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(GMT+08:00) 2006-02-27 10:09:43    
बंगलादेश के लड़के थाओ फेई की चीनी-भावना

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अनेक विदेशी मित्रों को चीन की पुरानी व रहस्यमय भूमि तथा पुरानी संस्कृति आकर्षित करती है। बंगलादेश से आया थाओ फेई इन में से एक हैं। आठ वर्ष पहले चीन में पढ़ना शुरु करने से ले कर अब तक लगातार चीन में पढ़ता रहा है और जीवन बिता रहा है। वह चीन को अपनी दूसरी जन्मभूमि मानता है।

पेइचिंग के मशहूर विश्विद्यालय छींग ह्वा विश्विद्यालय में हमारी मुलाकात छोटे कद के काले रंग वाले लड़के थाओ फ़ेई से हुई। मुलाकात के समय, उन्होंने अपनी अच्छी चीनी भाषा से चीन व चीनी संस्कृति के प्रति अपनी पसंद को अभिव्क्त किया। उन के अनुसार, चीन एक पुरानी संस्कृति वाला देश है। मुझे कला व संस्कृति बहुत पसंद है, इसलिए, मैं इसी तरह की जगह भी पसंद करता हूं। यहां रह कर मुझे अपेक्षाकृत खुशी महसूस होती है। बीच में मैं केवल एक महीने के लिए एक बार बंगलादेश वापस लौटा हूं । जब मैं फिर एक बार चीन वापस आया, तो मुझे अपने घर में वापस लौटने जैसा महसूस हुआ।

वर्ष 1998 के सितम्बर माह में बंगलादेश के ढाका विश्विद्यालय में चीनी कला पढ़ने वाला थाओ फ़ेई अध्यापक से परिचय हासिल कर चीनी मिट्टी की जन्मभूमि चीन आया और चीन के मशहूर विश्विद्यालय छींग ह्वा विश्विद्यालय के कला अकादमी के मिट्टी कला विभाग में पढ़ना शुरु किया। इस के बाद, उस ने श्रेष्ठ अंकों से इस विश्विद्यालय के शिक्षा विभाग में एम ए की डिग्री के लिए पढ़ना शुरु किया और शीशा कला पढ़ने वाला प्रथम बंगलादेशी छात्र बन गया। वर्ष 2005 के जुलाई माह में उसने निजी शीशा उत्पादकों की प्रदर्शनी की। यह छींग ह्वा विश्विद्यालय में निजी प्रदर्शनी करने वाला प्रथम विदेशी विद्यार्थी था।

प्रदर्शनी में चीन स्थित बंगलादेश के कांसुलेट श्री मा नान ने थाओ फ़ेई द्वारा हासिल उपलब्धियों की पुष्टि की। उन के अनुसार,

विदेश में हम देख पाते हैं कि बंगलादेश के युवा कलाकार थाओ फ़ेई ने सफलतापूर्वक अपनी निजी प्रदर्शनी का आयोजन किया, मुझे बहुत खुशी हुई है। मेरा विचार है कि इसी तरह की प्रदर्शनी ने बड़े हद तक कला पढ़ने वाले विदेशी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया है। आइंदे, हम इसी तरह की कार्यवाइयों को हरसंभव मदद देने को तैयार हैं।

अपनी कला के अलावा, थाओ फ़ेई को व्यापक रुप से चीन की परम्परागत संस्कृति भी बहुत पसंद है। उन्हें चीन की चित्रकला और सुलेखन बहुत पसंद है। वे रोज चित्रकला व चीनी चित्र खींचते हैं और मुफ्त में कला अकादमी जाकर अध्यापकों से चित्र खींचने की कला सीखते हैं।

वर्ष 2005 के सितम्बर माह में पूर्वी चीन के ज च्यांग प्रांत के हू च्यो शहर में विदेशियों की एक चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, चीन में काम करने, पढ़ने व जीवन बिताने वाले 100 से ज्यादा विदेशी मित्रों ने प्रतियोगिता में भाग लेने का आवेदन किया। श्री थाओ फ़ेई ने वर्तमान मैच में रजत पदक जीता। चीनी चित्र को छोड़कर थाओ फेई चीन के कामिक डायलाग ,नाटक और परम्परागत औपेरा के प्रति बहुत दिलचस्पी रखते हैं। उन्होंने चीन के कामिक डायलाग के विद्वान दींग क्वांग छ्वेन से कामिक डायलाग सीखा था। श्री दींग क्वांग छ्वेन ने संवाददाता से कहा कि थाओ फेई एक मेहनती विद्यार्थी है। चाहे कोई भी समस्या आए, वह श्री दींग से पूछेगा। श्री दींग इस विद्दार्थी को बहुत पसंद करते हैं। थाओ फेई तो दींग क्वांग छ्वेन को चीनी पिता मानता है।

थाओ फेई की कहानी ने अनेक चीनी समाचार माध्यमों का ध्यान भी खींचा है। चीन के अनेक टी वी स्टेशनों, रेडियों एवं अखबारों ने उन के बारे में लेख प्रकाशित किये हैं। चीनी में लिखने में भी थाओ फेई को कुछ उपलब्धियां मिली हैं। वर्ष 2004 में चीनी विदेशी भाषा प्रकाशन केंद्र ने थाओ फेई को चीन में विदेशियों का जीवन नामक शृंखला पुस्तकों के लिए लेख लिखने के लिए आमंत्रित किया। इस के बाद, उन्होंने चीनी लड़की एन एन के साथ थाओ फेई थाओ---चीनी देश में मेरा जीवन नामक एक पुस्तक लिखी। इस पुस्तक में छींग ह्नव विश्विद्यावय में थाओ फेई की पढ़ाई व जीवन के बारे में वर्णन किया गया है, विशेषकर चीन की परम्परागत संस्कृति, चीनी मिट्टी कला के प्रति उन की पसंद आदि। सुश्री एन एन ने कहा, थाओ फेई एक बहुत अच्छा लड़का है, वह दूसरों की मदद करना पसंद करता है। सच है, वह एक बहुत सदिच्छापूर्ण आदमी है।

थाओ फेई ने संवाददाता से कहा कि वह अपने को बहुत सौभाग्यशाली महसूस करता है। थाओ फेई ने कहा कि वे अपने को चीनी लोगों के जीवन में प्रवेश करने का प्रयास कर रहा है। वह इसी तरह के तरीकों से और अच्छी तरह चीनी संस्कृति को सीख रहा है। चीन में आने के बाद मैं ने तुरंत चीनी मित्र बनाये। मुझे लगा कि चीनी लोग बहुत गर्मजोश हैं। उन्हें विदेशियों को मित्र बनाना बहुत पसंद है। चीन में मैं टी वी प्रोग्राम भी देखता हूं। टी वी के अनेक चैनल होते हैं, मैं अपनी रुचि से चुन सकता हूं। टी वी प्रोग्रामों से मैं चीनी संस्कृति के बारे में अनेक जानकारी हासिल कर सकता हूं। इन के अलावा, मैं अकसर घूमता रहता हूं और यात्रा करता हूं। मैं अकसर पेइचिंग के बाहर जाता हूं , स्थानीय लोगों का जीवन देखता हूं, स्थानीय रीति रिवाज़ों व संस्कृति को देखता हूं। यात्रा करने से मैं और अच्छी तरह चीनी संस्कृति को समझ सकूंगा।

थाओ फेई ने कहा कि वे चीन में पढ़ेगा और रहेगा। वह चीन की यात्रा करेगा और चीनी लोगों को मित्र बनाता रहेगा। उन्होंने कहा कि केवल इसी तरह ही वह सच्चे माइने में चीन , चीनी लोग और चीनी संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेगा।