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(GMT+08:00) 2006-02-28 17:21:43    
तिब्बत की महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए

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लिन ची महिला-बाल अस्पताल की स्थापना वर्ष 1990 में हुई। यह स्थानीय महिलाओं व बच्चों के की स्वास्थ्य रक्षा व परिवार नियोजन का मार्गदर्शक केंद्र है। अस्पताल में महिला रोग विभाग, प्रसूति विभाग बाल रोग विभाग और आपरेशन केंद्र आदि हैं। 38 वर्षीय छङ य्वू छिंग इस अस्पताल की उप प्रधान हैं। वे भीतरी इलाके के फ़ू च्येन प्रांत से तिब्बत की सहायता के लिए यहां पहुंची ।

लिन ची प्रिफैक्चर के महिला-बाल अस्पताल के डाक्टरों की गुणवत्ता को उन्नत करने के लिए सुश्री छङ य्वू छिंग भीतरी इलाके से पूंजी लाने की कोशिश करती रही हैं, ताकि अस्पताल के बुनियादी संस्थापनों में सुधार किया जा सके। भीतरी इलाके के फ़ू च्येन प्रांत ने एक लाख य्वान की धनराशि का अनुदान कर लिन ची प्रिफैक्चर के महिला-बाल अस्पताल के चिकित्सीय साज-सामान में सुधार की परियोजना को आगे बढ़ाया। वर्तमान में यहां एक लाख पचास हज़ार य्वान मूल्य के प्रगतिशील चिकित्सीय साज-सामानों का प्रयोग किया जा रहा है , जिस का स्थानीय रोगियों ने स्वागत किया है।

मेरी मुलाकात लिन ची प्रिफैक्चर के महिला-बाल अस्पताल में एक रोगी से भी हुई। त्सी रन चो मा नामक इस महिला ने सात दिन पहले इस अस्पताल में एक बेटी को जन्म दिया। वह चिकित्सीय जांच के के लिए अस्पताल आयी थी। त्सीरन चोमा ने बताया कि पहले उन के गांव की गर्भवती महिलाएं अस्पताल में बच्चों को जन्म देना नहीं चाहती थीं। इसका कारण अस्पताल का दूर होना और यातायात का सुविधाजनक न होना था। गरीब किसानों के पास अस्पताल में रहने लायक पैसे नहीं होते थे। लेकिन अब लिन ची प्रिफैक्चर के महिला-बाल अस्पताल के डाक्टर अक्सर गांव-गांव जाकर स्वास्थ्य रक्षा की संबंधित जानकारी का प्रसार करते हैं। इस के साथ केंद्र सरकार ने तिब्बती किसानों व चरवाहों के लिए मुफ्त इलाज की नीति भी लागू की है और इलाज का मापदंड भी निरंतर उन्नत होता जा रहा है। आज उन के गांव की महिलाओं को बीमार पड़ने पर अस्पताल में इलाज कराने की आदत पड़ चुकी है। लिन ची प्रिफैक्चर के महिला-बाल अस्पताल की नर्स सुश्री चो मा ने कहा

"पहले इस अस्पताल में आने वाले व्यक्तियों में आम तौर पर भीतरी इलाके से तिब्बत में काम करने के लिए आने वाले लोग ही थे और स्थानीय तिब्बती बहुत कम थे। गर्भवती महिलाएं बच्चे को जन्म देने के बाद घर में कुछ दिन बिताने के बाद ही यहां आती थीं। लेकिन अब स्थिति बदल गयी है। अब यहां ज्यादा तिब्बती रोगी आते हैं और अस्पताल का पैमाना भी विस्तृत हो गया है। अस्पताल के डाक्टर 24 घंटे काम करते हैं और यहां आने वाले व्यक्तियों में मुख्य तौर पर लिन ची निवासी ही हैं। इनमें स्थानीय चरवाहों की संख्या बढ़ी है। उन्हें लगने लगा है कि घर में बच्चे को जन्म देना खतरनाक हो सकता है और वे हमारे डाक्टरों का विश्वास करते हैं।"

लिन ची प्रिफैक्चर के महिला-बाल अस्पताल की नर्स चो मा तिब्बत की सहायता करने के लिए भीतरी इलाके से आई छङ य्वू छिंग का सम्मान करती हैं। उन्होंने कहा

"छङ य्वू छिंग हमारी नेता के रूप में बड़ी मेहनत से काम करती हैं। वे हमारे साथ दोस्त की तरह रहती हैं और हम में कोई दूरी नहीं है। हमारे अस्पताल में आने वाले रोगियों के कपड़े कई बार गंदे होते है, लेकिन उन्हें इसका बुरा नहीं लगता ओर सभी रोगियों के साथ अपने परिजनों जैसा व्यवहार करती हैं। इसलिए हम उनका मामान करते हैं। मुझे लगता है कि तिब्बत की सहायता करने के लिए भीतरी इलाके से आये कर्मचारियों की हमारे अस्पताल को भारी आवश्यकता है। इलाज के समय जब हमारे पास डाक्टर छङ होती हैं, तो हम पूरी शांति से अच्छी तरह इलाज कर पाते हैं।"

लिन ची प्रिफैक्चर के महिला-बाल अस्पताल की चेतनाहर दवा विशेषज्ञ डाक्टर जाशी लामू अक्सर सुश्री छङ य्वू छिंग के साथ ऑपरेशन में होती हैं । वे भीतरी इलाके से यहां आई इस डाक्टर का सम्मान करती हैं। झाशी लामू ने कहा:

"डाक्टर छङ ने यहां आने के बाद अस्पताल के डाक्टरों का ऑपरेशन में मार्गदर्शन किया। बीमारों के ऑपरेशन के समय अगर डाक्टर छङ हमारे पास खड़ी हो, तो हमें कोई चिंता नहीं होती। हम उन से सीख रहे हैं और बहुत अच्छा महसूस करते हैं। डाक्टर छङ की ऑपरेशन की तकनीक बहुत अच्छी है, हमें उन से और सीखना चाहिए।"

लिन ची प्रिफैक्चर के महिला-बाल अस्पताल के उप निदेशक के रूप में छङ युवू छिंग की आशा है कि यहां तकनीक उन्नत हो सकेगी और सुयोग्य डाक्टरों का प्रशिक्षण किया जा सकेगा। इस लक्ष्य को साकार करने के लिए वे अपनी सारी जानकारी तिब्बत के डाक्टरों में बांटना चाहती हैं। सुश्री छङ य्वू छिंग ने कहा कि तिब्बत की सहायता करने के लिए उनके पास सिर्फ़ तीन साल हैं जो बहुत कम हैं, इसलिए वे इस छोटे समय में तिब्बती लोगों के लिए ज्यादा से ज्यादा वास्तविक काम करना चाहती हैं। तीन साल बाद तिब्बत की सहायता करने के लिए भीतरी इलाके से कर्मचारियों की अगले खेप के यहां पहुंचने तक वे वह हर संभव कोशिश करना चाहती है, जिससे तिब्बत के किसानों व चरवाहों विशेष कर तिब्बती महिलाओं व बच्चों की स्वास्थ्य रक्षा का कार्य उन्नत हो सके। उन्होंने कहा कि तिब्बती महिलाओँ और बच्चों को स्वस्थ रखना एक डाक्टर का अपरिहार्य दायित्व है।

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