
तिब्बती कालीन भारत, नेपाल, यूरोप और अमरीका में बहुत विख्यात हैं । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लोका प्रिफ़ैक्चर की नाई तुंग काउंटी की एक कालीन फ़ैक्ट्री बहुत मशहूर है जिस का संचालन दो बहनें करती हैं।
नाई तुंग तिब्बती कालीन फ़ैक्ट्री की स्थापना वर्ष 1974 में हुई। यह शुरू में एक पारिवारिक हस्तशिल्प कारखाने के आधार पर विकसित हुआ। फ़ैक्ट्री की प्रभारी सुश्री देछींग छ्वीजेन ने मुझे बताया कि उन के स्वर्गीय पिता तिब्बत के शिकाज़े क्षेत्र के बहुत मशहूर कालीन बनाने वाले थे। वर्ष 1974 में उन्होंने लोका प्रिफ़ैक्चर की नाई तुंग काउंटी में इस कालीन फ़ैक्ट्री की स्थापना की। इस की चर्चा में सुश्री देछींग छ्वीजेन ने कहा
"वर्ष 1974 में हमारे परिवार पिता जी, मैं, मेरे बड़े भाई, छोटी बहन और स्थानीय कस्बे की समिति के सदस्यों को मिला कर कुल 15 लोगों ने इस कालीन फ़ैक्ट्री की स्थापना की। उस समय यहां के लोग तिब्बती कालीन बनाना नहीं जानते थे, तो पिताजी ने स्थानीय लोगों को पढ़ाया। जिन लोगों ने पिता जी से कालीन बनाना सीख लिया वे अपने छात्रों को सिखाने लगे। इस तरह कई लोगों ने अपनी खुद की फ़ैक्ट्रियां खोलीं और कई ने घर में रह कर कालीन बनाना शुरू किया।"
सुश्री देछिंग छ्वी जेन ने बताया कि तिब्बती कालीन का इतिहास बहुत पुराना है। हज़ारों वर्षों के बाद तिब्बती कालीन के उत्पादन का एक विशेष तरीका विकसित हुआ। तिब्बती कालीन आम तौर पर शुद्ध हस्तशिल्प हैं। उनका रंग विविध होता है और उन पर बने विभिन्न चित्रों में आम तौर पर तिब्बती रीति-रिवाज़ दर्शाये जाते हैं। विशेष तिब्बती शैली वाले कालीनों को ग्राहक खूब पसंद करते हैं।
सुश्री देछींग छ्वी जेन ने बताया कि उन की फ़ैक्ट्री का स्थापना के शुरू में सालाना उत्पादन मूल्य सिर्फ़ 8 हज़ार य्वान था। पर कोई तीस वर्षों के बाद फैक्ट्री का बड़ा विकास हुआ और वर्ष 2002 तक उसके कुल कर्मचारियों की संख्या 165 हो गई, अचल संपत्ति 23 लाख बीस हज़ार य्वान तक जा पहुंची और सालाना उत्पादन मूल्य 18 लाख य्वान से ज्यादा हो गया।
सुश्री देछींग छ्वी जेन ने बताया कि लोका प्रिफ़ैक्चर तिब्बती संस्कृति का उद्गम स्थल है। उन की फ़ैक्ट्री के कालीनों के डिज़ाइन आम तौर पर यहां के यूंग बू ला खांग महल, छांग जू मठ और सांग ये मठ आदि विश्वविख्यात पर्यटन स्थलों के चित्रों पर आधारित होते हैं। विविध रंग, सुन्दर डिज़ाइन, उच्च गुणवत्ता वाले ऊन के ये शुद्ध हस्तशिल्प देशी- विदेशी ग्राहकों को आकृष्ट करते हैं । वर्ष 1987 से ही नाई तुंग की इस तिब्बती कालीन फैक्ट्री के कालीन अमरीका, जर्मनी और जापान को निर्यात किये जा रहे हैं और भीतरी इलाके के शहरों में भी बहुत लोकप्रिय हैं। इस तरह नाई तुंग तिब्बती कालीन फ़ैक्ट्री लोका प्रिफ़ैक्चर का एक महत्वपूर्ण उद्योग बन गई है।
पर नाई तुंग तिब्बती कालीन फैक्ट्री आसपास के गरीब किसानों को नहीं भूली है। हर वर्ष फ़ैक्ट्री पड़ोस के कस्बों व गांवों से नये 15 कर्मचारियों की भर्ती कर उन्हें कालीन बनाना सिखाती है। ऐसे लोगों में अधिकांश गरीब परिवार के बच्चे व विकलांग होते हैं। इस की चर्चा में फ़ैक्ट्री की प्रभारी सुश्री देछींग छ्वी जेन ने कहा
"हमारे यहां विकलांग काफी ज्यादा हैं। इस कालीन फैक्ट्री में काम करने के लिए हाथ से स्वस्थ होने से काम चलता है, इसलिए पांवों से विकलांग होने में कोई बात नहीं है। इस के अलावा, ऐसे विद्यार्थी जो विश्वविद्यालयों में प्रवेश नहीं पाते, उन्हें भी हम यहां काम देते हैं , गरीब परिवारों से आने वाली लड़कियों पर हम ज्यादा ध्यान देते हैं। "
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