नन्ही मधुमक्खी की मां ने उस से कहाः देखो , पुष्प पहाड़ पर फूलों का बहार आया है , तुम्हारी बहनें सभी फुलों का मधु लेने वहां गई हैं , तुझे भी पराग बीनना सीखना चाहिए । मैं किस से फुलों का रस जुटाने का तरीका सीखूंगी . नन्हीं मधुमक्खी ने पूछा ।
तुम्हारी बड़ी बहन की हुनर सब से अच्छी है , उस से सीखो । क्या वह है , जो अभी अभी घर के सामने नाच रही थी .
हां , वह नाचने के जरिए हमें बता रही थी कि मधु कहां मिलेगा , क्योंकि उसे फुलों का पता चला है ।
नन्ही मधुमक्खी पर फड़फड़ा कर पुष्प पहाड़ की ओर उड़ गई । वह बड़ी बहन से मिल गई । बड़ी बहन ने उस से कहा कि मधु बीनने के लिए रोज फुलों के खिलने का समय याद रखना चाहिए । क्या फूल लिखने का नियमित समय होता है . नन्ही मधुमक्खी को बड़ा आश्चर्य हुआ ।
अवश्य . बड़ी बहन ने मॉनिगं गलोरी की ओर इशारा करते हुए कहाः देखो , यह मॉनिंग गलोरी है , वह रोज सुबह चार बजे के आसपास खिलता है और दस बजे वह कुम्हा जाता है ।
मान लीजिए , किसी दिन सुबह का मौसम खराब हो गया है , जैसा कि हवा तेज चल रही हो तथा बारिश बरस रही हो , क्या वह भी उसी समय खिलेगा . नन्हीं मधुमक्खी ने फिर पूछा ।
मॉनिंग गलोरी की अपनी नियमित कार्य विधि है , कैसा भी मौसम क्यों न हो , वह नियमित रूप से समय पर खिलता है । क्या तुम ने कभी उसे दोबहर बाद खिला देखा है .
न्न्हीं मधुमक्खी फिर चिंतित हो उठी , बोली, तब हम दोपहर बाद कहां फुलों का मधु जुटाने जाएंगे . बड़ी बहन ने कहा कि चिंता होने की कोई आवश्यकता नहीं है । अलग अलग किस्म का फुल अलग अलग समय पर खिलता है , इसलिए हमें रोज मधु जुटाने का मौका मिल सकता है ।
उदाहरणार्थ होप का फुल पौ फटने से पूर्व तीन बजे खिलता है , चार बजे तो मॉनिंग गलौरी खिलता है , जब कि पांच बजे गुलाब खिलता है , छै बजे सुर्यमुखी तुम्हारा स्वागत करता है और सात बजे चाइनीस गुलाब हमें दावत देता है । फिर दोपहर को सुन्दर उपराह का फुल अपना सौंदर्य दिखाता है , शाम के छै बजे तुरई का फुल हमारी प्रतीक्षा में मुस्कराता है । रात को जब हम घर लौटती है , उस समय भी बहुत से फुल खिलते है । कॉर्डाट टेलोसम रात के आठ बजे महकता है ।
नन्हीं मधुमक्खी को बड़ी रूचि आई , लेकिन उस की समझ में अभी कुछ बात नहीं आई , तो उस ने फिर बड़ी बहन से पूछा , फुलों को कैसे समय का ज्ञात होता है और उसी के अनुसार खिलते हैं ।
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