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(GMT+08:00) 2006-04-20 15:29:42    
तिब्बती लामा खशान से मिले

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हाल ही में हमारी संवाददाता को पेइचिग में तिब्बती लामा खशान के साथ बातचीत करने का मौका मिला । तिब्बती लामा खशान हमारे कार्यक्रम के जरिये आप को शुभ कामनाएं देना चाहते हैं ।तिब्बती लामा खशानका कहना है कि वे पेइचिग के बौद्ध विद्यालय में पढ़ाने का काम करते हैं । उन्हें इस बौद्ध विद्यालय में काम करते हुए 3 साल होने को हैं । तिब्बती लामा खशान का कहना है कि वर्ष1985 में 10वें पंचर लामा के सुझाव के अनुसार पेइचिग में विशेष रूप से तिब्बती लामाओं के लिये एक बौद्ध विद्यालय का कायम किया गया ।तब से अब तक बहुत से जीवित बुद्ध और लामाओं को इस विद्यालय में अच्छि शिक्षा मिली ।इस विद्यालय ने बौद्धधर्म के प्रचार प्रसार के लिये बहुत से काम किये जो बहुत लोकप्रिय हैं। तिब्बती लामा खशान का कहना है कि अब इस बौद्ध विद्यालय में 70 लामाएं पढ़ रहे हैं । आम तौर पर इस विद्यालय में छात्रों के लिये शिक्षा की अवधि 2 साल है ।यहां बता दें कि इस विद्यालय में तिब्बती लामा ही नहीं मंगोलियाई लामा भी हैं । कारण यह है कि चीन के भीतरी मंगोलिया में बहुत से लोग बौद्ध धर्म के अनुयाययी हैं । मित्रो क्या आप तिब्बती लामा खशान की कहानी जानना चाहते हैं , तो हमारे नियमित कार्यक्रम ( आज का तिब्बत ) सुनना न भूलें । तिब्बती लामा खशान खुद ही हमारे कार्यक्रम के जरिये आप को सुनायेंगे । वे आप को बतायेंगे कि उन की जन्मभूमि कहां है और उन्हों ने कब स्कूल से निकल कर नाभूनपू मठ में शामिल किया और कब पेइचिग के बौद्ध विद्यालय में पढ़ाने का काम शुरू किया ।आप का हमारे कार्यक्रम के सुनने पर स्वागत करते हैं ।

यहां बता दें कि तिब्बती नेता ने हाल ही में कहा कि कृषि व पशु पालन , पर्यटन और तिब्बती पद्धति वाले चिकित्सा व दवादारू जैसे पठारीय उत्पादनों के विकास पर तिब्बत पर्यावरण की कीमत हर्गिज नहीं चुकाएगा और न ही अधिक दूषित व्यवसाय का विकास करेगा ।

पांच मार्च को चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ आदि चीनी नेताओं ने अलग अलग तौर पर कुछ प्रतिनिधि मंडलों की बैठक में भाग लेकर सरकारी कार्य रिपोर्ट पर विचार विमर्श किया।

तिब्बत प्रतिनिधि मंडल की बैठक में श्री हू चिन थाओ ने बलपूर्वक कहा कि आइंदे में पंचवर्षीय आर्थिक व सामाजिक विकास के लक्ष्य को साकार करने के लिए हमें विज्ञान व तकनीक से विकास की अवधारणा को अच्छी तरह अमल में लाना चाहिए और आर्थिक व सामाजिक विकास को सार्थक रुप से मानव के हित में चतुर्मुखी समन्वित व सतत विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाना चाहिए।

हम आप को बताना चाहते हैं कि चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थायी कमेटी के उपाध्यक्ष श्री रेदी ने 6 मार्च को पेइचिंग में कहा कि चीन सरकार और दलाई लामा के बीच संपर्क का रास्ता सुगम है , उन्हों ने जोर देकर कहा कि चीन सरकारऔर दलाई लामा के बीच का संबंध देश और नागरिक का संबंध हैं ।

श्री रेदी ने उसी दिन पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कहा , दलाई लामा के प्रति केंद्र की नीति सतत है, जिसमें कोई परिवर्तन नहीं आया। अगर दलाई लामा स्वाधीनता का रूख छोड़कर मातृभूमि के एकीकरण की रक्षा करें , तो उन के प्रति केंद्र की नीति नहीं बदलेगी । केंद्र और दलाई लामा के बीच प्रत्यक्ष संपर्क का रास्ता सुगम है । दलाई लामा और चीन के बीच का संबंध चीन देश का अन्दरूनी मामला है । दलाई लामा चीन का नागरिक हैं , इसलिए ये संबंध चीन और उस के एक नागरिक के बीच के संबंध हैं ।

श्री रेदी ने कहा कि दलाई लामा के सवाल पर चीन की केन्द्रीय सरकार की नीति हमेशा यह रही है कि उन्हें स्पष्ट शब्दों में खुले तौर पर तिब्बत और थाइवान को चीन देश का एक अभिन्न अंग मानने का ऐलान करना चाहिए , साथ ही उन्हें मौखिक और व्यवहारिक कार्यवाही से तिब्बत की स्वाधीनता का रूख त्याग देना चाहिए । ऐसी स्थिति में केन्द्रीय सरकार उन के साथ उन के व्यक्तिगत भविष्य पर संपर्क व सलाह मशविरा कर सकती है ।

यहां बता दे कि चीन के तिब्बत स्वायत प्रदेश के अध्यक्ष चाम्पा फुंत्सोक ने 12 मार्च को पेइचिंग में कहा कि बर्फिली पठार के स्वच्छ पानी व नीले आस्मान को उसी तरह संरक्षित किया जायेगा , जिस तरह अपनी आंखों की रक्षा की जाती है ।

श्री चाम्पा ने पेइचिंग में राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के वार्षिक अधिवेशन में भाग ले रहे हैं । उन्हों ने कहा कि कृषि व पशु पालन , पर्यटन और तिब्बती पद्धति वाले चिकित्सा व दवादारू जैसे पठारीय उत्पादनों के विकास पर तिब्बत पर्यावरण की कीमत हर्गिज नहीं चुकाएगा और न ही अधिक दूषित व्यवसाय का विकास करेगा । इधर सालों में तिब्बत ने चेरवाहों को स्थिर रूप से बसने देने और वृक्षरोपण के जरिये पठार के घास मैदानों व प्राकृतिक जगलों का अच्छी तरह संरक्षण किया । अब तिब्बत में आस्मान नीला और पानी स्वच्छ दिखाई देता है ।

संबंधित सामग्री से पता चला है कि पिछले 50 से अधिक सालों में तिब्बत की जीव जंतु विविधता कारगर रूप से संरक्षित हो गयी है । वर्तमान तिब्बत में नाना प्रकार के 70 से ज्यादा प्रकृति संरक्षित क्षेत्र उपलब्ध हैं ।

हम ने आप की सेवा में तिब्बत स्वायत प्रदेश के विकास के बारे में सुन्दर कार्यक्रम तैयार किये हैं । आप का हमारे कार्यक्रम ( आज का तिब्बत ) के सुनने पर स्वागत करते हैं । हमारा कार्यक्रम हर मंगलवार व शनिवार प्रस्तुत किया जाता है ।