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आज के इस कार्यक्रम में हम कोआथ, बिहार के सुनील केशरी, डी डी साहिबा, संजय केशरी, सीताराम केशरी, खुशबू केशरी बवीता केशरी, प्रियांका केशरी, एस के जिंदादिल, दरभंगा, बिहार के प्रहलाद कुमार ठाकुर, राम बाबू महतो मुकेश कुमार,मऊ, उत्तर प्रदेश के मोहम्मद दनिश के पत्र शामिल कर रहे हैं।
पहले कोआथ, बिहार के सुनील केशरी, डी डी साहिबा, संजय केशरी, सीताराम केशरी, खुशबू केशरी बवीता केशरी, प्रियांका केशरी, एस के जिंदादिल का पत्र देखें। उन्होंने पूछा है कि चीन का प्रथम शहर किस सदी में स्थापित हुआ।
श्रोता दोस्तो, प्रथम शहर का मतलब सब से पुराना या सब से बड़ा शहर है। आज हम चीन के ऐसे दो शहरों की जानकारी दे रहे हैं।
5500 साल पूर्व ही चीन में शहर स्थापित हो चुका था। कुछ समय पहले पूर्वी चीन के आनह्वेई प्रांत में ऐसे शहर के एक खंडहर की खुदाई हुई। लिंगच्याथान नामक यह खंडहर यांत्सी व ह्वेई नदियों के बीच छाओहू झील के जलक्षेत्र में स्थित है।
5500 साल पहले यहां एक बड़ा शहर था। इस का पशुपालन और शिल्पकला समृद्ध थी।
इससे पूर्व चीनी पुरातत्ववेत्ताओं ने पूर्वी चीन के शांतुंग प्रांत के उल्येन जिले में एक शहर के खंडहर की खुदाई की, जिस का इतिहास 4000 साल पुराना है।
खुदाई के निदेशक, आनह्वेई प्रांत के सांस्कृतिक अवशेष पुरातत्व अध्ययन के प्रोफेसर श्री चांग चिंग-क्वो ने संवाददाताओं को बताया कि इस खंडहर से बड़े महल, बस्तियों, बड़े मंदिरों, प्रतिरक्षा संस्थापनों, हस्तकला के वर्कशॉप व बाजार का पता लगाया गया।
यह शहर नदी तट पर स्थित है। इस का क्षेत्रफल 16 लाख वर्गमीटर है। शहर सीढ़ियों के जरिए तीन भागों में विभाजित है। पहले इलाके में मामूली सदस्य रहते थे। इस इलाके में रिहायशी मकान, आंगन दिखाई देते हैं।
दूसरे इलाके में एक ऐसा चौक है, जिस की फर्श पर लाल रंग की ईंटें बिछाई गई थीं। इस का क्षेत्रफल 3000 वर्गमीटर है। यहां महल, मठ, सैन्य मैदान और यज्ञ स्थल है। पुरातत्ववेत्ताओं के विचार में यह राजनीतिक, सैनिक व सांस्कृतिक केन्द्र था।
तीसरे इलाके में बड़ी संख्या में समाधियों का पता लगाया गया।
शहर के चारों ओर प्रतिरक्षा के काम आने वाला नहर का घेरा था।
चीन का सब से बड़ा शहर निस्संदेह शांहाई है। वसंत-शरद काल में यहां छु राज के आभिजात्य ह्वांग शे की जागीर थी। चौथी व पांचवीं सदी में यहां के अधिकांश निवासी मछुवा थे।
वर्ष 1267 में ह्वांगफू नदी के पश्चिमी तट पर एक नगर बसाया गया इसे शांहाई नाम दिया गया। य्वान राजवंशकाल में यहां जिला स्तर की प्रशासनिक इकाई स्थापित हुई।
16 वीं सदी में शांहाई चीन का सूती कपड़े के उद्योग का केन्द्र बना। 1685 में छिंग राजवंश की सरकार ने यहां कस्टम कार्यालय स्थापित किया। 19 वीं सदी के मध्य में यह समृद्ध व्यापार शहर बन गया था। अफ़ीम युद्ध के बाद शांहाई विवश होकर शक्तिशाली पश्चिमी देशों के लिए खुला। 27 मई 1949 को शांहाई को मुक्त कराया गया।
जब शांहाई को जिला स्तर की प्रशासनिक इकाई बना गया, तब उस की आबादी एक लाख से भी कम थी। वर्ष 1949 में शांहाई को मुक्त कराने के समय उस की आबादी 52 लाख थी। वर्ष 2002 के अंत तक शहर की आबादी 1 करोड़ 33 लाख 42 हजार को पार कर गई। यहां की आबादी इतनी घनी है कि प्रति वर्गकिलोमीटर में 2014 व्यक्ति रहते हैं।
20 वीं सदी के 50 वाले दशक में शांहाई का भूभाग 636 वर्गकिलोमीटर था। वर्ष 1958 में केन्द्र सरकार ने च्यांगसू प्रांत के दस जिलों को शांहाई के प्रशासनिक इलाके में बांट दिया। इस तरह शांहाई का क्षेत्रफल बढ़ कर 5910 वर्गकिलोमीटर तक जा पहुंचा। वर्ष 2002 के अंत तक शांहाई का भूभाग बढ़ कर 6340 वर्गकिलोमीटर तक पहुंच गया। इन में से यांत्सी नदी के मुख पर स्थित छुंगमिंग द्वीप चीन का तीसरा सब से बड़ा द्वीप है, इस का क्षेत्रफल 1041 वर्गकिलोमीटर है।
कोआथ, बिहार के सुनील केशरी, डी डी साहिबा, संजय केशरी, सीताराम केशरी, खुशबू केशरी बवीता केशरी, प्रियांका केशरी, एस के जिंदादिल ने यह भी पूछा है कि चीन में सब से बड़ी मीठे पानी की झील कौन सी है।
श्रोता दोस्तो, चीन में प्राकृतिक झीलों की कुल संख्या 24 हजार 9 सौ आंकी गई है। इन में से 2800 का क्षेत्रफल 100 हैक्टर से अधिक है और 13 का एक लाख हैक्टर से ऊपर।
चीन की ज्यादातर झीलें यांत्सी नदी के मध्य व निचले भाग के मैदान और छिंगहाई-तिब्बत पठार पर स्थित हैं। पूर्वी चीन की मीठे पानी की झीलों का क्षेत्रफल देश की झीलों का 45 प्रतिशत बनता है। इन में पोयांग झील, तुंगथिंग झील, हूंगचे झील, थाईहू झील और छाओहू झील बहुत मशहूर हैं।
श्रोता दोस्तो, अब करते हैं चीन की सब से बड़ी झीलों के बारे में विस्तार से चर्चा।
पोयांग झील चीन की सब से बड़ी मीठे पानी की झील मानी जाती है। यह पूर्वी चीन के च्यांगशी प्रांत में स्थित है और यांत्सी नदी के मध्य भाग के दक्षिणी तट से जुड़ी है। इस झील की दक्षिण से उत्तर तक लम्बाई कोई 170 किलोमीटर और पूर्व से पश्चिम तक चौड़ाई 70 किलोमीटर है। झील का क्षेत्रफल है 3583 (पैंतीस सौ तिरासी) वर्गकिलोमीटर । झील की सतह समुद्र तल से 21 मीटर ऊंची है, इस की औसत गहराई 7 मीटर और सब से अधिक गहराई 16 मीटर है। झील का जलभंडार 25 घनकिलोमीटर है। यह चीन की मीठे पानी की सब से बड़ी झील मानी जाती है। कनच्यांग、फ़ऊहो、राओहो、शिनच्यांग और शिउस्वेई पांच नदियां पोयांग झील में गिरती हैं और फिर यह झील यांत्सी नदी से मिल जाती है। पोयांग झील दो हिस्सों में विभाजित है। इस का दक्षिणी हिस्सा झील का प्रमुख अंग है।

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