जगदीशपुर बिहार के अनिल कुमार केशरी ने सी .आर .आई के हिन्दी विभाग को भेजे पत्र में कहा है कि मैं अपने पत्र का जवाब आज ही पाया , पाकर बहुत ही खुशी हुई , इस में आप लोगों का कुछ कार्ड और सामग्री प्राप्त हुआ । पत्र द्वारा आप लोगों का प्यार पा कर मैं और मेरे परिवार वाले बेहद खुश हुए हैं , उम्मीद करता हूं कि आप लोग आगे भी पत्रों का सिलसिला जारी रखेंगे ।
मैं ने आप लोगों से पत्र मित्रता करने के लिए अपने मित्रों को भी पत्र लिखने को प्रेरित किया । उन्हों ने आप के पास पत्र भी भेजा और आप लोगों का जवाब भी पाया । वे लोग आप लोगों की सामग्री पा कर बेहद ही खुश हुए । और वे मुझे धन्यावाद देने लगे ।
मैं बिरेन्द्र कुमार साहा का बहुत ही आभारी हूं कि वे मुझे आप लोगों से जुड़ने का स्रोत बताया । वे आजकल कोलकाता में रहते हैं और वहां भी आप के प्रोग्राम नियमित रूप से सुनते हैं और आप के सी .आर .आई हिन्दी प्रसारण का प्रचार प्रसार भी करते हैं ।
अनिल कुमार केशरी का पत्र पाकर हम बहुत खुश हुए , खास कर पत्र से यह जान कर कि आप और परिवार लोग खुद सी .आर .आई के हिन्दी प्रसारण सुनते है और हमारे साथ पत्राचार करते हैं , साथ ही दूसरे लोगों को सी .आर .आई का हिन्दी प्रसारण सुनने और पत्र लिखने के लिए प्रेरित करते हैं । यहां हम विशेष तौर पर आप के मित्र बिरेन्द्र कुमार साहा के भी बहुत आभारी हैं कि उन्हों ने सी .आर .आई का प्रचार प्रसार करने के लिए हितकारी काम किया है । बेशक , हम उन के पत्रों का भी हार्दिक स्वागत करते हैं ।
मैसोर कर्नाटक के राजीक रहमान खान का पत्र , उन्हों ने अपने पत्र में कहा कि मैं आप के हिन्दी सेवा के कार्यक्रमों को बड़ी दिलचस्पी से ध्यानपूर्वक तथा जागरूक हो कर सुनता हूं और आप के प्रत्येक कार्यक्रम को अधिक पसंद करता हूं। मुझे आप के कार्यक्रम ज्ञानवर्धक , उपयोगी , निष्पक्षीय , रूचिकर तथा उत्तम लगते हैं , विशेष कर आप के साप्ताहिक कार्यक्रम चीन का भ्रमण , चीन का संक्षिप्त इतिहास , आप से मिले , चीन में निर्माण और सुधार , आज का तिब्बत , चीनी बोलना सीखे , खेल जगत , सवाल जवाब , जीवन और समाज , आप का पत्र मिला ,सांस्कृतिक जीवन , चीन की अल्पसंख्यक जाति , आप की पसंद और चीनी गीत संगीत आदि चीन की राजनीतिक , आर्थिक , सामाजिक , सांस्कृतिक तथा वैज्ञानिक जानकारी तथा जन जीवन और स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं । मैं आप के देश की राजनीति , अर्थनीति , समाजनीति , संस्कृति , विज्ञान , कला , इतिहास , स्वास्थ्य और कृषि के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहता हूं । आशा है कि आप मुझे चीन के बारे में सचित्र पुस्तक भेजेंगे।
राजीक रहमान खान को धन्यावाद है कि कर्नाटक में रहने पर भी हमारा हिन्दी कार्यक्रम पसंद करते हैं और नियमित रूप से सुनते हैं। आप के अनुरोध पर हम ने आप को इस पत्र के जवाब के साथ चीन संबंधी सामग्री भेजी है , आशा है कि आप को पसंद आयी होगी और कुछ न कुछ जानकारी मिली होगी । आप के नए पत्रों के इंतजार में हैं ।
बेगुसराय बिहार के मोहम्मद खालिद का पत्र , जिस में उन्हों ने यह लिखा है कि मैं आप के प्रोग्राम को अच्छी तरह से सुनता हूं , मुझे आप के प्रोग्राम बहुत अच्छे लगते हैं । मैं एक छात्र हूं , मुझे आप के प्रोग्राम से बहुत सी ज्ञान विज्ञान की बातों के बारे में पता चलता है । मुझे इस प्रोग्राम से चीन के इतिहास के बारे में और उस के भौगोलिक स्थिति एवं मनोरंजन दायक बातें सुनने का सुनहरा अवसर मिलता है । मैं ने चीन की लम्बी दीवार के बारे में बहुत सी बातें सुनी , यह संसार के सात अजुबे चीजों में से एक है , लेकिन मुझे इसे देखने का अवसर नहीं मिला है , इसलिए मेहरबानी करके चीन की दीवार की तस्वीर भेज दीजिएगा ।
मुहम्मद खालिद जी , आप को बड़ी अच्छी रूचि हुई है कि चीन की लम्बी दीवार अभी खुद देखने का अवसर नहीं मिल पाने की स्थिति में उस की तस्वीर देखना चाहते हैं । आज से डेढ़ हजार साल पहले उत्तरी चीन की असीम पर्वत श्रृंखलाओं पर निर्मित छै हजार किलोमीटर लम्बी दीवार वाकई एक आश्चर्य है और देखने के काबिला है । चीन का यह कहावत है कि वह मर्दाना पुरूष है , जो लम्बी दीवार पर आरोहित हो चुका हो । इस कहावत से आप को मालूम हो सकता है कि लम्बी दीवार का चीनी लोगों के दिल में क्या महत्व है । इसलिए लम्बी दीवार का तस्वीर देखने की आप की इच्छा स्वाभाविक है और स्वागत स्वीकृत है । हम आप को इस का एक चित्र भेज रहे हैं , आशा है कि आप को पसंद होगा ।
ओरेया उत्तर प्रदेश के काल्क प्रसाद कीर्ति प्रिय ने अपने पत्र में कहा कि दिनांक 21 और 22 अप्रैल 2005 को बांगडोंग सम्मेलन पर चर्चा अति सुन्दर लगी । 50 वर्ष पहले बांगडोंग में सम्मेलन हुआ था , जिस में 35 देशों ने भाग लिया था और अब 24 अप्रैल 2005 को फिर सम्मेलन हुआ , जिस में लगभग सौ देश भाग ले रहे ।
रिपोर्ट में तत्कालीन चीनी प्रधान मंत्री चाउ एन लाई और भारतीय प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के विचारों पर प्रकाश डाला गया । सम्मेलन से जो लाभ हुए ,उस से विश्व को उजागर किया गया और सम्मेलन में आतंकवाद , एडस आदि पर विचार रखे जाएंगे । हमारे क्लब के सभी सदस्य इस रिपोर्ट से बहुत प्रभावित हुए और सम्मेलन की कार्यवाही व निर्णयों को जानने के इच्छुक हुए है ।
बांडोंग में आयोजित दूसरे एशिया अफ्रीका शिखर सम्मेलन वर्ष 2005 में विश्व का एक अहम अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन है , इस के बारे में रिपोर्ट देने के लिए हमारी हिन्दी सेवा के सुश्री श्याओ यांग समेत सी . आर .आई का एक संवाददाता दल इंडोनेशिया भी गया और वहां सम्मेलन के आयोजन के बारे में अनेक रिपोर्टें भेजी गई , जिसे आप ने सुना होगी और सम्मेलन के बारे में विस्तृत जानकारी मिली भी होगी । हमारे हिन्दी विभाग से निकली हिन्दी पत्रिका श्रोता वाटिका में बांडोंग सम्मेलन के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है और संदर्भ विषयों पर हमारी संवाददाता सुश्री श्याओ यांग द्वारा खींचे गए अनेक फोटो भी छपे हैं , आशा है कि आप को पसंद आयेगा ।

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