प्रिय दोस्तो , चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम पहले उत्तर पूर्वी चीन के हेलुंगच्यांग प्रांत की राजधानी हारपीन शहर के बारे में काफी जानकारियां दे चुके हैं । जैसा कि आप जानते ही हैं कि हारपिन शहर न सिर्फ पिछले सौ से अधिक वर्षों में अपनी विविधतापूर्ण विदेशी विशेषताओं के कारण बहुत नामी रहा है , बल्कि पिछले बीसेक वर्षों में सुधार व खुले द्वार की नीति लागू किये जाने के बाद इस में जमीन-आसमान का भारी परिवर्तन भी आ गया है । इधर के कुछ वर्षों में हारपीन शहर ने अपनी विदेशी विशेषताओं में और चार चांद लगाने के लिये भारत-सड़क , कोरिया-सड़क , रूसी-सड़क , हांगकांग-सड़क व मकाओ-सड़क जैसे रौनकदार बाजारों का निर्माण भी कर लिया है , जिस से देशी-विदेशी पर्यटक और अधिक आकृष्ट हो सकें । गत वर्ष में हम इसी चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हारपीन शहर की भारत-सड़क , कोरिया-सड़क और अन्य दिलचस्प जानकारियों के बारे में कई रिपोर्टे भी पेश कर चुके हैं । पर आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में आइये, हम आप को इस शहर की एक अलग पहचान दिखाने ले चलते हैं ।
सौ वर्षों से पहले चीन की घरेलु और अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति के कारण हजारों लाखों रूसी, युरोपीय व एशियाई महाद्वीपों को पार कर वोल्गा-नदी से होकर सुंगह्वा नदी-घाटी में स्थित हारपीन शहर में आ बसे थे। सौ वर्षों के बाद आज इस प्रसिद्ध बर्फीले शहर हारपीन में सड़कों के दोनों किनारों पर रूसी वास्तु शैली में निर्मित भवन ही देखने को नहीं मिलते , अपितु अनगिनत रूसी ढ़ंग के रेस्त्रांओं ने भी इस शहर में अपना विशेष स्थान बना रखा है । आइये , अब हम हारपीन शहर में अपने ढंग के, रूसी शैली के दो रेस्त्रांओं को देखने चलें ।
ये दोनों रेस्त्रां हारपीन शहर के केंद्र में मुख्य सड़क के किनारे पर स्थित हैं । जैसा कि आप जानते हैं कि मुख्य सड़क हारपीन शहर की सब से प्रमुख रौनकदार वाणिज्य सड़क है और वह गत शताब्दी के बीस वाले दशक में रूसियों द्वारा बनाई गयी थी । 1925 में निर्मित ह्वा मई पश्चिमी रेस्त्रां उक्त दो रेस्त्रांओं में से एक माना जाता है । यह रेस्त्रां हारपीन शहर में रूसी शैली का सब से प्राचीन रेस्त्रां ही नहीं , बल्कि वह इस शहर के रूसी शैली वाले सभी रेस्त्रांओं का गर्व भी है । क्योंकि तकरीबन तमाम हारपीन वासी इस रेस्त्रां में रूसी व्यंजन चख चुके हैं ।
एक दिन हमारे सम्वाददाता ने ह्वामई रेस्त्रां में कदम रखते ही देखा कि एक सफेद बालों वाले बुजुर्ग ने बड़ी नम्रता से उन की अगवानी की । इस बुजुर्ग का नाम है वांग वन ली ,इस वर्ष उन की उम्र 75 साल की हो गयी है और उन्हें इस रेस्त्रां में काम करते हुए चालीस साल हो गये हैं । इसलिये इस रेस्त्रां के सभी सेवक आदरभाव से उन्हें दादा कहकर पुकारते हैं । वे अक्सर बड़े मजे ले कर ग्राहकों को इस रेस्त्रां की दिलचस्प कहानी सुनाते हैं । उन का कहना है कि ह्वामई पश्चिमी रेस्त्रां में बने बनाये स्वादिष्ट रूसी व्यंजन अलग ढंग के हैं और वे चीन में बेमिसाल माने जाते हैं क्योंकि एक रूसी यहूदी ने 1925 में यह रेस्त्रां स्थापित किया था ।
बुजुर्ग वांग ने आगे कहा कि ह्वामई पश्चिमी रेस्त्रां का पुराना नाम था मार्क चाय खाद्य पदार्थ दुकान । इस रेस्त्रां का संस्थापक त्सुकेर्मान था । बाद में क्रमशः रूसियों , जर्मनों , पोलिशों और चीनियों ने इस रेस्त्रां का संचालन किया । आज तक इस रेस्त्रां में एक पुराने रूसी शैली के रेस्त्रां की बहुत सी पुरानी परम्पराएं बनी हुई हैं । उदाहरण के लिये ग्राहकों की अगवानी के लिये गेट के पास एक बुजुर्ग को खड़ा करना भी उन में से एक है । श्री वांग वन ली ने कहा कि डिपार्टमेंट स्टोरों और होटलों का संचालन करने की रूसी परम्परा यह है कि वे ग्राहकों के प्रति स्नेहपूर्ण बर्ताव करने के लिये लॉबी हाल में एक बुजुर्ग को खड़ा किया जाता है। वास्तव में बहुस से ग्राहकों ने मुझे देखकर कहा है कि वे मुझ जैसे बुजुर्ग को देखकर काफी सुरक्षित महसूस करने लगते हैं , ऐसा जान पडता है कि मानो वे घर वापस लौटकर अपने परिजनों के साथ गपशप मार रहे हों ।
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