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(GMT+08:00) 2006-03-13 14:35:45    
चीनी फिल्म के विकास का सौ वर्षों का इतिहास

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वर्ष 1905 में चीन के सबसे पुराने फिल्म निर्देशक रन छिंग थाई ने राजधानी पेइचिंग के फङ थाई स्टूडियो में फ्रांस में निर्मित एक कैमरे से पेइचिंग ऑपेरा के एक भाग की फिल्म बनाई, जिस का नाम था"तिंग चुन शान। इसे चीन द्वारा अपने आप बनाई गई प्रथम फिल्म माना जाता है। इसीलिए वर्ष 1905 को चीनी फिल्म का जन्म वर्ष माना गया।

गत शताब्दी के बीस वाले दशक में चीनी फिल्म कला धीरे-धीरे परिपक्व हुई।

गत शताब्दी के तीस व चालीस वाले दशकों में चीनी फिल्मों का निरंतर विकास होने के साथ अनेक फिल्मी सितारे भी चीन में उभरे।

अब आप सुन रहे हैं फिल्म"गायिका की कहानी"का शीर्ष गीत। इस फिल्म से चो श्वान नामक अभिनेत्री चीन में मशहूर हुई। फिल्म "गायिका की कहानी"में श्याओ होंग नामक एक साधारण गायिका के जीवन का वर्णन किया गया है जो पोप गाने गाती थी। बहुत कठोर जीवन के बावजूद श्याओ हों का स्वभाव बहुत आशावान था। अभिनेत्री चो श्वान इस फिल्म के मुख्य पात्र के रूप में चीन में बड़ी मशहूर हुई और उनके गाए गीत भी दर्शकों के प्रिय गीत बने। चो श्वान चीन के पुराने फिल्मी सितारों में से एक थीं। अभिनेत्री के अलावा वे गायिका भी थीं। उन्होंने अपने पूरे जीवन में चालीस से ज्यादा फिल्मों में काम किया और सौ से ज्यादा गीत गाए। खूबसूरत चेहरे, मीठी आवाज़ और श्रेष्ठ अभिनय से चो श्वान ने चीनी दर्शकों की वाहवाही लूटी।

गत शताब्दी के चालीस वाले दशक के अंत में, जापानी आक्रमण विरोधी युद्ध और दूसरा चीनी घरेलू युद्ध समाप्त हुआ। चीनी फिल्म जगत के लोगों ने इस दौरान अधिकतर यथार्थवादी फिल्मों की शूटिंग की। इन में"मानव की आशा"और"वसंत का पानी पूर्व की ओर बहता रहा"आदि फिल्म उल्लेखनीय हैं । फिल्म"वसंत का पानी पूर्व की ओर बहता रहा"में एक चीनी परिवार के परिवर्तन से जापानी आक्रमण युद्ध से चीनी लोगों को पहुंचा नुकसान प्रतिबिंबित किया गया। इस फिल्म की प्रभावशाली कहानी और पात्रों के श्रेष्ठ अभिनय ने इसे चीनी फिल्म के जन्म के बाद की सब से अच्छी फिल्मों में जगह दिलाई।

वर्ष 1905 से वर्ष 1949 तक की चीनी फिल्मों का चीनी फिल्म के इतिहास में ही महत्वपूर्ण स्थान नहीं था, उन्होंने विश्व के विभिन्न स्थलों में भी व्यापक प्रभाव डाला। चालीस वर्षों से चीनी फिल्मों का अनुसंधान कर रहे प्रोफैसर श्री छङ ची ह्वा अमरीका के कई विश्वविद्यालयों में चीनी फिल्म के इतिहास पर व्याख्यान दे चुके हैं । उन्होंने कहा

"वर्ष 1983, 1986 और 1989 में मैं व्याख्यान देने के लिए तीन बार अमरीका गया। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के लोसान्जेल्स कला कॉलेज में व्याख्यान देने के दौरान में ने छात्रों को चीनी फिल्म का परिचय दिया। अमरीका, ब्रिटेन, भारत, जापान और मलेशिया आदि देशों से आए छात्रों ने चीनी फिल्मों को बहुत पसंद किया और उनका उच्च मूल्यांकन किया। उन के विचार में पुरानी चीनी फिल्में तत्कालीन विश्व की फिल्मों से कहीं कम नहीं थीं।"

श्री छङ ची ह्वा ने कहा कि चीनी फिल्में अपने जन्म के दस साल बाद विश्व की फिल्मों के धारा के नज़दीक आने लगी थीं। चीन की पुरानी फिल्मों का अनुसंधान विश्व फिल्म के विकास के इतिहास के अनुसंधान के लिए लाभदायक होगा। इसलिए पुरानी चीनी फिल्मों ने अनेक विशेषज्ञों का ध्यान आकृष्ट किया है।