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(GMT+08:00) 2006-03-09 16:12:57    
चीन धीरे-धीरे विश्व व्यापार संगठन का एक सक्रिय सदस्य देश बन रहा है

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विश्व व्यापार संगठन के छठे मंत्री स्तरीय सम्मेलन में कृषि व गैर कृषि उत्पादों के बाजार में प्रवेश तथा विकास के सवाल पर कुछ प्रगति हासिल हुई है। चीन ने सम्मेलन में संजीदगी से विभिन्न वार्ताओं में भाग लिया। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के विश्व व्यापार संगठन में शरीक होने के बाद पिछले चार सालों में बहुपक्षीय वार्ता की तकनीक दिनोंदिन परिपक्व होती जा रही है। इस के साथ घरेलू बाजार को खोलने के अपने वचनों का संजीदगी से पालन कर चीन धीरे-धीरे विश्व व्यापार संगठन का एक सक्रिय सदस्य बनता जा रहा है।

विश्व व्यापार संगठन के हांगकांग सम्मेलन में चीन के प्रदर्शन की चर्चा करते हुए संगठन के महानिदेशक लामी ने कहा कि चीन ने बहुपक्षीय वार्ता के दौरान अपनी वार्ता कला का अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा चीन एक बुद्धिमान वार्ताकार है। वार्ता की तकनीक चीन की एक प्राचीन कला है।

चीनी प्रतिनिधिमंडल ने हांगकांग सम्मेलन के दौरान, संगठन के 49 अल्पविकसित सदस्य देशों के सभी उत्पादों को चुंगी कर व कोटे से मुक्त रख कर बाजार में प्रवेश करने देने की अपील करने के साथ सभी विकासशील सदस्य देशों को विशेष व भिन्न रियायत देने का सुझाव भी रखा था।

चीनी वाणिज्य मंत्री पो सी लाए ने सम्मेलन में चीन के संबंधित सुझावों पर प्रकाश डालते हुए कहा विश्व व्यापार संगठन के व्यापार को मुक्त करने के काम को आगे बढ़ाने के दौर में अधिकतर सदस्यों को रियायत देना एक मूलभूत सवाल है, ताकि सभी विकासशील सदस्य देश प्रगति के साथ कदम से कदम मिला सकें। इसके लिए सभी विकासशील सदस्य देशों को विशेष व अलग तरह की रियायतें दी जानी चाहिएं और हांगकांग सम्मेलन के दौरान कपास आदि सवालों के हल के लिए मतैक्य संपन्न करने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे विकासशील देश वास्तविक लाभ हासिल कर सकें तथा अधिकतर सदस्य देशों का दोहा वार्ता के प्रति विश्वास बुलन्द हो सके।

चीन का यह रुख विकासशील देशों के निर्धन किसानों के लिए खुशी की एक खबर है। चीन की जनसंख्या का अधिकांश किसान ही हैं। हर दिन एक अमरीकी डालर कमाने के मापदंड के हिसाब से चीन में निर्धन लोगों की संख्या कोई 20 करोड़ है। श्री पो सी लाए ने कहा कि हालांकि चीन की अपनी बहुत सी कठिनाइयां हैं तो भी वह विश्व के लिए योगदान कर रहा है। चीन इस साल 6 खरब अमरीकी डालर का आयात कर दुनिया के एक नये विशाल बाजार की स्थापना करेगा। इस के साथ चीन सरकार ने गत वर्ष के अन्त से पहले सभी निर्धन देशों के कर्ज को माफ कर देने की घोषणा भी कर डाली है।

चूंकि चीन अन्तर्राष्ट्रीय व्यापारिक संरक्षणवाद से सबसे ज्यादा पीड़ित रहा है, इसलिए उस ने हांगकांग सम्मेलन में विश्व व्यापार संगठन के अधिकाधिक सदस्य देशों से चीन को पूर्ण बाजार अर्थतंत्र का दर्जा देने व डम्पिंग विरोधी नियमों की मौजूदा कार्रवाई में सुधार कर उन्हें अधिक पारदर्शी बनाने का समर्थन करने का आग्रह किया । इस संबंध में चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के विश्व आर्थिक व राजनीतिक अनुसंधान प्रतिष्ठान के उप निदेशक ली श्यांग यांग ने कहा चीन द्वारा हांगकांग सम्मलेन में प्रस्तुत सुझावों ने अधिकतर विकासशील देशों की मांगों का प्रतिनिधित्व किया जैसे उसने कृषि उत्पादों के व्यापार को मुक्त करने, विकासशील सदस्यों को भिन्न-भिन्न रियायत देने व विकसित देशों से गैर कृषि उत्पादों के बाजार को अधिक खोलने आदि का आग्रह किया।

इस से सिद्ध होता है कि चीन बहुपक्षीय व्यापार वार्ता की तकनीक में धीरे-धीरे परिवक्व होता जा रहा है।

चीन ने पिछले चार सालों में विश्व व्यापार संगठन को दिए वचनों को भी बड़ी अच्छी तरह निभाया है। चीन ने इन चार सालों में चार बार कस्टम-कर में बड़े पैमाने पर कटौती की। वर्तमान में उसका चुंगी कर का स्तर विश्व व्यापार संगठन में शामिल होने से पहले के 15.3 प्रतिशत से 9.9 प्रतिशत तक कम हो गया है।

चीन में स्थित विश्व व्यापार संगठन के प्रमुख प्रतिनिधि होफमेन ने बताया कि चीन के विश्व व्यापार संगठन के निर्धारित नियमों के गंभीर पालन के रुख ने उन पर बड़ी गहरी छाप छोड़ी है। उन्होंने कहा पिछले कुछ सालों में चीन सरकार ने इस पहलू में जो काम किए, वे प्रशंसनीय हैं। विवादों के उत्पन्न होने के समय चीन हमेशा विश्व व्यापार संगठन के निर्धारित नियमों का पालन करने की पूरी कोशिश करता रहा, हालांकि इस से चीन को नुकसान भी होता रहा है।

बाजार के खुलेपन के क्षेत्र में भी चीन ने सक्रिय कदम उठाए हैं। वर्तमान में विदेशी-पूंजी से संचालित दूर-संचार व बीमा-उद्योग का चीन में संयुक्त-पूंजी से संचालित कारोबारों के निर्माण में अब कोई परिसीमन नहीं है। सबसे ध्यानाकर्षक बात बैंक-उद्योग के बारे में हुई है, बैंक-उद्योग में विदेशी-पूंजी से संचालित बैंक अब चीन के 25 शहरों में चीनी उद्योगों के लिए रन मिन बी में व्यवसाय कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को चीन दिए गये वचनों से भी कहीं पहले अमल में ले आया है। विदेशी-पूंजी के बैंकों का चीन में व्यवसाय का भाग 30 प्रतिशत की गति से बढ़ने के अलावा, कोई 18 विदेशी संस्थाओं ने चीन के बैंकों में शेयर भी लिये हैं। इन में विदेशी एकल पूंजी से संचालित दो वाणिज्य बैंक भी शामिल हैं, जिनकी कुल पूंजी-निवेश राशि करीब 33 अरब अमरीकी डालर है। अपने संबंधित वचनों के अनुसार, वर्ष 2006 के अन्त तक चीन पूर्ण रूप से बैंक-बाजार को खोल देगा।

विश्व की सबसे बड़ी क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली संस्थाओं में से एक वीजा अन्तर्राष्ट्रीय संगठन के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के उप महानिदेशक तथा चीन क्षेत्र के महानिदेशक अल्बर्ट शुंग ने वीजा के चीन में उज्ज्वल भविष्य पर विश्वास जताते हुए कहा हम और हमारे सदस्य बैंक वर्ष 2007 में चीन में प्रवेश करने की आशा कर रहे हैं। हम ने चीन के विश्व व्यापार संगठन में शामिल होने से पहले ही चीन में प्रवेश कर लिया था और चीन के बैंकों के साथ बेहतरीन सहयोग की बुनियाद भी स्थापित कर ली है। भविष्य की ओर नज़र डालने पर हम यह विश्वास व्यक्त कर सकते हैं कि जब बैंक क्रेडिट पूरी तरह खोल दिया जाएगा, तो अधिकाधिक विदेशी बैंकों को इसमें शामिल होने का अवसर प्राप्त होगा। इस प्रकार वे अधिकाधिक तकनीक व समुन्नत विचारधारा लेकर आएंगे, जिस से चीन का बैंक क्रेडिट उद्योग अधिक स्वस्थ गति से विकसित होगा।

अन्तरराष्ट्रीय समुदाय ने चीन के पिछले चार सालों के कुछ कामों की आलोचना भी की है। विशेषकर चीन के बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण के कार्य पर अमरीका-चीन व्यापार कमेटी और यूरोपीय संघ के वाणिज्य संघ आदि संगठनों का मानना है कि बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में चीन अभी कमजोर है और इसमें पारदर्शिता की कमी है। चीन के वाणिज्य उप मंत्री चांग ची कांग ने कहा कि वर्तमान में अन्तरराष्ट्रीय नियमों से मेल खाने वाली बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण की प्रारंभिक कानूनी व्यवस्था कायम करने के साथ चीन ने बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण से जुड़े सभी अन्तरराष्ट्रीय संगठनों की सदस्यता भी हासिल कर ली है। इस के साथ चीन सरकार ने 12 संस्थाओं से गठित राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण के कार्यदल की स्थापना भी की है और बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण की सुरक्षा शक्ति को प्रबल किया है।