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(GMT+08:00) 2006-03-08 16:06:07    
चीन में दवाओं के बढ़ते दाम के सवाल का समाधान

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आजकल दवा के बढ़ते दाम चीनी लोगों में चर्चा का विषय है । क्योंकि पहले की तुलना में दवा के दामों में बहुत बढ़ोत्तरी हो गयी है । चीनी स्वास्थ्य-मंत्रालय की एक जांच के परिणाम के अनुसार अस्सी प्रतिशत लोगों का मानना है कि दस साल पहले की तुलना में दवा खरीदने का उन का खर्च बढ़ा है । बढ़ते जा रहे दवा के दामों के कारण अस्पतालों की ओर जाने वाले रोगियों के सिर पर एक भार सा रहता है ।

दवा के दाम क्यों बढ़ते जा रहे हैं , इस समस्या का समाधान करने के लिए चीन सरकार ने कैसा कदम उठाया है , ये चीनी लोगों के लिए ध्यानाकर्षक बात बनी है । मिसाल के तौर पर उत्तर पूर्वी चीन में रहने वाला एक रोगी शोथ के कैंसर के इलाज के लिए अस्पताल में दो माह भरती रहा और उस के कुल पांच लाख यवान खर्च हुए । इतना खर्चा करना आम चीनियों के लिए आकाश से तारे तोड़ने के बराबर है क्योंकि आम चीनियों की वार्षिक आय सिर्फ एक-दो लाख यवान ही होती है। इस घटना की रिपोर्ट से चीन में भारी प्रतिक्रियाएं पैदा होने लगीं, क्योंकि इससे चीन में दवा के दामों का हद से ज्यादा बढ़ना साबित हो गया है ।

गंभीर रोग के उपचार के लिए आम चीनियों के अनेक सालों की बचत खत्म हो सकती है , इससे आम चीनियों के दिल में आशंका पैदा हुई है । राजधानी पेइचिंग में रहने वाली सुश्री क्वो पचास वर्ष की हैं , उन्हों ने कहा , मेरी आय-व्यय साधारण है और मेरी तबियत भी अच्छी नहीं रहती। कल को यदि मुझे गंभीर रोग हो जाए , तो मैं अस्पताल में इलाज करवाने के लिए असमर्थ हूंगी ।

आज चीन में बहुत से लोग ऐसा करते हैं यानी हल्के रोगों के इलाज के लिए सिर्फ घर में खुद दवा खाकर आराम करते हैं , और रोग के गंभीर होने की स्थिति में भी अस्पताल नहीं जाते , क्योंकि वे महंगी दवा और क्लीनिक सेवा लेने में असमर्थ होते हैं । चीनी स्वास्थ्य-मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि चीन में आधे रोगी दवा के दामों की चिन्ता में अस्पताल ही नहीं जाते हैं , और 30 प्रतिशत रोगी अस्पताल में भरती होने से इन्कार कर देते हैं ।

लेकिन चीनी अस्पतालों में दवा और चिकित्सा सेवा के दाम क्यों इतने अधिक हैं । इस का कारण यह है कि कुछ चीनी अस्पताल दवा को रोगियों की जान बचाने वाली चीज़ नहीं , मुनाफा कमाने का माल समझते हैं । कुछ चीनी डाक्टर आर्थिक लाभ उठाने के विचार में रोगियों के लिए अनावश्यक दवा तथा क्लीनिक जांच का नुस्खा लिखा करते हैं ।

दवा के बढ़े हुए दामों के सवाल का समाधान करने के लिए चीन सरकार और संबंधित विभागों ने भी अनेक कदम उठाये हैं । उदाहरण के लिए पेइचिंग , सिंच्यांग और चच्यांग आदि क्षेत्रों में कम दामों वाली दवा तथा अस्पताल-व्यवस्था का निर्माण किया जा रहा है । कम दाम वाले अस्पतालों को स्थानीय सरकारों से आर्थिक भत्ता मिलता है और रोगियों को यथासंभव कम दाम वाली दवा तथा चिकित्सा-सेवा प्रदान की जाती है। पेइचिंग में खोले गये एक ऐसे अस्पताल शां-ती अस्पताल की निदेशिका सुश्री वांग ने कहा कि उन के अस्पताल में मुख्य तौर पर दवा के दामों को कम करने के जरिये रोगियों के बोझ को हल्का बनाया जा रहा है । और इसी अस्पताल में बेरोज़गारों समेत गरीबों को अपना प्रमाण-पत्र दिखाकर दवा और उपचार लेने की उदार शर्तें भी हैं । इसी उद्देश्य के लिए अस्पताल में उपलब्द्ध उपयोगी संयंत्रों का यथासंभव कम प्रयोग किया जाता है और रोगी अपनी रोजमर्रा की चीज़ों को रोगी कक्ष में ले जा सकते हैं ।

इस के अलावा चीन के हनान , चच्यांग और शानतुंग आदि प्रांतों के कुछ अस्पतालों में किसी एक रोग के इलाज का अधिकतम दाम भी सीमित किया गया है । मिसाल के लिए तालु-टांसिल काटने के आपरेशन का खर्चा 2800 यवान तक सीमित है , बाकी का खर्च अस्पताल द्वारा ही उठाया जाता है । शानतुंग प्रांत के चिनींग मैडिकल-अकादमी के तहत जो अस्पताल है , सर्वप्रथम उस में ऐसी व्यवस्था लागू की गयी थी, जिससे रोगियों के उपचार में औसतन 33 प्रतिशत की कमी की गयी । कुछ रोगों का इलाज खर्च 40 प्रतिशत कम हो गया है ।

चिकित्सा के दाम कम होने से बहुत से रोगी आकर्षित हुए हैं । अनेक रोगी , जिन में बाहरी प्रदेशों से आने वाले रोगी भी शामिल हैं , चिनींग अस्पताल में इलाज करवाने आने लगे हैं । किसान भाई ल्यू के बेटे को जन्मजात हृदय रोग था । पर आपरेशन के भयानक दामों की आशंका में ल्यू ने अपने बेटे का आपरेशन नहीं करवाया । चिनींग अस्पताल में कम दामों में इलाज की बात सुनने के बाद ल्यू अपने बेटे को सैकड़ों किलोमीटर की दूरी से भी इस अस्पताल में लाया ।

रोगियों के चिकित्सा खर्च को कम करने के लिए चीन सरकार ने और कुछ कदम भी उठाये हैं ।जैसेकि पहले चीन के किसी एक अस्पताल में हुई शारीरिक जांच का परिणाम दूसरे अस्पताल में नहीं माना जाता था । अगर रोगी दूसरे अस्तपाल में हस्तांतरित होता था , तो पुराने अस्पताल में हो चुकी शारीरिक जांच को फिर एक बार करवाना पड़ता था । इस तरह रोगियों को न केवल अधिक समय , बल्कि अनावश्यक खर्च भी उठाना पड़ता था । इस पद्धति को दुरस्त करते हुए चीन के थिएनचिन , शांघाई और नानचिंग आदि शहरों के बड़े अस्पतालों के बीच एक दूसरे की शारीरिक जांच के परिणामों को माना जाने लगा है । इसी से रोगियों के खर्च में भी कमी आई है ।

चीनी चिकित्सा-मंत्री श्री क्वौ छिआन ने कहा कि चीन सरकार चिकित्सा-व्यवस्था में संपूर्ण रूप से सुधार लाने की एक संक्षिप्त रूपरेखा तैयार कर रही है , ताकि मूल रूप से रोगियों के चिकित्सा खर्च को कम किया जा सके । उन के अनुसार चीन के संबंधित विभागों ने शहरी चिकित्सा-व्यवस्था के सुधारों का दीर्घकालीन अनुसंधान पूरा कर लिया है , और मूल रूप से कुछ विचारों पर भी पहुंचे हैं । पर सुधार की रूपरेखा का अनुसंधान अभी जारी है । सरकार की अखिल सुधार रूपरेखा प्रस्तुत की जाने से पहले स्थानीय सरकारों को अपने-अपने ठोस प्रयासों के जरिये रोगियों के चिकित्सा-खर्च को कम करने की कोशिश करनी चाहिये ।