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(GMT+08:00) 2006-04-26 19:45:23    
चीनी कालेज़ों की भरती के लिए मौखिक परीक्षा पर महत्व

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कुछ समय पूर्व पूर्वी चीन में सब से मशहूर फूतान विश्वविद्यालय ने लिखित परीक्षा के बिना तीन सौ नये छात्रों की भरती की पुष्टि की । यह चीन के इतिहास में प्रथम बार है कि छात्र सिर्फ मौखिक-परीक्षा के माध्यम से किसी उच्च शिक्षालय में दाखिल हो सके । क्योंकि चीन के विश्वविद्यालयों ने अपने सुधार के कार्य में परंपरागत रास्ते के अलावा कुछ नये माध्यमों को महत्व देना शुरू किया है । और ऐसे सुधार का समाज में पूरा स्वागत किया जा रहा है ।

शांघाई शहर के एक हाई स्कूल की तीसरी श्रेणी में पढ़ रही लड़की चांग भी उन तीन सौ भाग्यशाली विद्यार्थियों में से एक है । उन्हों ने कहा कि परंपरागत परीक्षाओं की तुलना में फूतान विश्वविद्यालय की मौखिक परीक्षा बेहतरीन है । क्योंकि छात्र ऐसी परीक्षा में अपनी सच्ची क्षमता दिखा सकता है । परंपरागत लिखित परीक्षा में अक्सर कई बार पता चलता है कि उच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र वास्तव में कमजोर हैं । पर मौखिक परीक्षा के जरिये छात्रों की सहयोग क्षमता और सृजन क्षमता आदि दूसरों के सामने स्पष्ट हो सकती है । और बातचीत के दौरान एक छात्र का चरित्र, नैतिकता और बाहरी शर्तों आदि को नहीं छिपाया जा सकता है ।

पूर्वी चीन का फूतान विश्वविद्यालय चीन में बहुत मशहूर है । मौखिक परीक्षा द्वारा विद्यार्थियों को भरती करने की खबर पाने के बाद देश में कुल छह हजार छात्रों ने इस की परीक्षा में भाग लेने के लिए नाम पंजीकृत किया । पर मौखिक परीक्षा से पहले फूतान विश्वविद्यालय ने इन छह हजार छात्रों को एक संक्षिप्त लिखित परीक्षा दी और उन में से एक हजार छात्र चुने ।

मौखिक परीक्षा के लिए फूतान विश्वविद्यालय के सौ से अधिक प्रोफेसरों ने विशेष परीक्षा दल गठित किया जिस के सब सदस्यों को संस्कृति , सामाजिक- विज्ञान , तकनीक , प्राकृतिक-विज्ञान तथा नैतिक-शिक्षा के संदर्भ में उच्च गौरव प्राप्त हैं । सभी प्रोफेसरों को पांच-पांच के दलों में बांटा गया । मौखिक परीक्षा के समय छात्रों ने ड्रा के जरिये विशेषज्ञ दल चुन लिया । और विशेषज्ञ दल के पांच प्रोफेसरों के साथ अलग-अलग तौर पर बातचीत करने के बाद छात्रों को अपने अंक प्राप्त हुए ।

विशेषज्ञ दलों द्वारा छात्रों से पूछे गये सवाल बहुत दिल्चस्प हैं । उन में ऐसे सवाल भी शामिल हैं जैसे , आप उदाहरण दे कर अपनी जिम्मेदारी भावना बताइये। अगर आप शांघाई शहर के मेयर हैं , तो आप इस शहर के यातायात में हरदम आने वाली रुकावट से कैसे निपटेंगे । अगर आप को एक गतिविधि का आयोजन करने के लिए धनराशि सौंप दें , तो आप काम कैसे शुरू करेंगे । इत्यादि ।

फूतान विश्वविद्यालय के उप कुलपत्ति श्री त्साई ने कहा कि देश की अखिल कालेज प्रवेश-परीक्षा में छात्रों की वास्तविक क्षमता की जांच नहीं की जाती है । इसलिए फूतान विश्वविद्यालय ने अपनी मौखिक परीक्षा के जरिये छात्रों की पूर्ण जांच करने का प्रयास किया । हम मौखिक परीक्षा के माध्यम से छात्रों की नैतिकता , समाज के प्रति विचारधारा , तथा देश के लिए अपनी जिम्मेदारी आदि जानकारियां जानना चाहते हैं । इस के बाद हम यह भी जानना चाहते हैं कि छात्रों की अध्ययन क्षमता में कोई नीहित शक्ति है कि नहीं । और उन में मौजूदा जानकारियों के प्रति आलोचना दृष्टि या संदेह करने का साहस है कि नहीं । इस के अलावा हमें छात्रों की सामाजिक गतिविधियों और व्यक्तिगत आपबीतियों में भी बहुत रूचि है ।

चीन के छात्रों को कालेज में भरती होने के लिए अखिल कालेज प्रवेश परीक्षा में पास होना ही पड़ता है । लेकिन इस परीक्षा में आम तौर पर छात्रों की पाठ्य पुस्तकों में से प्राप्त जानकारियों की जांच की जाती है । परीक्षा में पास होने के लिए बहुत से छात्रों ने केवल पाठ्य पुस्तकों के अध्ययन को महत्व दिया है ,और उन की पूर्ण क्षमता आम तौर पर कमजोर है ।

श्री त्साई के अनुसार परंपरागत परीक्षा से चीनी छात्रों की परीक्षा में पास होने का कौशल बढ़ाया गया है , पर छात्रों को स्वयं अध्ययन करने तथा वास्तविक काम करने की क्षमता हासिल नहीं हुई है । और साथ ही में ऐसी व्यवस्था की वजह से छात्रों में तर्क शक्ति और नैतिकता का अभाव होता है । और छात्रों की समाज में जीने की शक्ति भी कमजोर होती है । फूतान विश्वविद्यालय मौखिक परीक्षा के जरिये प्राइमरी व मीडिल स्कूलों में पढ़ रहे चीनी छात्रों के विचार को बदलना चाहता है , ताकि उन की वास्तविक क्षमता बढ़ सके ।

लड़के वांग ने फूतान विश्वविद्यालय की इस मौखिक परीक्षा में भाग लिया। उन्होंने परीक्षा में पास होने के लिए परीक्षा नहीं दी । पर उन्हें यह महसूस हुआ कि फूतान विश्वविद्यालय के उपाय से उन में नया विचार पैदा होने लगा है । वांग ने कहा कि फूतान विश्वविद्यालय की परीक्षा में छात्रों की सच्ची क्षमता की जांच की जाती है । क्योंकि प्रोफेसरों द्वारा पूछे गये सवाल पाठ्य पुस्तकों में से बिल्कुल नहीं होते हैं । अगर छात्रों की संपूर्ण क्षमता कमजोर है , तो ऐसी परीक्षा में पास होना कठिन होगा ।

वांग ने कहा , मेरे ख्याल में मौखिक परीक्षा में पास होने के लिए कम से कम दो तीन सालों का प्रयास करना ही पड़ता है । ऐसी परीक्षा में पास होने के लिए कई माह की कठोर कोशिश करना बेकार है । साथ ही छात्रों को पाठ्य पुस्तकों से सीखने के साथ-साथ सार्वजनिक गतिविधियों में सक्रियता से भाग लेना ही चाहिये । छात्र-संघ जैसे संगठनों में भाग लेने की बड़ी आवश्यकता है , क्योंकि वह गौरव के लिए नहीं , सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने के जरिये छात्र अपनी वास्तविक क्षमता को बढ़ा सकता है ।

फूतान विश्वविद्यालय की नयी परीक्षा का व्यापक स्वागत किया जा रहा है। शिक्षा जगत के सूत्रों , मीडिया और छात्रों के माता-पिता का विचार है कि ऐसी परीक्षा छात्रों की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है । लेकिन इस नये उपाय की आलोचना करने की आवाज भी उभरी है । कुछ ने कहा कि मौखिक परीक्षा में पास होना ग्रामीण क्षेत्रों में पढ़ रहे गरीब छात्रों के लिए असंभव है । इसलिए वह अन्यायपूर्ण है । और यह भी चर्चित है कि फूतान विश्वविद्यालय की परीक्षा में भाग लेने वाले अधिकांश छात्र शांघाई शहर ही में रहते हैं , यह दूसरे शहरों में रहने वाले छात्रों के लिए भी बहुत ही अन्यायपूर्ण है ।

यहां यह भी एक जुड़ने वाला सवाल है, छात्रों की गुणवत्ता और गुणी शिक्षा का प्रसार । इधर के वर्षों में चीन सरकार ने शिक्षा रुपांतरण पर विशेष जोर दिया है । और इस कार्य में भी प्राइमरी व मिडिल स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था के सुधार को प्राथमिकता दी है ।

गुणी शिक्षा से छात्रों की वास्तविक गुणवता व क्षमता को उन्नत करना है । परंपरागत शिक्षा व्यवस्था की तुलना इस का फर्क यह है कि छात्रों को परीक्षा में बेहतर अंक नहीं , बल्कि उन्हें ज्यादा वास्तविक क्षमता उपलब्ध कराने पर जोर देनी है । चीन की मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में अध्यापक, अपने छात्रों को परीक्षा पास करने के लिये बहुत सा गृहकार्य करने को कहते हैं , छात्र इसे लदा रहता है । ऐसी शिक्षा व्यवस्था से उन छात्रों , जो बढिया अंक प्राप्त करते हैं , की वास्तविक क्षमता आम तौर पर बेचारगी की हालत में रहती है । दूसरी ओर , अन्य छात्र , जो अच्छे अंक पाने में असमर्थ रहते हैं , की पढ़ने में रूचि भी निम्न बनी रहती है । इसलिये वर्ष दो हजार से चीनी शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों को गुणी शिक्षा देने का आह्वान किया , इस का उद्देश्य यही है कि गृहकार्य के बोझ को कम कर छात्रों की नीहित शक्ति जगायी जाए , और आधुनिक सूचनाओं के जरिये उन की मिश्रित क्षमता उन्नत की जाए ।

चीन , गुणी शिक्षा के अपने कार्यक्रम में छात्रों की हस्तशिल्य , आविष्कार तथा खेल व कला से संबंधित क्षमता को बहुत महत्व दे रहा है । इस उद्देश्य से चीन सरकार ने गत वर्ष में प्राइमरी व मिडिल स्कूल के छात्रों के लिये सौ साठ से अधिक विशेष प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना भी की है ।