मिङ राजवंश के मध्य काल से, कृषि और दस्तकारी के अनवरत विकास के आधार पर दक्षिणपूर्वी चीन के रेशमी और सूती उद्योगों में पूंजीवादी उत्पादन संबंध भी विकसित होने लगे। केवल सूचओ शहर में ही वस्त्रोद्योग की कई हजार कर्मशालाएं थीं, जिन में बड़ी तादाद में मजदूर काम करते थे।
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