गत शताब्दी के चालीस वाले दशक के अंत में, जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध और दूसरा चीनी घरेलू युद्ध समाप्त हुआ। चीनी फिल्म जगत के लोगों ने इस दौरान अधिकतर यथार्थवादी फिल्मों की शूटिंग की। इन में"मानव की आशा"और"वसंत का पानी पूर्व की ओर बहता रहा"आदि फिल्म उल्लेखनीय हैं । फिल्म"वसंत का पानी पूर्व की ओर बहता रहा"में एक चीनी परिवार के परिवर्तन से जापानी आक्रमण युद्ध से चीनी लोगों को पहुंचा नुकसान प्रतिबिंबित किया गया। इस फिल्म की प्रभावशाली कहानी और पात्रों के श्रेष्ठ अभिनय ने इसे चीनी फिल्म के जन्म के बाद की सब से अच्छी फिल्मों में जगह दिलाई।
वर्ष 1905 से वर्ष 1949 तक की चीनी फिल्मों का चीनी फिल्म के इतिहास में ही महत्वपूर्ण स्थान नहीं था, उन्होंने विश्व के विभिन्न स्थलों में भी व्यापक प्रभाव डाला ।
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