यालोंग नदी की घाटी में एक ख-सोंग गांव स्थित है ,जो यों बूला खांग महल से ज्यादा दूर नहीं है । इस गांव के मुखियाश्री वू चिन त्सी रन ने हमारे संवाददाता से कहा कि वर्ष दो हज़ार चार में लोका प्रिफैक्चर की सरकार ने ख सोंग गांव में लहसुन उगाने का फैसला किया । लेकिन गांव के लोग लम्बे अरसे में जौ उगाने के आदि हैं , वे सरकार की लहसुन उगाने की नीति को समझ नहीं सकते । इस लिए ख सोंग गांव वासी जौ के स्थान पर लहसुन उगाना नहीं चाहते । ऐसी स्थिति में स्थानीय सरकार ने उदार व सहायता नीति लागू की और लहसुन उगाने वाले गांववासियों को पूंजी का समर्थन प्रदान किया । वर्ष दो हज़ार चार के सितम्बर माह से ख सोंग गांव के लोग विशेष कृषि के विकास की राह पर चलने लगे , गांव की 13 हैक्टर से ज्यादा भूमि में लहसुन की खेती की गई ।
सत्तावन वर्षीय सोलांग त्वोची के तीन बेटे हैं । बड़े बेटे खेती का काम करता है और अन्य दो बेटे स्थानीय सरकार में काम करते हैं । सोलांग त्वोची के पास 1.3 हैक्टर खेत है । अतीत में जौ उगाने से जीवनयापन ठीक चलता था । इस लिए वे लहसुन उगाने का इच्छुक नहीं था । लेकिन एक कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य के रूप में उसे लगा कि उसे दूसरे गांव वासियों की रहनुमाई करना चाहिए। इस लिए उस ने वर्ष दो हज़ार चार के सितम्बर माह से स्थानीय सरकार के आह्वान पर सर्वप्रथम अपने कुछ खेतों में लहसुन का उत्पादन शुरू किया । इस की चर्चा में सो लांग त्वो ची ने कहा
"इस वर्ष मैं ने एक हैक्टर के खेत में लहसुन का उत्पादन किया । लहसुन के हरे ताजा पौधों से ही हम ने तीन हज़ार य्वान कमाया, इस के अलावा, लहसुन को बेचने से पचास हज़ार य्वान कमा सकते हैं । मेरा विचार है कि वर्ष दो हज़ार छै में मैं अपने सारे खेतों में लहसुन उगाऊंगा । "
तैंतीस वर्षीय ख सोंग गांव वासी त्सी रन त्वो ची ने हमारे संवाददाता से कहा कि हर वर्ष जौ की फसल के बाद उस का कोई काम नहीं रहा , और कुछ साल पहले उस ने एक ट्रेक्टर खरीद कर खेती से अवकाश समय में परिवहन का काम शुरू किया , यह बहुत थकान देने वाला काम है और कम पैसा कमाता है । जब लोका प्रिफैक्चर की सरकार ने लहसुन उगाने की नीति लागू की , तो त्सी रन त्वो ची को अपनी तत्कालीन स्थिति को बलदने का इरादा नहीं था । लेकिन स्थानीय सरकार ने लहसुन उगाने के किसानों के लिए उदार नीति अपनायी और वादा किया कि अगर किसानों को लहसुन उगाने में कामयाबी हासिल नहीं हुई, तो सरकार हर हैक्टर के खेती के लिए सात हज़ार दो सौ य्वान का मुआवज़ा देने को तैयार है । इसी उदार नीति से प्रोत्साहित हो कर श्री त्सी रन त्वो ची ने भी लहसुन उगाया । अंत में नदीजा यह निकला है कि सिर्फ लहसुन के संबंधित उत्पादों की पैदावार से प्राप्त कमाई जौ की कमाई को पार कर गयी । त्सी रन त्वो ची ने कहा
"इस वर्ष लहसुन के उत्पादन से मेरी कमाई खासा अच्छी हुई , हम ने दस हज़ार य्वान कमाया । अब मुझे बाहर जाकर काम करने की कोई जरूरत नहीं रही , क्योंकि पहले की तुलना में लहसुन उगाने से मुझे छै और सात हज़ार युवान ज्यादा आमदनी मिलती है ।"
त्सी रन त्वो ची ने कहा कि क सोंग गांव वासियों को लहसुन बेचने के सवाल पर कोई चिंता होने की जरूरत नहीं है , क्यों कि सरकार तमाम लहसुन खरीद लेती है । इस तरह ख सोंग गांववासियों में लहसुन उगाने की बड़ी सरगर्मी है । लोका प्रिफैक्चर की सरकार की कमिश्नर सुश्री दची जोका ने कहा कि लोका प्रिफैक्चर के लहसुन आर्डर के अनुसार उत्पादित होते है , सरकार किसानों से लहसुन खरीदने का काम संभालती है । उन्होंने कहा
"तिब्बती चिकित्सा में लहसुन का औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है , इस लिए हमारे यहां के सभी लहसुन को आधा किलो तीन य्वान के दाम से तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के तिब्बती चिकित्सा कॉलेज को बेचा जाता है ।"
आज ख सोंग गांव वासी सक्रियता के साथ लहसुन उगाने में जुट गए हैं , वे समय समय पर खेतों में निहाई, सिंचाई करते और खाद डालते हैं, उन्होंने कहा कि लहसुन की फसल के बाद दूसरी फसल के रूप में जौ की खेती भी कर सकते हैं ।
ख सोंग गांव के खेतों में लहसुन की हरेभरी खड़ी फसल सुर्य की किरणों में लहलहा रही है, कुछ चिड़िया खेतों में आकाश में उड़ते नगर भी आये । थोड़ी दूरी पर प्राचीनतम तिब्बती राज महल योगं बी ला खांग खड़ा दिखाई पड़ता है , जो मौन खड़ा हुए निहारता रहा है कि तिब्बत के प्रथम खेत में आज क्या नया नया सूरत आयी है । ख सोंग गांववासी लहसुन की खेती में व्यस्थ हैं, मेहनत के बीच बीच हंसने खिलखिलने की आवाज़ सुनाई देती है । उन्हें विश्वास है कि उन के अपने भविष्य का जीवन और बेहतर होगा।
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