हमारे रोजमर्रा शहरी जीवन में साफ सुथरा पानी एक आम बात बन चुकी है, लेकिन व्यापक पश्चिमी क्षेत्रों में गंभीर सूखे के कारण, वहां के किसानों का जीवन निर्धन और शिक्षा स्तर बहुत ही पिछड़ा रहता आया है, महिला और बालकों की स्वास्थ्य स्थिति को सुधारना एक फौरी सवाल बना रहा है। पश्चिमी क्षेत्रों के ग्रामीण विकास में सहायता, विशेषकर वहां के लोगों के पीने के पाने की समस्या को हल करने के लिए, अखिल चीन महिला संघ के नेतृत्व में चीनी महिला विकास कोष ने वर्ष 2000 में समाज से परोपकारी चन्दा एकत्र कर उत्तर पश्चिम इलाकों में चन्दा से मिले पैसों से पानी का ताल का निर्माण करने की योजना बनाई है, ताकि वहां के लोगों को अपने सीमित पानी का अच्छी तरह प्रयोग कर, एक साल पीने के पानी की जरूरत को पूरा कर सकने में मदद दी जा सके। अब तक इस योजना को लागू हुए पांच साल हो चुके हैं, उसका लाभ कैसा रहा है, हमारी संवाददाता पी वए ने विशेष तौर से चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की सदस्य मो वन श्यो के साथ बातचीत की।
चीन के व्यापाक पश्चिम इलाकों में विशेषकर कानसू प्रांत , लिंगश्या हुए च्वांग स्वायत्त प्रदेश तथा सान पए इलाका प्राकृतिक व एतिहासिक की वहज से लम्बे अर्से से पानी के अभाव का शिकार रहा है। वहां की औसत वार्षिक वर्षा 300 मीलीमीटर ही रही है, लेकिन पानी के भाप बन कर वायु में खो जाने की मात्रा 1500 से 2000 मीलीमीटर रहती है। पश्चिम सूखे इलाकों में बच्चे स्कूल जाने से पहले केवल एक चुल्लु भर पानी से मुह धोते है, माता केवल एक छोटे जग के पानी से एक दिन के खाने का चावल बनाने के लिए मजबूर रहती है, लोगों को साल भर नहाने से वंचित रहना पड़ता है। किसानों के पीने के पानी व पानी की किल्लत की समस्या को हल करने तथा केन्द्रीय सरकार दवारा निर्मित पश्चिम विशाल इलाकों का विकास करने की रणनीति को साकारने के लिए, अखिल चीन महिल संघ, पेइचिंग म्युनिसीपल सरकार तथा चीनी केन्द्रीय टीवी ने वर्ष 2000 में सयुंक्त रूप से माता का ताल नाम की परियोजना चलाना शुरू किया। सी पी पी सी सी की सदस्या, अखिल चीन महिला संघ की उपाध्यक्ष, चीनी महिला विकास कोष के उपानिदेशक मो वन श्यो इस परियोजना की प्रमुख प्रभारी रहीं। इस परियोजना की चर्चा करते हुए उन्होने कहा पश्चिम इलाकों में पानी के गंभीर अभाव व निर्धन परिवारों की माताओं व बालकों के लिए पीने के पानी की समस्या को हल करन के लिए, अखिल चीन महिला संघ और चीनी महिला विकास कोष ने इस परियोजना का अध्ययन कर पश्चिम इलाकों के विकास व वहां की जनता के कल्याण के लिए , माता की ताल के नाम का मुददा चलाने का प्रस्ताव पेश किया है । 22 दिसम्बर 2000 में हमने परोपकारी चन्दा रात्रि मनोरंजन समारोह का आयोजन कर विभिन्न जगतों से 10 करोड़ 70 लाख युआन का चन्दा एकत्र किया था।
अब तक इस परियोजना को लागू हुए पांच साल हो चुके हैं, इस दौरान वहां कुल 1 लाख से अधिक पानी के तालों का निर्माण होने से 11 लाख से अधिक लोगों के पीने के पानी की समस्या हल कर ली गई है, इस के साथ कुछ क्षेत्रों में पशु के पीने के पानी की समस्या में भी तरक्की हासिल हुई है। सुश्री मो वन श्यो ने इस पर बोलते हुए कहा इस परियोजना ने वहां की जनता के मन में खुशहाली भर दी है और वहां के जीवन पर्यवारण में सुधार आने लगा है। पहले पानी की कमी के कारण कई दिनों तक मुह नहीं धोना एक मामूली बात थी, लेकिन आज वहां के लोग अपनी सफाई पर गौर करने लगे हैं । इस से पहले महिला बिमारी अधिक थी, परिवारों का माहौल भी आशाजनक नहीं था, आज इस में भारी परिवर्तन हो रहा है। इस परियोजना को बखूबी अंजाम देने व उससे प्राप्त उल्लेखनीय सफलताओं ने हमने पानी के ताल का निर्माण करने के अलावा, पूरे ग्रामीण इलाकों में साफ सुथरा शौचालयों का निर्माण करने पर भी जोर दिया है , पशु पालन से उत्पन्न मलबे से घरों के आंगन की हरियाली को हरा भरा करने व मेथन गैस के निर्माण कार्य को भी भारी प्रोत्साहन मिला है। युननान व सीछवान प्रांतो में मेथन गैस से गांवो के घर घर में रोशनी लायी जाने लगी है। इस परियोजना ने वहां की जनता के जीवन में आन्नद की भावना भर दी है।
हालांकि इस परियोजना ने पीने के पानी की समस्या को तो हल कर लिया है, किंतु यह केवल पश्चिम इलाकों के गावों की समस्या के समाधान का एक छोटा सा ही भाग बनता है और इस परियोजना की सफलता भविष्य के गावों के निर्माण कार्य में भारी महत्व रखता है। सुश्री मो वन श्यो ने अपना विचार प्रकट करते हुए कहा इस परियोजना ने समाजवादी नए गांव के निर्माण के लिए एक बेहतरीन मिसाल प्रदान किया है। इस कल्याण परियोजना में भाग लेने वाले उद्योगों ने पश्चिम इलाकों का दौरा करते समय पाया कि लागों के जीवन विकास के पर्यावरण में भारी सुधार आया है, इस पर उन्होने अन्य उद्योगों से इस कल्याण अभियान में भाग लेने का सुझाव रखा, अनेक उद्योगों के मजदूरों व कर्मचारियों ने सामाजिक कल्याण में बढ़ चढ़ कर भाग लिया और लोगों के ध्यान को पश्चिमी इलाकों की ओर आकर्षित किया। एक छोटी सी परियोजना ने पश्चिम इलाकों के पीने के पानी की समस्या को हल किया है, इस के साथ पश्चिम इलाकों के पानी की किफायत की विचारधारा को शहरों व उद्योगों में निर्यात किया है, इस से लोगों के मन में पानी कि किफायत करने की विचारधारा को भारी बढ़ावा मिला है, यह एक तरह की शिक्षा भी कही जा सकती है।
माता के ताल परियोजना के आगे के कार्य की चर्चा करते हुए सुश्री मो वए श्यो ने हमे बताया वर्तमान हमने छिंगहवा विश्वविद्यालय अनुसंधान केन्द्र के साथ, आर्थिक व वैज्ञानिक किस्म के पानी पीने की मशीन निर्मित की है। इस मशीन से पानी को फिल्टर कर बिना फिक्र के साथ साफ पानी का उपभोग करने में मदद मिली है। गत वर्ष के नेशनल पीपुल्स कांग्रेस में प्रधान मंत्री वन च्या पाओ ने अपनी सरकारी रिपोर्ट में कहा था कि हमे जनता को सांस लेने के लिए ताजा हवा और पीने के लिए साफ पानी प्रदान करना चाहिए। प्रधान मंत्री के इस आवहन को बखूबी अंजाम देने के लिए, हमने इस साल पूरी लगन से पानी की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया है। हमारी हार्दिक तमन्ना है कि माता की ताल परियोजना तहत, हमारी मातृभूमि में पश्चिम पीला और पूर्व हरा जैसी समस्या कभी भी पैदा नहीं होगी, हमारी यह भी आशा है कि सरकार पश्चिम इलाके के इस सफल मिसाल के अनुभवों से सीख कर, चीन के समाजवादी नए गांव के निर्माण को अधिक तेज गति प्रदत्त करेगी।
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