
प्रिय दोस्तो, आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप को पेइचिंग शहर के कई पुराने शाही उद्यानों के दौरे पर भी ले जा रहे हैं। पेइचिंग शहर के पुराने शाही उद्यान इस शहर के नेम कार्ड ही नहीं, चीन की प्राचीन वास्तु शैलियों से युक्त म्युजियम के रुप में जाने जाते हैं।
पेइचिंग शहर में दसेक प्रसिद्ध छोटे बड़े ध्यानाकर्षक शाही उद्यान हैं, जिन में प्रसिद्ध पेइहाई पार्क सब से चर्चित है। विशेषकर पेहाई पार्क की विशाल झील में तीन पर्वत की वास्तु कला बेहद दिलचस्प है। किसी भी साधारण व्यक्ति को इसी वास्तु शैली के अनुसार एक झील में तीन टापू बनाने की मनाही थी। ऐसा करने वाले का वध कर दिया जायेगा, ऐसा विधान था।
प्रिय दोस्तो, पेइहाई पार्क घूमने के बाद अब हम चलते है पश्चिमी पेइचिंग शहर में स्थित समर पेलेस देखने। समर पेलेस का निर्माण 1750 में हुआ था। समर पेलेस के उप निदेशक श्री काउ थ्येन वई ने कहा कि विश्व सांस्कृतिक विरासतों में से होने के नाते समर पेलेस सचमुच ही चीनी रमणीक बागान का नमूना कहा जा सकता है। उन का कहना है कि समर पेलेस पेइचिंग शहर के शाही उद्यानों का असाधारण नमूना है और उस का संरक्षण भी पेइचिंग शहर के शाही बागानों में सब से बढ़िया है।
समर पेलेस का क्षेत्रफल करीब तीन सौ हैक्टर है। उस में भवनों और मंडपों के अतिरिक्त बहुत सुंदर मंदिर और साफसुथरे प्राकृतिक दृश्य भी देखने को मिलते हैं। ऐसा कहा जा सकता है कि समर पेलेस ने चीनी शाही वास्तु की दूसरी विशेषता की यह अभिव्यक्ति की है कि दुनिया के तमाम सौंदर्य को एक ही बागान में जोड़ने की कोशिश की गयी है।
समर पेलेस के प्रमुख पर्यटन क्षेत्र में वान शाओ शान पर्वत और खुन मिंग झील हैं। 50 मीटर ऊंचे वान शाओ शान पर्वत का आकार चमगादड के रूप जैसा मालूम पड़ता है, जबकि खुन मिंग हू झील का आकार-प्रकार एक आड़ू जैसा है। चीनी पारम्परिक धारणा के अनुसार चमगादड़ का मतलब सुख ही है और आड़ू दीर्घायु का प्रतीक है। शुरू में छिंग राजवंश के राजा छ्येन लुंग ने अपनी मां के जन्म दिवस की खुशियां मनाने के लिये इस शाही उद्यान का निर्माण करवाया था। इसलिये चीनी खुशहाल व दीर्घायु की संस्कृति इस शाही उद्यान में पूर्ण रूप से अभिव्यक्त हो गयी है।
समर पेलेस का लम्बा गलियारा सब से ध्यानाकर्षक है। यह गलियारा 725 मीटर लम्बा है और वह विश्व में सब से लम्बा होने की वजह से गिनीस विश्व रिकार्ड सूची में शामिल भी हो चुका है।
इस लम्बे गलियारे को छोड़कर तेह ह य्वान नामक औपेरा मंच भी बेहद चर्चित है और वह चीन में सुरक्षित सब से बड़ा प्राचीन औपेरा मंच भी जाना जाता है। 21 मीटर ऊंचे इस मंच की तीन मंजिलें हैं। इस औपेरा मंच की डिजाइन भी अपने ढंग की है। ब्रिटेन की पर्यटक सुश्री मास्केल ने इस मंच को देखने के बाद कहा कि यहां पर औपेरा देखने में जरूर मजा आयेगा। यह थिएटर सचमुच ही अत्यंत दिलचस्प है, हम बेहद प्रभावित हुए हैं।
समर पेलेस से बाहर निकलकर पूर्व की ओर आगे बढ़ें, तो य्वान मिंग य्वान पार्क तक पहुंचा जा सकता है। य्वान मिंग य्वान पार्क छिंग राजवंश के राजाओं के सब से प्रिय महलों में से एक है। खेद की बात है कि 1860 में ब्रिटिश व फ्रांसीसी संयुक्त सेनाओं ने इस उद्यान की धृष्टता के साथ लूट खसोट की थी, जिस से वहां अब खण्डहर ही रह गया है। पर वहां के खण्डहरों के सामने खड़े होकर आप हाथों से तराशे गये पत्थर छूते हैं, तो आप तत्काल उस की भव्यता की कल्पना कर सकते हैं। पेइचिंग की पर्यटक सुश्री हान निंग ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि मुझे लगता है कि मैं समर पेलेस के बजाये य्वान मिंग य्वान पर ज्यादा मोहित हूं। हालांकि अब यहां खण्डहर रह गये हैं, पर उन्हें देखकर आप तत्कालीन रौनकदार दृश्य की कल्पना कर सकते हैं। यहां की भव्यता और शांतिमय दृश्य पर्यटकों को अचम्भे में डाल सकते हैं। यहां तोड़फोड़ होने पर भी अपने अद्भुत सौंदर्य का आसार नजर आता है।
प्रिय श्रोताओ, यदि आप औलम्पियाड या कोई न कोई दिन चीन का भ्रमण करने आयेंगे, तो आप उक्त तीनों शाही उद्यानों को ज़रूर देखने जाएं और पेइचिंग शहर के शाही पर्यावरण को जी भरकर महसूस करें।
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