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(GMT+08:00) 2006-03-23 19:31:27    
तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान से मिले

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चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय समिति का 13 तारीख को पेइचिंग में समाप्त हुआ। अधिवेशन ने आगामी पांच सालों में आर्थिक व सामाजिक विकास की योजना यानी ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना को साकार करने की कोशिश करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

अधिवेशन में पारित राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि ग्रामीण उत्पादन-शक्ति का विकास किया जाए और किसानों के लोकतंत्र अधिकारों की रक्षा की जाए और गांवों का निर्माण बढ़ाया जाए। थाईवानी स्वाधीनता का दृढ़ता के साथ विरोध किया जाए और थाईवान जलडमरुमध्य के दोनों तटों के संबंध के विकास के लिए अपना योगदान दिया जाए।

जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष श्री जा शिंग लिन ने समापन समारोह में कहा कि चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय समिति ग्यारहवीं पंच वर्षीय योजना संबंधी महत्वपूर्ण सवालों पर सुझाव प्रस्तुत करेगी और जनता के हितों पर ध्यान देगी तथा जनता की इच्छा व अनुरोध पर पूरा ध्यान देगी।

सम्मेलन समाप्त होने के बाद लगभग 4900 प्रस्ताव सरकारी विभागों में दिये जायेंगे, जो जनता की समान रूचि वाले गांवों के निर्माण, पर्यटन की रक्षा, शिक्षा, सामाजिक प्रतिभूति आदि क्षेत्रों से संबंधित हैं और सरकार द्वारा संबंधित सवालों का निपटारा करने और कार्य सुधारने के लिये बड़े पैमाने पर सुझाव प्रस्तुत किये गये।

श्री हू चिन थाओ, वू बांग क्वो और वन चा पाओ आदि चीन के नेताओं ने समापन समारोह में भाग लिया।यहां बता दें कि तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान ने भी इस समारोह में भाग लिया । तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान का कहना है कि वे चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थायी कमेटी के उपाध्यक्ष श्री रेदी के 6 तारीख के भाषण का पूरा समर्थन करते हैं श्री रेदी नेइस माह की 6 तारीख को पेइचिंग में कहा कि चीन सरकार और दलाई लामा के बीच संपर्क का रास्ता सुगम है , उन्हों ने जोर देकर कहा कि चीन सरकारऔर दलाई लामा के बीच का संबंध देश और नागरिक का संबंध हैं । इस का समाचार इस प्रकार है कि चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थायी कमेटी के उपाध्यक्ष श्री रेदी ने 6 तारीख को पेइचिंग में कहा कि चीन सरकार और दलाई लामा के बीच संपर्क का रास्ता सुगम है , उन्हों ने जोर देकर कहा कि चीन सरकारऔर दलाई लामा के बीच का संबंध देश और नागरिक का संबंध हैं ।

श्री रेदी ने उसी दिन पत्रकारों के साथ बातचीत के दौरान कहा , दलाई लामा के प्रति केंद्र की नीति सतत है, जिसमें कोई परिवर्तन नहीं आया। अगर दलाई लामा स्वाधीनता का रूख छोड़कर मातृभूमि के एकीकरण की रक्षा करें , तो उन के प्रति केंद्र की नीति नहीं बदलेगी । केंद्र और दलाई लामा के बीच प्रत्यक्ष संपर्क का रास्ता सुगम है । दलाई लामा और चीन के बीच का संबंध चीन देश का अन्दरूनी मामला है । दलाई लामा चीन का नागरिक हैं , इसलिए ये संबंध चीन और उस के एक नागरिक के बीच के संबंध हैं ।

श्री रेदी ने कहा कि दलाई लामा के सवाल पर चीन की केन्द्रीय सरकार की नीति हमेशा यह रही है कि उन्हें स्पष्ट शब्दों में खुले तौर पर तिब्बत और थाइवान को चीन देश का एक अभिन्न अंग मानने का ऐलान करना चाहिए , साथ ही उन्हें मौखिक और व्यवहारिक कार्यवाही से तिब्बत की स्वाधीनता का रूख त्याग देना चाहिए । ऐसी स्थिति में केन्द्रीय सरकार उन के साथ उन के व्यक्तिगत भविष्य पर संपर्क व सलाह मशविरा कर सकती है ।

यहां बता दें कि तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान ने भी इस समारोह में भाग लिया । हाल ही में हमारी संवाददाता को तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान के साथ बातचीत करने का मौका मिला ।तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान चीनी बौद्ध संघ के उपाध्यक्ष हैं और साथ ही वे तिब्बत स्वायत प्रदेश के बौद्ध संघ के अध्यक्ष हैं । उन का स्तर बहुत ऊंच्चा है और वे एक लोकप्रिय जीवित बुद्ध हैं । लोकोंका कहना है कि जीवित बुद्ध चूखान देश से प्यार और बौद्ध धर्म से भी प्यार करते हैं ।हम जीवित बुद्ध चूखानका सम्मान करते हैं ।यहां बता दें कि हाल में हमारी संवाददाता ल्यू हवी की मुलाकात राजधानी पेइचिग में तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान से हुई ।बातचीत में तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान ने खुशी खुशी कहा कि वे हमारे कार्यक्रम ( आज का तिब्बत ) के जरिये श्रोता दोस्तों को नये साल की शुभ कामनाएं देना चाहते हैं । मित्रो क्या आप जानते हैं कि तिब्बती भाषा में नया साल मुबारक हो कैसे बोलते हैं तो हमारे कार्यक्रम ( आज का तिब्बत ) सुनिये तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान हमारे कार्यक्रम के जरिये आप को तिब्बती भाषा सिखाने की कोशिश कर रहे हैं । तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान के अनुसार तिब्बती भाषा का इतिहास 1300 साल पुराना है । यहां बता दें कि हम ने अपने नियमित कार्यक्रम ( आज का तिब्बत ) के जरिये आप को तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान से एक बार फिर मिलवायेंगे । आप का हमारे कार्यक्रम के सुनने पर हार्दिक स्वागत करते हैं । मित्रो क्या आप जानना चाहते हैं कि तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान के मठ कहां पर हैं तो सुनिये तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान आप को बता रहे हैं ।तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान के अनुसार उन के मठ का नाम है शौतन । शौतन मठ तिब्बत स्वायत प्रदेश के नाछू प्रिफेकचर में स्थित है ।तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान का कहना है कि उन का शौतन मठ इस प्रिफेकचर में स्थित सब से बड़ा मठ है । बातचीत में तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान ने बताया कि उन के मठ का इतिहास 300 वर्ष पुराना है । अब उन के मठ में 150 से अधिक लामाएं हैं जिन में 4 जीवित बुद्ध शामिल हैं । तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान का कहना है कि इधर के कुछ वर्ष तिब्बत स्वायत प्रदेश का बड़ा विकास हुआ है । वर्ष 2005 की दो बड़ी खुश बातों की चर्चा में तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान ने कहा कि वर्ष 2005 तिब्बत स्वायत प्रदेश के लिये एक महत्वपूर्ण वर्ष रहा । वर्ष 2005 में तिब्बत स्वायत प्रदेश की स्थापना की 40 वीं वर्षगांठ की खुशी मनायी गयी । गत 40 वर्षों में तिब्बत स्वायत प्रदेश में स्थानीय लोगों के जीवन में सुधार आया । तिब्बत स्वायत प्रदेश में एक के बाद एक अनेक स्कूल कायम किये गये और अधिकांश बच्चों को स्कूल में पढ़ने का मौका मिला । बातचीत में तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान ने बताया कि इधर के वर्ष तिब्बत स्वायत प्रदेश ने साल दर साल शानदार फसलें प्राप्त की है जो एक रिकार्ड है । तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान का कहना है कि अब तिब्बत स्वायत प्रदेश में हरेक कांऊटी में मोटर सड़क कायम है जो भी एक रिकार्ड है । तिब्बती जीवित बुद्ध चूखान ने खुशी खुशी बताया है कि वर्ष 2005 में तिब्बत स्वायत प्रदेश में रेल मार्ग का निर्माण पूरा किया गया है जो भी एक रिकार्ड है । इस खबरी से तिब्बती लोगों की खुशी का ठिकान रहा । यहां बता दें कि वर्ष 2006 में बड़ी संख्या में यात्री रेल गाड़ी पर सवार हो कर तिब्बत स्वायत प्रदेश की यात्रा करेंगे ।