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(GMT+08:00) 2006-04-10 16:19:06    
चीन में वैज्ञानिक व तकनीकी उपलब्धियां

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आज के इस कार्यक्रम में हम मजफ्फरपुर बिहार के जसीम अहमद, रजिया सुलताना, जयपुर राजस्थान के सुरेंद्र शर्मा और लक्ष्मी नगर दिल्ली के अंबिका खुरैशी के सवाल का जवाब देंगे।

मजफ्फरपुर बिहार के जसीम अहमद और रजिया सुलताना ने इस बार अपने पत्र में पूछा है कि विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में चीन ने किस तरह की उपलब्धियां प्राप्त की हैं?जयपुर राजस्थान के सुरेंद्र शर्मा और लक्ष्मी नगर दिल्ली के अंबिका खुरैशी ने भी इसी संदर्भ में जानकारी हासिल करने की इच्छा व्यक्त की।

जसीम अहमद और रजिया सुलाताना जी, चीन ने विज्ञान-तकनीकी अनुसंधान का लम्बा रास्ता तय किया है और कड़ी मशक्कत कर अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। इन उपलब्धियों की पूरी जानकारी आप को देना हमारे बूते की बात नहीं है, क्योकि इस समय हमारे पास उतनी आवश्यक सामग्री नहीं है, जितने के सहारे आप की मांग पूरी की जा सके। बस यहां हम सिर्फ पिछले एक साल में चीन द्वारा प्राप्त कुछ वैज्ञानिक उपलब्धियां बताएंगे।

पिछले साल के मार्च में चीनी वैज्ञानिकों ने हवाई जहाजों में प्रयोग होने वाली उच्च क्षमता वाली काठ-कोयला संबंधी साम्रगी बनाने की तकनीक और मिट्टी के बर्तनों को स्थाई रूप से टिकाऊ बनाने वाली तापतिरोधक एंटीऔस्सीडेट सामग्री बनाने की तकनीक का आविष्कार किया। इन दो आविष्कारों की ओर विश्व के जाने-माने वैज्ञानिकियों का ध्यान गया और उन्हों ने चीनी वैज्ञानिकों को बधाई संदेश भी भेजे। चीन सरकार ने इन दो आविष्कारों को प्रथम स्तर की राष्ट्रीय वैज्ञानिक प्रगति के सम्मान से पुरस्कृत किया।

गत 18 जनवरी को चीन का दक्षिणी ध्रुव सर्वेक्षण दल पहली बार दक्षिणी ध्रुव की बर्फ से घिरी सब से उंची चोटी पर चढने में सफल रहा। आप जानते ही हैं कि दक्षिणी ध्रुव में कुल 4 ऐसी चोटियां है,जिन पर कब्जा करना विभिन्न ताकतवर देशों का सपना है। अब बर्फ से घिरी सब से उंची चोटी को छोड़ बाकी तीन चोटियों पर अमरीका,फ्रांस और पूर्व सोवियत संघ का कब्जा हैं। दक्षिणी ध्रुव की बर्फ से ढकी सब से उंची चोटी पर चढकर चीनी सर्वेक्षणकर्ताओं ने वहां अपना राष्ट्रीय ध्वज फहराया। यह इस बात का द्योतक था कि चीन पूरी मानव जाति के दक्षिणी ध्रुव के सर्वेक्षण के अभियान का एक प्रमख अंग बन गया है।

पिछले साल की चीन की सब से बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि समानव अंतरिक्षयान का दोबारा सफल प्रक्षेपण कही जा सकती है। गत 12 अक्तबूर को चीन द्वारा स्वनिर्मित छनचो-6 अंतरिक्षयान दो चीनी अंतरिक्षयात्रियों फेचुनलुंग और न्येहाईशंग को साथ लेकर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में जा पहुंचा। दोनो अंतरिक्षयात्री अंतरिक्ष में पूर्व निधारित विभिन्न वैज्ञानिक प्राय़ोगिक कार्य पूरे कर 5 दिन बाद सही-सलामत धरती पर वापस लौटे। यह घटना दुनिया के आकर्षण का केन्द्र बनी और बहुत से देशों के राजनेताओं तक ने भी चीन को इसकी बधाई दी।

गत अक्तूबर में चीनी चिकित्सा वैज्ञानिकों ने विश्व में प्रथम बार मानव की रक्त धमनियों के भीतर प्रावरक के विकस को रोकने वाले तत्व से कैसर की रोकथाम व इलाज करने वाले इंजेक्शन का आविष्यकार किया। इस से चीन इस क्षेत्र में विश्व के अग्रिम मोर्चे में दाखिल हुआ। इस समय इस इंजेक्शन का चीनी राष्ट्रीय खाद्य व दवा निरीक्षण प्रबंधन ब्यूरो की पुष्टि के बाद जैविक उत्पाद के रूप में चिकित्सीय प्रयोग हो रहा है.

गत 26 जुलाई को पूर्वी चीन के छिंगताओ शहर में स्थित इलेक्ट्रोनिक उपकरणों के निर्माण और सूचना प्रौद्योगिकी के विकास पर आधारित चीन की एक बड़ी कंपनी—हाईशिन ने देश में प्रथम स्वंतत्र बौद्धिक संपदा अधिकार प्राप्त व्यवसायीकृत डिजिटल टीवी CMOS चिप बनाने में सफलता प्राप्त करने की घोषणा की। इस CMOS चिप को"HIVIEW" नाम दिया.तब से वह चीनी इलेक्टोनिक बाजारों में छा गई है तथा कुछ देशो को इस का निर्यात भी शुरू हो गया है।

गत दिसम्बर में चीनी विज्ञान टकनालोजी विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने परिसर में स्थित राष्ट्रीय वैज्ञानिक प्रयोगशाला में एकल अणु के अन्दर रायायनिक प्रतिक्रिया के कार्य को सफल बनाया। इस से प्राप्त अहम भौतिक प्रभाव ने अंतरराष्ट्रीय एकल अणु वैज्ञानिक अनुसंधान का उज्ज्वल भविषय तैयार किया।

चीन की हालिया वैज्ञानिक उपलब्धियों की चर्चा करते हुए इस बात का जिक्र करना नहीं भूलना चाहिए कि चीनी विज्ञान अकादमी ने कुछ दिन पहले क्वांटम कीबोर्ड डिस्पले कंसोल प्रकिया में उत्पन्न अस्थिरता को दूर करने में सफलता हासिल की। इस से चीन में 125 किलोमीटर की लम्बाई में फाइबर क्वांटम कोड व्यवस्था लागू हो सकी.उल्लेखनीय है कि यह लम्बाई विश्व में अपनी किस्म की प्रथम है।