इधर के सालों में, चीन और रूस के बीच आर्थिक व व्यापार में आवाजाही व सहयोग निरंतर प्रगाढ़ होता जा रहा है, इन में सबसे ध्यानाकर्षक चीन और रूस के बीच उर्जा सहयोग मुददा है। हाल ही में रूसी राष्ट्रपति पूतिन ने चीन की यात्रा की, दोनों देशों ने अनेक उर्जा से संबंध महत्वपूर्ण समझौते संपन्न किए, जिस से चीन और रूस के उर्जा क्षेत्र में गहन सहयोग को सुनिश्चता प्राप्त हुई है। आज के इस कार्यक्रम में हम आप को रूस और चीन के उर्जा सहयोग पर कुछ जानकारी देगें।
अभी अभी पेइचिंग में समाप्त हुए प्रथम चीन-रूस उद्योग व वाणिज्य जगत शिखर सम्मेलन मंच में रूसी राष्ट्रपति पूतिन ने दोनों देशों के उर्जा सहयोग समझौते के मुख्य विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा रूस ने पूर्व व पश्चिम साइबीरीया से प्रशांत सागर तक कच्चे तेल पाइप लाइन बिछाने का निर्णय लिया है। रूस की पाइप लाइन परिवहन कम्पनी और चीनी तेल व प्राकृतिक गैस समूह कम्पनी ने हाल ही में एक इरादा पत्र संपन्न किया है , दोनों देश कच्चे तेल पाइप लाइन के चीन की शाखा लाइन की सुलभता के निर्माण पर विचार विमर्श करेगें। यदि इस परियोजना को बखूबी अंजाम दिया गया तो चीन की तेल आपूर्ति में वृद्धि होने के लिए बहुत ही हितकारी होगा। अन्य एक और उज्जवल विकास क्षेत्र प्राकृतिक गैस सहयोग है। रूस के प्राकृतिक गैस उद्योग कम्पनी और चीनी तेल कम्पनी ने संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए हैं। हम दोनों देशों को जोड़ने वाले प्राकृतिक गैस पाइप लाइन के अनेक प्रस्तावों का अध्ययन कर रहे हैं। इन में पश्चिम साइबीरीया की एक पाइप लाइन और पूर्व साइबीरीया की अन्य एक पाइप लाइन शामिल हैं।
वर्ष 2005 में रूस ने रेल लाइन के जरिए चीन को 80 लाख टन कच्चे तेल का आयात किया था। वर्तमान रूस का उर्जा मुख्य तौर से यूरोप बाजार को निर्यात किया जाता है , एशिया बाजार के उर्जा आपूर्ति की प्रगति धीमी रही है। इधर के सालों में चीन और रूस उर्जा क्षेत्र में सहयोग के अनेक उपायों को ढूंढने में संलग्न रहे हैं और वर्तमान रूस ने चीन की तेल पाइप लाइन के निर्माण करने का निश्चय लिया है।
श्री पूतिन की चीन यात्रा के दौरान संपन्न उर्जा सहयोग समझौते के संपन्न पर टिप्पणी करते हुए चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के रूसी सवाल की विशेषज्ञ सुश्री ली च्येन मिन ने कहा चीन के आर्थिक के तेज विकास से तेल की जरूरत भी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है, स्वंय आपूर्ति के अभाव के कारण निर्यात जरूरी हो गया है। रूस का उर्जा भंडारण प्रचुर है, दोनों पक्षों के बीच इस क्षेत्र में बहुत से समान हित हैं। इस बार चीन और रूस के बीच संपन्न समझौते ने जिस दिशा का निर्धारित किया है वह सहयोग की ओर बढ़ाया एक सार्थक कदम है।
इस विशेषज्ञ की जानकारी के अनुसार, समझौते में चीन और रूस की प्राकृतिक गैस पाइप लाइन के निर्मित होने के बाद, रूस भविष्य में चीन को 80 अरब घनमीटर प्राकृतिक गैस का निर्यात करेगा, जो वर्तमान रूस दवारा यूरोप को निर्यातित मात्रा का आधा बनता है।
चीनी तेल कम्पनी के प्रमुख प्रबंधक छन कंग ने इस तेल पाइप लाइन के निर्माण पर संतोष जाहिर किया और रूस के साथ कच्चे तेल पाइप लाइन शाखा के निर्माण मुददे पर सलाह मश्विरा करने की इच्छा भी जतायी, उन्होने कहा हाल ही में रूसी सरकार ने पूर्व व पश्चिम साइबीरीया से प्रशांत सागर की तेल पाइप लाइन बिछाने के प्रस्ताव को अनुमति दी है, इस तरह चीन और रूस के बीच कच्चे तेल पाइप लाइन बिछाने की नींव तैयार हो गई है। हम रूसी पक्ष के साथ सलाह मश्विरा के जरिए चीन की कच्चे तेल पाइप लाइन शाखा के जल्द से जल्द निर्मित होने पर एक साथ मिलकर प्रयास करेगें।
तेल और प्राकृतिक गैस पाइप लाइन बिछाने पर संपन्न समझौते के अलावा , चीन और रूस ने संयुक्त पूंजी से संचालित उद्योग की स्थापना करने पर भी समझौता संपन्न किया है, जो अलग अलग तौर से रूस की सीमा तेल संसाधन सर्वेक्षण व दोहन में सहयोग तथा चीन की सीमा में कच्चे तेल प्रोसेसिंग व बिक्री जैसे सामूहिक सहयोग समझौते हैं। इस के साथ साथ चीनी तेल कम्पनी और रूसी तेल उद्योग ने चीन में संयुक्त पूंजी से संचालित कारोबार की स्थापना करने व तेल प्रोसेसिंग और पैट्रोल व अन्य तैयार शुदा तेल की बिक्री व्यवसाय में संयुक्त रूप से भाग लेने पर भी मतैक्य हासिल किया है।
चीनी राष्ट्रीय विकास व सुधार आयोग के अध्यक्ष मा खाए ने कहा कि इस समझौते के संपन्न होने से दोनों देशों का उर्जा सहयोग पैमाना कहीं अधिक विस्तृत हो जाएगा। उन्होने बताया हमे बड़ी खुशी है कि तेल और प्राकृतिक गैस के क्षेत्रों में दोनों देशों के उद्योगों का सहयोग कच्चे तेल व्यापार से विकास और प्रोसेसिंग व बिक्री के क्षेत्र में अग्रर हो रहा है। इस रूझान से साबित होता है कि दोनों देशों का उर्जा सहयोग सर्वोतोमुखी व विविध दिशा संबंध में बढ़ रहा है। दोनों देश तेल और प्राकृतिक गैस , बिजली जैसे मुख्य क्षेत्रों के सिवाए, कोयला, नए उर्जा विकास के प्रयोग, उर्जा किफायत आदि क्षेत्रों में भी चौतरफा सहयोग कर सकते हैं।
राष्ट्रपित पूतिन की चीन की यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने उर्जा, पूंजी निवेश, वित्तीय व परिवहन आदि क्षेत्रों में सहोयग समझौते संपन्न किए हैं, इस के साथ दोनों देशों ने आर्थिक, वाणिज्य जगत के शिखर मंच का भी आयोजन किया, मंच में पूंजी निवेश नीति, वित्तीय सहयोग, परिवहन सहयोग, मशीनरी साज सामान के निर्यात, बड़ी परियोजना में पूंजी निवेश आदि अनेक मुददों पर भी रायों का आदान प्रदान किया है।
चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने इस शिखर मंच में बोलते हुए कहा दोनों देशों को शीघ्र मशीनरी इलैक्ट्रोनिक उत्पादों के द्विपक्षीय व्यापार के अनुपात को बढ़ाना चाहिए और सतत रूप से उर्जा संसाधन के उत्पादों के व्यापार के पैमाने का विस्तार कर घरेलु विद्युत यंत्र, दूर संचार, आधारभूत संस्थापन निर्माण , तेल व प्राकृतिक गैस, वन्य और खनिज संसाधन व जीव तकनीक आदि क्षेत्रों के विज्ञान तकनीक उत्पाद में सहयोग तथा प्रतिभाशाली व्यक्तियों के आवाजाही को उन्नत करने का प्रयास करना चाहिए।
वर्ष 2005 में चीन और रूस की व्यापार राशि 29 अरब 10 करोड़ अमरीकी डालर रही थी , जो इस से पहले के वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक दर्ज की गई । दोनों देशों ने वर्ष 2010 में द्विपक्षीय व्यापार की राशि को 60 अरब से 80 अरब अमरीकी डालर के लक्ष्य को पूरा करने पर भी मतैक्य हासिल किया है।
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