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(GMT+08:00) 2006-03-31 15:06:41    
सिन्चांग में नव शिशु की देखभाल में लगी मशहूर महिला चांग छिंग

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चीन में नव शिशु की देखभाल के लिए उस के जन्म के उपरांत एक महीने की अवधि विशेष मानी जाती है और उस के पालन पोषण के लिए घर में अनुभवी महिला रखी जाती है । पहले ऐसी महिला आम तौर पर घर वासी ही थी , लेकिन इधर के सालों में देश के तेज आर्थिक विकास तथा सामाजिक प्रगति के परिणामस्वरूप बच्चों की देखभाल में पेशेवर महिला कर्मचारी बुलायी जाती है , जो अब चीन में एक विशेष व्यवसाय बन गया है । सिन्चांग की एक महिला चांग छिंग ने इस विशेष काम में अपनी श्रेष्ठ सेवा से लोगों का दिल जीता और देश का जच्चा बच्चा देखभाल पुरस्कार यानी स्वर्ण खोला पुरस्कार प्राप्त किया है । स्वर्ण खोला पुरस्कार चीनी जच्चा बच्चा देखभाल संघ तथा चीनी प्रजनन् स्वास्थ्य सोसाइटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित होता है , जो देश का इस किस्म का सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है ।

अपनी श्रेष्ठ सेवा के कारण श्रीमती चांग छिंग सिन्चांग में स्वर्ण ब्रांड वाली नर्सरी सेविका से सम्मानित की जाती है । पिछले साल के अक्तूबर माह में श्रीमती चांग छिंग ने जच्चा बच्चा की देखभाल करने वाले नर्सरी व्यवसाय के श्रेष्ठ प्रतिनिधि के रूप में शांगहाई शहर में आयोजित प्रथम राष्ट्रीय स्वर्ण खोला पुरस्कार प्रतियोगता में भाग लिया और स्वर्ण पुरस्कार भी हासिल किया ।

वाह , नन्हा मुन्ना , देखो , आकाश कितना साफ है , जरा भी बादल भी नहीं है । देखो , नन्हा मुन्ना , वह सूर्य दादा है , उस से हैलो बोलो , उस की धूप में हम तंदुरूस्त हो जाओगा ।

गर्म मुलायम शयनकक्ष में हल्के लाल रंग की नर्सरी वर्दी में श्रीमती चांग छिंग छोटे पलंग की ओर झुके पलंग पर लेटे नन्हे नव शिशु के लिए मूत्र से भीगे कपड़े को बदलने में जुटी है , काम की व्यस्ता में रहते हुए भी वे समय समय पर नव शिशु को मुस्कराहट देती रही , उन की मीठी मुस्कराहट से प्रभावित हो कर नव शिशु का रोना बन्द हो गया । मूत्र के कपड़े बदलने के बाद वे नन्हे मुन्ने को गोद में उठाए खिड़की के पास आई और सूर्य की ओर इशारा देते हुए बच्चे से मीठी मीठी बतिया करने लगी ।

नव शिशु को खिड़की के बाहर के सुन्दर दृश्य में कौतुहल दिखी और लगन से बाहर गौर करने लगा और उस के मुख पर मधुर मुस्कान खिली।

श्रीमती चांगछिंग ने कहा कि नन्हे बच्चों में समझने का तेज बौध होता है । उसे प्यार महसूस करने की बड़ी क्षमता है । यदि आप उसे तहेदिल से प्यार करती है , तो उस का सिर आप की आवाज की ओर मुख करता है ।

नव शिशु की देखभाल के लिए श्रीमती चांग छिंग रोज 24 घंटे जच्चे के घर में रहती हैं । नव शिशु की देखभाल के लिए प्रसूता घर में दिन रात रहने के कारण श्रीमती चांग छिंग के लिए अपनी बेटी के साथ रहने का समय बहुत कम हो गया और बेटी की देखभाल के मौके भी बहुत कम है ।

एक सप्ताहांत में वे घर लौटी , तो बेटी ने उन से रूआंसी आवाज में पार्क में खेलने ले जाने की मांग की , पार्क को रवाना होने से पहले श्रीमती चांग छिंग को अनायास याद आयी कि उन की देखभाल वाले नव शिशु के शरीर पर कुछ दाग के लक्षण आये , तो बेटी को घर पर इंतजार करने को कह कर वे खुद तुरंत पुस्तक स्टोर भाग गयी और चिकित्सा की संदर्भ पुस्तक ढूंढने लगी । रात के सात बजे , जब वे संदर्भ पुस्तक ले कर घर लौटी , इस समय बेटी नींद में सो गई , पर बेटी का तकिया उस की आंसू से तर पड़ा । इस बात की याद आते ही चांग छिंग की आंखें भी डबडबा रहीं । उन्हों ने कहा कि नव शिशु की देखभाल का काम करते हुए दो साल हो गए , इस के दौरान कभी कभीर दो दो महीनों में भी एक बार बेटी से मिल सकती हैं । शुरू शुरू में बेटी की बहुत शिकायत थी , लेकिन धीरे धीरे वह मां को समझने लगी । उस ने कहाः

अब मुझे मां पर आपत्ति नहीं है , वे मुझे बताती हैं कि दूसरों को कठिनाइयां पड़ने के समय मदद देना चाहिए , हर वक्त अपने का ख्याल रखना अच्छा नहीं है । मां की हिदायत में मैं भी समय समय पर दूसरों को मदद देने की कोशिश करती हूं । मां की भांति दूसरों को प्यार करना एक बहुत सुखद अनुभव है ।

श्री चांग छिंग सिन्चांग की जच्चा बच्चा देखभाल कंपनी में एक आदर्श कर्मचारी है । कंपनी के अधिकारी श्री मु चाओहोंग ने कहा कि सिन्चांग में इस काम के लिए जच्चा बच्चा देखभाल का ज्ञान जरूरी है , साथ ही विभिन्न जातियों की रीति रिवाज और प्रथाओं से भी वाकिफ होना चाहिए । चांग छिंग इन दोनों क्षेत्र में श्रेष्ठ सिद्ध हुई है ।

अब श्रीमती चांग छिंग सिन्चांग के जच्चा बच्चा नर्सरी व्यवसाय में एक प्रसिद्ध व्यक्ति बन गयी है । उन्हें बुलाने वाले परिवारों की संख्या बहुत ज्यादा है , यहां तक बहुत सी अल्पसंख्यक जातीय गर्भवर्ती महिलाएं भी चाहती हैं कि चांग छिंग उन के प्रसूति काल का देखरेख करें। श्रीमती चांग छिंग ने कहाः

मेरी अपनी प्रसूति माह में मेरा देखभाल करने वाली कोई नहीं थी , मैं खुद अपने का देखभाल कर रही थी , खुद को सभी जरूरी काम करना पड़ा , अंत में थक कर मैं बहुत पतली हो गयी । मेरे ख्याल में प्रसूति के महीने में यदि प्रसूता का विशेष ख्याल नहीं किया जाता है , तो उसे शारीरिक व मानसिक दोनों परेशानी होगी । इसलिए मैं हमेशा जच्चा बच्चा का ख्याल करने की कोशिश करती हूं ।

जच्चा बच्चा देखभाल करने के लिए नर्सरी का ज्ञान भी आवश्यक है । नर्सरी ज्ञान रखने पर वे समय पर प्रसूता व नव शिशु के संभावित रोग लक्षण जान सकती है । एक बार एक नव शिशु के दादा दादी ने बड़ी खुशी से कहा, देखो , हमारा पौता खुद खेल रहा है , वह मुंह से थूक निकालना जान गया । लेकिन बच्चे के थूक के रंग पर गौर करने से चांग छिंग को शंका हुई कि बच्चा बीमार पड़ा होगा , उन्हों ने तुरंत बच्चे को डाक्टर के पास ले जाने की सलाह दी । नदीजातः बच्चे का समय रहते उपचार किया गया ।

कुछ प्रसूता परिवार नव शिशु के नर्सरी काम में लगी कर्मचारियों को हद से ज्यादा परेशान करता है । ऐसी स्थिति में भी चांग छिंग अपना प्यार स्नेह देते हुए दुख और परेशानी को मिटाती हैं , उन का कहना है कि प्रसूता घर में दुख परेशानी का सामना करने पर भी अच्छी तरह सेवा करना चाहिए । उन्हों ने कहाः

कभी प्रसूता घर में उन्हें दुख हुई, तो भी नव शिशु का मौसम चेहरा देख कर हर प्रकार की परेशानी मिटायी जा सकती है । बच्चा बेगुनाह है , हमें उस का अच्छा देखभाल करना चाहिए । ताकि वे भी जान लें कि इस दुनिया में मां बाप के अलावा बहुत से लोग उसे सुखद चाहते हैं ।

अपनी अच्छी सेवा के परिणामस्वरूप जब श्रीमती चांग छिंग का किसी प्रसूता घर का काम समाप्त हुआ, उस परिवार लोगों ने जरूर उन के काम आकलन पत्र पर श्रेष्ठ का शब्द लिखा । कुछ परिवारों ने कहा कि दीदी चांग , आप ने जच्चा बच्चा के लिए ढेर सारा पसीना बहाया है , यह भावना कितने ज्यादा पैसे से प्राप्त नहीं हो सकती है, हम ने आप से बहुत कुछ भी सीखे है। ली नाम की एक प्रसूता ने श्रीमती चांग से कहाः

प्रसूति काल में मेरी मनोविज्ञानिक स्थिति काफी जटिल है , दीदी चांग मेरा खूब ख्याल रखती हैं और मुझे सुकुन दिलाने की कोशिश करती हैं । पहली बार मां बनने पर मुझे कोई अनुभव नहीं था , तो मैं ने दीदी चांग से वैज्ञानिक ढंग से बच्चे के पालन पोषण के बारे में बहुत कुछ सीखे है ।

श्रीमती चांग छिंग जैसे जच्चा बच्चा देखभाल काम में लगी लोगों की कोशिशों से सिन्चांग में अब इस व्यवसाय का काफी बड़ा विकास हुआ । वर्ष 1999 में सिन्चांग में इस किस्म की केवल एक कंपनी थी , अब 40 से ज्यादा हो गयी और पेशेवर नर्सरी कर्मचारियों की संख्या भी हजार से अधिक हो गयी , जो समाज में सर्वमान्य हुआ है।