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(GMT+08:00) 2006-05-09 09:20:10    
तिब्बत का विकास सहायता कोष

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तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा के केंद्र स्थित पोताला महल के पश्चिमी भाग में एक बहुत मामली सी दुमंजिला इमारत खड़ी हुई है । इमारत के द्वार पर एक छोटा सा नाम तख्त लगा हुआ है । अगर इस पर ध्यान नहीं देगा, तो लोगों को मुश्किल से पता चलेगा कि यहां तिब्बत का विकास सहायता कोष स्थित है । तिब्बत के विकास सहायता कोष के उप महा सचिव श्री न्गापो जिगय्वान ने इस कोष के बारे में जानकारी देते हुए कहाः

"तिब्बत के विकास सहायता कोष की स्थापना वर्ष 1987 के अप्रेल में हुई । कोष के संस्थापक स्वर्गीय दसवें पंचन लामा और चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय समिति के वर्तमान उपाध्यक्ष नगापो अवांजिन्मे हैं ।"

श्री न्गापो जिगय्वान ने कहा कि तिब्बक के विकास सहायता कोष की स्थापना का मकसद तिब्बत में सामंजस्यपूर्ण समाज का निर्माण करना है । वह सरकार के साथ मिल कर चीन में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश तथा अन्य तिब्बती बहुल क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान करने से तिब्बती लोगों के जीवन स्तर को उन्नत करता है । तिब्बत के विकास सहायता कोष ने अपनी स्थापना के बाद तिब्बत में बीस करोड़ य्वान की पूंजी लगाकर सांस्कृतिक व शैक्षिक क्षेत्र , स्वास्थ्य, गरीबी उन्मुलन, विज्ञान व तकनीक, आर्थिक विकास तथा पारिस्थितिकी संरक्षण आदि क्षेत्रों में 640 से ज्यादा परियोजनाएं चलायी हैं।

ज्योति वापस परियोजना के अलावा, तिब्बत का विकास सहायता कोष शिक्षा व सांस्कृतिक अवशेष संरक्षण परियोजना भी लागू करता है । कोष ने क्रमशः तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विभिन्न ग्रामीण व चरवाह क्षेत्रों में दो सौ से ज्यादा प्राइमरी स्कूल व तित्बती भाषी मिडिल स्कूल खोले और बीस से ज्यादा सांस्कृतिक अवशेषों का संरक्षण व जीर्णोद्धार किया । वर्ष 2000 से अब तक तिब्बत के विकास सहायता कोष ने एक सौ से अधिक गरीब विद्यार्थियों को शिक्षा पूरा करने के लिए सहायता दी है ।

इधर के वर्षों में तिब्बत के विकास सहायता कोष ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में अनेक बाल कल्याण सदनों और सामाजिक कल्याण सदनों का निर्माण किया, ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण के लिए पूंजी लगायी, और प्राकृतिक विपदा की रोकथाम व राहत कार्य में हाथ बटाया। इन के अलावा, कोष ने देश के भीतर विभिन्न जगतों से तिब्बत से प्यार और तिब्बत की सहायता शीर्षक गतिविधि चलायी, जिस के जरिए तिब्बत के विकास के लिए चंदा जुटाया गया , कोष ने इस चंदे की धन राशि का प्रयोग कर तिब्बत के सरहदी क्षेत्रों के गरीब किसानों व चरवाहों के लिए सोर ताप संयंत्र लगाये ।

तिब्बत का विकास सहायता कोष चीन भर में चंदा जुटाने के अलावा, अंतरराष्ट्रीय मैत्रीपूर्ण संगठनों व कोषों के साथ सहयोग कर संयुक्त रूप से तिब्बत में सहायता गतिविधियां भी चलाता है । इन विदेशी संगठनों के साथ सहयोग के सिद्धांत की चर्चा करते हुए श्री न्गापो जिगय्वान ने कहाः

"हमारे कोष का एक सिद्धांत है कि हम विदेशी संगठनों व कोषों से ऐसे चंदा व सहायता स्वीकार करते हैं, जिन पर कोई अतिरिक्त शर्त नहीं लगी हो और जो सहायता देना है वह मुफ्त होना चाहिए । इधर के वर्षों में हमारे कोष ने विश्व के अनेक कोषों व मैत्रीपूर्ण संगठनों, दलों व व्यक्तियों के साथ संपर्क व पारस्परिक विश्वास की स्थापना की, और हमारी सहायता की परियोजनाएं अच्छी तरह चल रही हैं ।"

अपनी स्थापना के बाद पिछले 18 वर्षों में तिब्बत के विकास सहायता कोष ने कुल बीस करोड़ य्वान का चंदा प्राप्त किया, जिन में आधा भाग विदेशों से आया है । तिब्बत के विकास सहायता कोष के साथ सहयोग करने वाले विदेशी संगठनों में जर्मनी का मिसेरोर कोष शामिल है । इस कोष ने तिब्बत में अनेक वृद्ध कल्याण सदनों की सुविधा उन्नत करने के लिए पूंजी लगायी, उस ने तिब्बत के अली प्रिफ़ैक्चर की जादा कांउटी में एक प्राइमरी स्कूल की स्थापना की और अली प्रिफ़ेक्चर के हिमपाती विपदा से ग्रस्त क्षेत्र को तीस लाख य्वान का राहत चंदा प्रदान किया । इस के अलावा, होलैंड के फ़ेच आईकैर वर्ल्डवाइड, अमरीकी सेवा आईकैर कोष और स्वीडजरलैंड के रेडक्रोस सोसाइटी ने अपने विशेषज्ञों व डाकटरों को भेज कर तिब्बत के विकास सहायता कोष द्वारा चलायी गई ज्योति वापस परियोजना में भाग लिया और तिब्बत में तिब्बती चिकित्सकों के लिए प्रशिक्षण कक्षाएं खोलीं । फिलहाल तिब्बत का विकास सहायता कोष जर्मनी के एक अंतरराष्ट्रीय नेत्रहीन सहायता परियोजना के साथ सहयोग कर रहा है, उस ने तिब्बत की राजधानी ल्हासा और शिकाज़े प्रिफ़ैक्चर में एक एक नेत्रहीन रोज़गारी प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की ।