाकर वहां की महिलाओं व बालकों की जीवन-स्थिति के बारे में जानकारी इक्कट्ठा करती हैं। चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की प्रतिनिधि सुश्री मो वन श्यो ने कहा,महिलाओं के कानूनी अधिकारों की रक्षा करने में सुश्री गू श्यो ल्येन ने भारी प्रयत्न किये हैं। वर्ष 2002 से, वह अक्सर चीन के विभिन्न शहरों व गांवों में जाकर महिलाओं के अधिकार व हितों के गारंटी कानून के कार्यान्वयन को देख कर महिलाओं के अधिकारों व हितों के संरक्षण की जांच करती हैं।उन्होंने इस गारंटी कानून में संशोधन के बुनियादी सिद्धांत व विचारधारा निर्धारित की है।

पुरुषों व महिलाओं के बीच समानता की बुनियादी नीति से चीन में काफी उपलब्धियां हासिल होती रही हैं। सुश्री गू श्यो ल्येन ने संवाददाताओं से कहा कि आज शहरों व कस्बों में रोजगार करने वाले लोगों में हर सौ व्यक्तियों में 40 से ज्यादा महिलाएं ही हैं। लेकिन, ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं व बालकों की विकास स्थिति की चर्चा में सुश्री गू श्यो ल्येन ने माना कि कुछ ग्रामीण क्षेत्रों के लोग लड़कों को लड़कियों से अच्छा मानते हैं, लड़कियां गरीबी के कारण स्कूल नहीं जा पाती हैं। पानी के अभाव वाले पश्चिमी क्षेत्रों में महिलाओं की जीवन-स्थिति खराब है। इन सब बातों से सुश्री गू श्यो ल्येन का दिल भर आता है।

मां का ताल की परियोजना अखिल महिला-संघ द्वारा वर्ष 2000 में पारित की गयी है। वह पश्चिमी क्षेत्र में सूखे क्षेत्रों के किसानों द्वारा वर्षा के पानी को इकट्ठा करने की एक परोपकार परियोजना है। चीन के पश्चिमी सूखे क्षेत्रों में पानी के अभाव से, अधिकांश पुरुष बाहर जाकर मजदूर बनें हैं, जबकि उन की महिलाएं व बच्चे घर में रहती हैं। उन के घरों में जीवन-स्थति व स्वास्थय की स्थिति अत्यन्त खराब है। एक हजार से ज्यादा चीनी य्वान से एक मां के ताल का निर्माण किया जा सकता है और घर में चार परिवारजनों के जीवन व उत्पादन के पानी की समस्या हल की जा सकती है।

मां का ताल की परियोजना के लिए चंदा इकट्ठा करते समय पेइचिंग में एक रासायनिक मेला आयोजित किया गया था। भूतपूर्व रासायनिक मंत्री की हैसियत से सुश्री गू श्यो ल्येन ने वर्तमान मेले में भाग लिया। मेले में उन्होंने कुछ रासायनिक कारोबारों के जिम्मेदार व्यक्तियों से कहा कि देश के पश्चिमी क्षेत्रों में मां के ताल के निर्माण के लिए मैं आप लोगों से पैसे मांगना चाहती हूं। आप लोग पश्चिमी भागों में मां का ताल के निर्माण को समर्थन दीजिये। ये लोग सुश्री गू श्यो ल्येन की बातों से प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि हम आप का समर्थन करते हैं।सुश्री गू श्यो ल्येन द्वारा अखिल महिला संघ का अध्यक्ष पद संभालने से अब तक उन्होंने मां का ताल परियोजना , ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को दवाएं व चिकित्सा देने वाली मां की स्वास्थ्य-परियोजना, गरीब क्षेत्रों की बच्चियों को स्कूल में दाखिला करने की कली-परियोजना और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ लड़कियों को तकनीकी प्रशिक्षण देने की परियोजना आदि परियोजनाओं की मध्यस्थता की, जिन से आम नागरिक बहुत प्रभावति हुए।

अखिल महिला-संघ के सचिवालय की सचिव सुश्री वांग नाई शन ने संवाददाताओं से कहा कि एक बार क्वेई च्यो में मां का ताल की परियोजना से लाभ पाने वाली एक नेत्रहीन वृद्धा ने गू श्यो ल्येन के हाथों को पकड़कर कहा , हालांकि मैं आप को नहीं देख पाती हूं, फिर भी मैं आप के हाथों को छूना चाहती हूं। मैं आप के प्रति बहुत-बहुत आभारी हूं।

महिलाओं के कार्य के विकास को आगे बढ़ाने के लिए सुश्री गु श्यो ल्येन के नेतृत्व वाली अखिल महिला-संघ ने कैनेडा,, आस्ट्रेलिया और अमरीका आदि दस से ज्यादा देशों व क्षेत्रों की सरकारी संस्थाओं व गैरसरकारी संगठनों के साथ अनेक सहयोग किया। इन परियोजनाओं में गरीबी-उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगारी व महिलाओं के हितों व कल्याणों की रक्षा आदि क्षेत्र शामिल हैं, जिन की संख्या एक हजार से ज्यादा है।

सारा दिन महिलाओं के कार्यों के लिए मेहनत करने वाली सुश्री गू श्यो ल्येन का एक अच्छा सा पति है। उन के पति एक विद्वान हैं और लम्बे अरसे से सुश्री गू श्यो ल्येन का समर्थन करते आए हैं। सुश्री गू श्यो ल्येन ने हमें बताया,मेरे घर में मेरे पति मुझ से अच्छी तरह खाना बना सकते हैं। मैं अक्सर उन की प्रशंसा करती हूं, इसलिए, घर में मैं बहुत कम खाना बनाती हूं। अब चीन में यह चलन हो गया है कि अनेक पुरुष अच्छी तरह खाना बनाते हैं।

बिदाई के समय, सुश्री गू श्यो ल्येन ने हमें बताया कि यदि रेगिस्तान में एक बच्चे ने एक बाघ का सामना किया, तो वह अवश्य ही यह कहेगा , अरे मेरी मां। वह यह नहीं कहेगा, अरे मेरे बाप। इस में महिलाओं की महत्ता पूर्ण रुप से प्रतिबिंबित हो जाती है। सुश्री गू श्यो ल्येन ने कहा कि चीन में महिलाएं और अधिक योगदान दे सकेंगी। उन के अनुसार,हमारे देश की सरकारें व पार्टियां हमें बड़ा महत्व देती हैं। हमें मेहनत से काम करके देश के लिए योगदान करना चाहिए।