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(GMT+08:00) 2006-04-10 15:55:17    
फिल्म निर्देशक चांग यी मो और चीनी फिल्म

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श्री चांग यी मो पांचवीं पीढी का प्रतिनिधित्व करने वाले चीनी फिल्म निर्देशक माने जाते हैं । फिल्म"पीली जमीन"की शूटिंग के बाद उन्हों ने फोटोग्राफ़री का काम छोड़ कर फिल्म निर्देशन का काम संभाला। वर्ष 1987 में श्री चांग यी मो ने अपनी प्रथम फिल्म"लाल बाजरा"की शूटिंग की, जिस ने चीन में असाधारण धूम मचाया था । इस फिल्म में एक सुन्दर प्रेम कहानी दिखायी गयी, फिल्म का दृश्य बहुत सुन्दर और मनोहर है और चीनी जातीय विशेषता से भरी हुई है । उसी वर्ष में"लाल बाजरा"बर्लिन फिल्म उत्सव में स्वर्ण पदक से सम्मानिक किया गया । वर्ष 1990 में श्री चांग यी मो द्वारा निर्देशित फिल्म"च्यू तो"को आस्कर फिल्म उत्सव में नामजद किया गया ,यह पहली बार था कि किसी चीनी फिल्म ने आस्कर पुरस्कार के लिए श्रेष्ठ विदेशी भाषी फिल्मों की सूची में शामिल किया गया । वर्ष 1991 में चांग यी मो की फिल्म"लाल लालटेन"ने विनिस अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव में रजत पदक हासिल किया । वर्ष 1992 में चांग यी मो की फिल्म"मुकदमे में छ्यो च्यू"ने विनिस फिल्म उत्सव में स्वर्ण पदक जीता और वर्ष 1994 में चांग यी मो की फिल्म"जिन्दा"फ्रांस के गार्ना फिल्म उत्सव में पुरस्कार भी हासिल किया । कहा जा सकता है कि फिल्म निर्देशक चांग यी मो गत शताब्दी के नब्बे वाले दशक में चीन के असाधारण सांस्कृतिक हस्ति थे । उन की फिल्मों में गहरी चीनी राष्ट्रीय सांस्कृतिक भावना होने के साथ बड़े जोश व उत्तेजना की भरमार है । पहले फोटोग्राफ़र के जीवन से प्रेरित हो कर फिल्म निर्देशक चांग यी मो ने फिल्मों में शुद्ध सौदर्य बौध की खोज की कोशिश करते हैं । उन्होंने कहाः

"मैं अपनी फिल्मों में जोश , उत्साह व उत्तेजना की भावना अभिव्यक्त करने की कोशिश करता हूँ और फिल्मी दृश्यों को अतिशयोक्त कर प्रभाव बढ़ाना चाहता हूं ।"

श्री चांग यी मों के अलावा, श्री छङ खाई क भी पांचवीं पीढी के मशहूर चीनी फिल्म निर्देशकों में से हैं । वर्ष 1993 में उन्होंने फिल्म"प्रतापी राजा की रानी से बिदाई"की शूटिंग की, जिस में पुरानी जमाने के पेइचिंग ऑपेरा कलाकारों की दुखांत कहानी बतायी गई । उसी वर्ष में इस फिल्म को फ्रांसीसी फिल्म उत्सव में स्वर्ण पदक मिला ।

चीनी कुंफ़ू वाली फिल्मों में से जिस फिल्म ने सब से पहले विश्व के अंतरराष्ट्रीय फिल्म जगत में नाम कमाया था, वही "हिरो"है । इधर के वर्षों में चीनी कुंफ़ू वाली फिल्मों की भारी प्रगति हुई, जिस पर अंतरराष्ट्रीय फिल्म जगत का ध्यान बरबस आकृष्ट हो गया । वर्ष 2002 में फिल्म निर्देशक चांग यी मो ने कुंफ़ू वाली फिल्म"हिरो"की शूटिंग की, जिस में दो हज़ार वर्ष पूर्व युद्धरत काल की एक कहानी दिखाई दी है । वर्ष 2004 में उन्होंने"हाउस अफ़ फ़्लाइंग दैकर्स"की शूटिंग की , ये दो फिल्में कुंफ़ू वाली फिल्म हैं, और विदेशों में ऊंचा बाक्स ओफिस हासिल किया । चीन फिल्मों के विदेशों में भारी उपलब्धि हासिल करने की चर्चा में अमरीका के दक्षिण कैलिफॉनिय विश्वविद्यालय के पूर्वी एशिया अनुसंधान केंद्र के प्रोफेसर लो सी त्येन ने कहा

"चीनी फिल्म, विशेष कर चीनी कुंफ़ू वाली फिल्मों ने अमरीकी बाज़ार में भारी सफलता हासिल की । मसलन 'हिरो', 'हाउस अफ़ फ़्लाइंग दैकर्स', और'कुंफ़ू'आदि । इन फिल्मों की सफलता का श्रेय मशहूर फिल्म स्टारों और प्रसिद्ध निर्देशकों को जाता है । विदेशी दर्शकों ने इन फिल्मों के जरिए चीनी संस्कृति की जानकारी हासिल की । चांग यी मो की फिल्मों ने विदेशी दर्शकों की जिज्ञासा को शांत कर दिया है , मुझे लगता है कि सफल चीनी फिल्म हिरो जैसे चीनी विशेषता वाली फिल्म होना चाहिए ।"

इधर के वर्षों में चीनी नयी पीढ़ी के फिल्म निर्देशकों यानी छठी पीढ़ी के फिल्म निर्देशकों पर विश्व के फिल्म जगत का ध्यान आकृष्ट हुआ । इस पीढ़ी के फिल्म निर्देशकों का जन्म आम तौर पर गत शताब्दी के साठ वाले दशक में हुआ , और उन्होंने कला के बारे में नियमित शिक्षा पायी है। उन की रचनाओं में आम तौर पर इधर के बीस वर्षों में चीनी समाज के परिवर्तन और साधारण लोगों के सुख दुख को अभिव्यक्त किया जाता है । इस तरह उन की रचनाओं में ज्यादा स्वतंत्रता व विविधता देखी जा सकती है । इधर के दो सालों में छठी पीढ़ी के फिल्म निर्देशकों की फिल्में बार-बार अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सवों में पुरस्कारों के विजेता रही । वर्ष 2005 में चीनी फिल्म निर्देशक वांग श्याओ श्वुए द्वारा निर्देशित फिल्म"छिंग होंग"को गाना अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव में पुरस्कार हासिल हुआ, फिल्म निर्देशक चांग यांग की फिल्म को "सुर्यमुखी फुल"स्पेन के सान सेबास्टिएन अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव में सब से श्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार प्राप्त हुआ ।

कुछ समय पूर्व चीनी महिला फिल्म निर्देशक मा ली वन की फिल्म"हम दोनों"को तोक्यो अंतरराष्ट्रीय फिल्म उत्सव में सब से श्रेष्ठ फिल्म निर्देशक व सब से श्रेष्ठ महिला फिल्म निर्देशक के पुरस्कार प्रदान किया गया ।