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(GMT+08:00) 2006-03-27 14:52:26    
एथेंस ओलम्पिक में चीनी एथलीटों का प्रदर्शन,चीन में मेट्रो

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आज के इस कार्यक्रम में मुजफ्फरपुर बिहार के जसीम अहमद,रजिया अहमद और रोहतास बिहार के हशिम आजाद के पत्र शामिल हैं.

मुजफ्फरपुर बिहार के जसीम अहमद और रजिया अहमद ने पूछा है कि एथेंस ओलम्पिक में चीनी एथलीटों का प्रदर्शन कैसा रहा?इसमें कितने एथलीटों ने हिस्सा लिया और किन-किन स्पर्द्धाओं में भाग लिया?

एथेंस औलंम्पिक वर्ष 2004 की 13 से 29 अगस्त तक आयोजित हुआ, जो अपने स्तर का 28वां खेल समारोह था। इसमें चीन के 407 एथलीटों ने भाग लिया और कुल मिलाकर 32 स्वर्ण पदक प्राप्त किए। पदक तालिका में चीन दूसरे पायदान पर रहा। चीन ने गोताखोरी में 6, भारोत्तोलन में 5, निशानेबाजी में 4, टेबिल-टेनिस और बैडमिंटन में अलग-अलग तौर पर 3-3, दौड़ में 2, थाईक्वोनदाओ में 2, तैराकी, महिला वालीबांल, जिमनास्टिक्स, महिला जूडो, नौका चालन, टेनिस और महिला कुश्ती में अलग-अलग तौर पर एक-एक स्वर्ण पदक जीते। उल्लेखनीय है कि नौका चालन,टेनिस और महिला कुश्ती की इवेंटों में चीन ने पहली बार चैपियनशीप जीती।.एथेंस औलंम्पिक में चीन ने 17 रजत पदक और 14 कांस्य पदक भी बटोरे। हालांकि इस खेल समारोह में अमरीका पदक तालिका में प्रथम स्थान पर बना रहा और रूस पदकों की संख्या में चीन से आगे रहा,लेकिन अधिकांश लोगों का मानना था कि एथेंस औलिम्पिक का सब से बड़ा विजेता चीन ही था। .ऐसा इसलिए क्योंकि चीन ने 32 स्वर्ण पदक प्राप्त कर अब तक के अपने खेल इतिहास में एक नया रिकोर्ड कायम किया।

ल्यूश्यांग नामक खिलाड़ी ने पुरूषों की 110 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल में जीत का सेहरा पहना, जब कि इस से पहले अमरीकी और पश्चिमी खिलाड़ी चीन यहां तक कि पूरे एशिया को इस खेल में स्वर्ण छूने से रोकने में सफल रहे थे।.ल्यूश्यांग के श्रेष्ठ प्रदर्शन ने दुनिया की बहुत से हस्तियों को अचंभे में डाल दिया। इससे उन्हों ने ल्यूश्यांग को "चीनी ड्रैगन" का नाम दिया। चीनी महिला एथलीट शिनह्वेना ने 10 हजार मीटर की लम्बी दौड़ में अनेक विश्वप्रसिद्ध खिलाड़िनों को पछाड़कर प्रथम स्थान प्राप्त किया,जिस से उन्हें पूर्व की हिरणी की संज्ञा मिल।.ब्रेस्टस्ट्रोक तैराकी में चीनी महिला तैराक लोश्वयच्वान ने 8 साल बाद फिर एक बार चीन को स्वर्ण पदक दिलाया। चीनी महिला वालीबाँल टीम 20 साल बाद फिर से चैंपियन के स्थान पर खड़ी हुई। महिला युगल टेनिस प्रतियोगिता में लीथिन और सुनथ्यानथ्यान ने प्रथम खिताब जीता,जबकि इस से पहले इस खेल पर यूरोपीय और अमरीकी खिलाड़िनों का एकाधिकार था। वांगश्यू ने कुश्ती में चीन की पदक झोली में जो स्वर्ण जोडा,वह औलंपिक खेलों में चीन का अब तक का प्रथम स्वर्ण पदक था।.मनक्वानल्यांग और यांगवनचुन नौका चालन स्पर्द्धा में ताकतवर यूरोपीय और अमरीकी खिलाड़ियों को पछाड़ कर चैपियन बनीं। मशहूर चीनी एथलीट लो-वे और छन चुंग विभिन्न वर्गों के थाईक्वानटो मैचों में प्रथम स्थान बरकरार करने में सफल रहीं।

संक्षेप में चीनी एथलीटों ने एथेंस औलंम्पिक में अधिक तेजी, अधिक ऊचाई और अधिक शक्ति की औलंम्पिक भावना के तले खुद को अपनी सीमा से बाहर लाकर नयी ऊंचाइयां पार कीं।

रोहतास विहार के हशिम अजाद का सवाल है कि चीन में कुल कितनी मेट्रो ट्रेनें चलती हैं और वे कहां से कहां तक चलती हैं?

चीन मे इस समय पेइचिंग,थ्यानचिंग,शांघाई और क्वांगचो 4 महानगरों में मेट्रो ट्रेन चलती हैं। अन्य अनेक शहरों में जैसे शनचन,ताल्यान,नानचिंग,ऊहान,छुंगछिन और छांगछुन में भी मेट्रो का निर्माण-कार्य जारों पर है। इस के अलावा छनतु,हांगचो,शनयांग,शीआन,हार्पिन,छिनतो और सूचो आदि शहरों ने भी केन्द्र सरकार को मेट्रो बनाने का औपचारिक निवेदन दिया है।

चीन की राजधानी पेइचिंग में मेट्रो के प्रथम चरण का निर्माण-कार्य अक्तूबर 1969 में पूरा किया गया था। दो साल पहले इस से जुड़ी दो नयी लाइनों पर भी यातायात शुरू हुआ। अब मेट्रो की कुल लम्बाई करीब 200 किलोमीटर हो गयी है। योजनानुसार निकट भविष्य में पेइचिंग में मेट्रो का जाल सा बिछ जाएगा, तब उस की लम्बाई 408 किलोमीटर तक जा पहुंचेगी।

थ्यानचिंग में दिसम्बर 1984 में मेट्रो सेवा शुरू हुई। अक्तूबर 2001 में स्थानीय सरकार ने 6 अरब 90 करोड़ य्वान की लागत से उस का पुननिर्माण करवाया। इस समय मेट्रो की लम्बाई लगभग 26.2 किलोमीटर हो गयी है।

शाँघाई को चीन के प्रमुख व्यापारिक व वाणिज्य केंद्र के नाते अपेक्षाकृत देरी से मेट्रो की सुविधा उबलब्ध करायी गयी। इस के बावजूद उस में मेट्रो का विकास अन्य शहरों की तुलना में अधिक तेजी से हो रहा है। उस के मेट्रो के निर्माण का पहला चरण अप्रैल 1995 में पूरा हुआ था। अब इस से जुड़ी 3 लाइनें यातायात के काम में लायी जा रहा है और लाइनों की कुल लम्बाई 65 किलोमीटर है।.शहर के विकास की नयी परियोजना के तहत और 384 किलोमीटर लम्बा मेट्रो बनाया जाएगा।

दक्षिणी चीन के क्वांगचो शहर में मेट्रो-व्यवस्था देश में सर्वाधिक आधुनिक स्तर की है,क्योकि उस का निर्माण-कार्य जुलाई 1999 में ही पूरा किया गया। उसे तत्कालीन अत्याधुनिक इलेक्ट्रोनिक और डिजिटल तकनीकों का पूरा लाभ मिला। .इस समय उस की लम्बाई करीब 42 किलोमीटर है.योजनानुसार वर्ष 2010 तक यह लम्बाई 130 किलोमीटर हो जाएगी।