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(GMT+08:00) 2006-04-18 18:04:05    
चीनी राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चिन थाओ की विदेश-यात्रा शुरू हुआ

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अमरीका, सऊदी अरब, मोरोको, नाईगेरिया और केन्या के राजाध्यक्षों के निमंत्रण पर चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ 18 तारीख को इन पांच देशों की राजकीय यात्रा के लिए पेइचिंग से रवाना हुए । इस वर्ष में चीनी राष्ट्राध्यक्ष की यह पहली विदेश-यात्रा है । चीनी विदेश- मंत्रालय के अधिकारी ने विश्वास जताया कि मौजूदा यात्रा से चीन और इन पांच देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों व सहयोग का ही नहीं, बल्कि चीन व अरब, तथा चीन व अफ्रीका के संबंधों का भी विकास होगा ।

विश्व में इस समय चीन-अमरीका संबंधों को चीन के वैदेशिक संबंधों में सब से महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंध माना जा रहा है । श्री हू चिन थाओ की मौजूदा यात्रा चीन के राष्ट्राध्यक्ष के रूप में उन की प्रथम अमरीका यात्रा है। यात्रा के दौरान श्री हू चिन थाओ और श्री बुश के बीच होने वाली वार्ता पर समस्त विश्व का ध्यान आकृष्ट है । इस के अलावा, श्री हू चिन थाओ अमरीका में सिआटल, वाशिंगटन और येल विश्वविद्यालय भी जाएंगे । हाल ही में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में चीनी उप विदेश-मंत्री श्री यांग च्ये छी ने जानकारी देते हुए कहाः

"श्री हू चिन थाओ अमरीकी राष्ट्रपति बुश तथा अन्य अमरीकी नेताओं के साथ चीन-अमरीका संबंध और अन्य समान रूचि वाले अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय महत्वपूर्ण सवालों पर गहन रूप से विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इस के साथ ही वे अमरीकी सांसदों, प्रांतों के गवर्नरों , उद्योग व वाणिज्य जगत तथा अकादमिक क्षेत्र के व्यक्तियों और मज़दूरों व विद्यार्थियों के साथ भी खुल कर बातचीत करेंगे । श्री हू चिन थाओ येल विश्वविद्यालय में तथा अमरीकी मैत्रीपूर्ण संघों द्वारा आयोजित स्वागत-भोज में भी भाषण देंगे । इस मौके पर वे चीन के अनवरत विकास, सामंजस्यपूर्ण समाज का निर्माण, चीन के शांतिपूर्ण विकास का रास्ता तथा सामंजस्यपूर्ण विश्व की स्थापना वाली विदेश-नीति पर भी प्रकाश डालेंगे।"

थाईवान-सवाल चीन अमरीका संबंधों में सब से महत्वपूर्ण, संवेदनशील व मूल सवाल है । हाल ही में थाईवानी अधिकारियों ने एक चीन के सिद्धांत को मान्यता देना बंद कर के राष्ट्रीय पुनरेकीकरण समिति को रद्द कर पुनरेकीकरण कार्यक्रम के अमल को भी स्थगित किया है। इस पृष्ठभूमि में चीनी व अमरीकी नेताओं की वार्ता में थाईवान का सवाल निश्चय ही विचार-विमर्श का मुख्य विषय बनेगा । इस की चर्चा में चीनी विदेश-मंत्री के सहायक श्री हो या फ़ेइ ने कहाः

"मेरा विचार है कि दोनों नेताओं की वार्ता में थाईवान सवाल पर जरूर विचार-विमर्श होगा । क्योंकि चीन व अमरीका के बीच मौजूद यह सब से महत्वपूर्ण सवाल है । राष्ट्रपति बुश और अमरीकी सरकार ने अनेक बार एक चीन की नीति पर कायम रहने, दोनों देशों के बीच संपन्न तीन संयुक्त विज्ञप्तियों का पालन करने तथा थाईवानी स्वाधीनता का विरोध करने के अपने वचन को दोहराया है। हमें विश्वास है कि अमरीका अपने इस वचन को फिर दोहराएगा। "

द्विपक्षीय आर्थिक व व्यापारिक संबंध मौजूदा चीन-अमरीका शिखर वार्ता का प्रमुख विषय होगा । तेज़ गति से विकसित होने वाले आर्थिक व व्यापारिक सहयोग के द्विपक्षीय संबंधों में कुछ मतभेद भी मौजूद हैं। लेकिन आपसी लाभ व समान जीत चीन और अमरीका के आर्थिक व व्यापारिक संबंधों की मुख्य धारा है । बौद्धिक संपदा अधिकार के संरक्षण और चीनी मुद्रा रन मिन बी की विनिमय-दर आदि द्विपक्षीय आर्थिक व व्यापारिक सहयोग से जुड़े सवालों पर अमरीका ने ध्यान दिया है। अमरीकी राष्ट्रपति बुश ने हाल ही में कहाः

"अमरीका और चीन का संबंध सक्रिय होने के साथ जटिल भी है । श्री हू चिन थाओ की यात्रा का भारी महत्व है । अमरीका और चीन के बीच दो खरब अमरीकी डालर से ज्यादा व्यापारिक असंतुलन मौजूद है । आशा है कि श्री हू चिन थाओ चीनी मुद्रा रन मिन बी की विनिमय-दर के सवाल को लेकर अपना रूख स्पष्ट करेंगे ।"

चालू वर्ष चीन और अरब देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ है । सऊदी अरब अरब देशों में एक बड़ा अरब देश ही नहीं, मध्य पूर्व के खाड़ी-क्षेत्र तथा मुस्लिम-दुनिया में भी भारी प्रभाव वाला देश है । श्री हू चिन थाओ की सऊदी अरब की यात्रा को चीन व अरब देशों के संबंधों को मज़बूत करने की दिशा में एक मह्त्वपूर्ण राजनयिक कदम माना जा रहा है ।

चालू वर्ष चीन व अफ्रीकी देशों के बीच भी राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ है । यह आम धारणा है कि चालू वर्ष चीन का अफ्रीकी वर्ष होगा । मोरोको, नाईगेरिया और केन्या की यात्रा के दौरान श्री हू चिन थाओ इन देशों के नेताओं के साथ वार्ता करेंगे , विभिन्न क्षेत्रों के व्यक्तियों से मुलाकात करेंगे , और आर्थिक व व्यापारिक, सांस्कृतिक व चिकित्सीय क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। चीनी उप विदेश-मंत्री यांग च्ये छी ने टिप्पणी करते हुए कहा कि श्री हू चिन थाओ की सऊदी अरब, मोरोको, नाईगेरिया और केन्या की यात्रा से इन चार देशों के साथ चीन की परम्परागत मैत्री और आगे बढ़ेगी, पारस्परिक राजनीतिक विश्वास व आपसी लाभ वाला सहयोग मज़बूत होगा और चीन व इन चार देशों के द्विपक्षीय संबंधों को विकास की एक नई मंजिल मिलेगी ।

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