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(GMT+08:00) 2006-02-20 15:54:10    
हांगच्यो की वृद्धा पाओ छ्येन का फैशनबल जीवन

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पूर्वी चीन के ज च्यांग प्रांत के हांग च्यो शहर में रहने वाली पाओ छ्येन एक फैशनबल वृद्धा हैं। 73 वर्षीय पाओ छ्येन को न केवल कम्प्यूटर व अंग्रेजी आती है, बल्कि गाड़ी भी चला सकती हैं। ये सब उन्होंने अपने 60 की उम्र के बाद सीख ली है। उन का जीवन इसलिए रंग बिरंगा बन गया है।

हांगच्यो शहर के प्रसिद्ध दालाब पस्चिमी झील के निकट तंग शींग श्यांग नामक एक कम्युनिटि में। बाओ छ्येन यहां रहती हैं। वे छोटी कद की हैं और विवेकपूर्ण भी। वे हांगच्यो की स्थानीय बोली बोलती हैं। देखने में वे अपनी उम्र से कहीं युवा लगी हैं।

हांगच्यो शहर विश्वविख्यात एक पर्यटन शहर है। प्रचुर विशेष सामग्रियों एवं सुन्दर प्राकृतिक दृश्यों से हांगच्यो मनुष्य का स्वर्ग माना जाता है। एक हांगच्यो वासी होने के नाते, वृद्धा पाओ छ्येन अपने को बहुत सौभाग्य महसूस हुआ है।

 हम हांगच्यो की सुन्दरता का उपभोग कर रहे हैं और अनेक प्रशंसा में भी रहते हैं। अनेक विदेशी लोग व चीन के अन्य जगहों के लोग कहते हैं हांगच्यो में रहना बहुत भाग्य की बात है। मैं भी अकसर अपने आप से पूछती हूं कि क्या तुम हांगच्यो पसंद करते हो, जवाब हां है।लेकिन, यह पर्याप्त नहीं है। एक नागरिक होने के नाते, मुझे अपनी जन्मभूमि के लिए अपना योगदान देना है।

रिटायर से पहले सुश्री पाओ छ्येन हांगच्यो के सामूहिक कला हॉल में काम करती थीं। पांच सालों से पहले, उन्होंने अपने लिये एक नयी योजना बनायी और एक ही वर्ष के समय से रोज बाहर जाकर एक रमणीय दृश्य स्थल या एक परिवार की यात्रा की और वापस लौटने के बाद हजार शब्दों वाला एक लेख लिखा। उन्होंने आशा प्रकट की कि इन शब्दों से लोगों को और चतुर्मुखी हांगच्यो को जान सकें।

उन्होंने अपनी दैनिक डायरी को हांगच्यो 365 का नाम दिया। अभी तक, यह 3 लाख से ज्यादा डायरी को प्रकाशित किया गया है। 13 वर्षों से पहले, जब सुश्री पाओ छ्येन 60 की उम्र में थीं, उन्होंने कंप्यूटर सीखने लगा। उस समय कंप्यूटर कदम ब कदम चीनी नागरिकों के जीवन में प्रवेश करने लगा, सुश्री सुश्री पाओ छ्येन भी अपने जीवन में इसी तरह आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहती थीं। कुछ समय के कठिन पढ़ने से उन्होंने चीनी शब्दों को कंप्यूटर में लिखने के उपाय को सीख लिया और कंप्यूटर का कुछ सामान्य प्रयोग भी कर पाया।

कंप्यूटर में कुशलता से लिखना सीखने के बाद, सुश्री पाओ छ्येन ने अपनी कम्युनिटि में मुफ्त कंप्यूटर प्रशिक्षण कक्षा भी खोली। उन के अनुसार,

तकनीकी से सीखने के बाद मुझे लगा कि मुझे इस का प्रसार करना है। मुझे लगा कि कम्युनिटि एक बहुत अच्छी मंच है। मैं ने स्वच्छा से एक कंप्यूटर प्रशिक्षण कक्षा खोलने का अनुरोध किया। अभी तक, मैं तीन सालों में पांच कक्षाएं खोल चुकी हूं। मेरी कक्षा में सब से बड़ी उम्र वाले विद्यार्थी की उम्र 78 है, जबकि सब से छोटी की उम्र 20 है।

65 की उम्र में, ब्रिटेन में कार्यरत भानजी के निमंत्रण पर, सुश्री पाओ छ्येन एक बार लंटन गयी। चुंकि वह अंग्रेजी नहीं बोल सकती हैं, उन्हें अपने को ब्रिटेन में एक मूक-बधिर माना। वे बहुत कठिनाई से स्थानीय लोगों के साथ आदान प्रदान कर पाती हूं। ब्रिटेन से स्वदेश वापस लौटने के बाद, उन्होंने अंग्रेजी सीखने लगा। अभी तक, वे कुशलता से अंग्रेजी के कुछ दैनिक शब्दों को पकड़ा है। हांगच्यो में बहुत कम 60 से ज्यादा की उम्र वाले लोग कार चलाते हैं। जबकि सुश्री पाओ छ्येन ने अपनी 69 की उम्र में कार चलाना सिखने का निर्णय लिया। अपनी 70 की उम्र की जन्मदीन से पहले, उन्होंने औपचारिक रुप से चालक स्कूल से कार चालक का परमाण पत्र मिला और इस शहर में एकमात्र चालक हैं, जिस की उम्र 70 से भी ज्यादा हो चुकी थी।

बाहर जाते समय, सुश्री पाओ छ्येन एक गाड़ी को किराये पर लेंगी , जिस की गाड़ी में एक सहायक चालक भी हैं। जरुरत पर, यह सहायक सुश्री पाओ छ्येन की मदद दे सकेंगे। हर बार सुश्री पाओ छ्येन ने अपने गाड़ी चलाने के अभ्यास व महसूस को लिख लिया और स्थानीय रात्रि अखाबर में प्रकाशित करवाया।

हांगच्यो की एक गाड़ी किराया कंपनी में कार्यरत श्री छ्येन छांग बीसों बार सुश्री पाओ छ्येन के साथ गाड़ी चलाते हैं। वे बहुत मेल से रहते हैं। सुश्री पाओ छ्येन के साथ रहना बहुत खुशी की बात है। श्री छ्येन के अनुसार, कहा जा सकता है कि अब वे बहुत अच्छी तरह गाड़ी चला सकती हैं। हालांकि इस वर्ष उन की उम्र 73 की है, फिर भी हमें उन्हें बहुत युवा लगता है। उन के साथ रहना हमें आरामदेह महसूस हुआ है।

सुश्री पाओ छ्येन एक फैशनबल वृद्धा है, वे अकसर फैशन के पीछे जीवन बिताती हैं। वे अकसर मोबाइल फोन से अपनी बेटी को फोन देती हैं और एस एम एस भेजती हैं। कुछ समय वे भी इंटरनेट पर क्यू क्यू के जरिए अपनी पोती के साथ कपशप करती हैं। सुश्री पाओ छ्येन ने कहा, मैंने सोचा कि हम आधुनिक जीवन में रहते हैं। आधुनिक तकनीक के बिना, हम, विशेषकर वृद्ध लोग युग के अनुकूल में नहीं होंगे।

सुश्री पाओ छ्येन ने अपने कुछ समय को परोपकार कार्यों में भी इस्तेमाल किया।वे कम्युनिटि में सब से बड़ी उम्र वाली स्वयं सेवकों में से एक हैं। कम्युनिटि के नागरिकों तथा बाहर से आये मजदूरों को मुफ्त रुप से कंप्यूटर की जानकारी देने के साथ साथ, उन्होंने कम्युनिटि में दादी पाओ की हॉट लाईंस भी खोली है, जो हर मंगलवार को खोली है। कम्युनिटि में रहने वाले नागरिक जब मुसीबतों का सामना आते, या दंपत्तियों के बीच गतिरोध आता, वे सब को दादी पाओ की हॉट लाईंस से मदद पाना पसंद है। सुश्री पाओ छ्येन के परोपकार कार्यों को पुरस्कार देने के लिए कुछ समय से पहले, हांगच्यो शहर ने उन्हें विज्ञान व तकनीक का प्रसार करने वाली स्वयं सेवक को सम्मानित किया। उन की तंग शींग श्यांग कम्युनिटि ने भी उन्हें कम्युनिटि की निर्माणता को सम्मानित किया।

सुश्री पाओ छ्येन के तीन बेटे हैं। बेटों के दिल में माता जी का जीवन परिपूर्ण व खुश है। उन के लिए यह एक सब से बड़ी शांत है। उन के दूसरे बेटे मंग यांग ने संवाददाता से कहा, मेरी माता जी एक बहुत आधुनिक व्यक्ति है, जो जीवन की गुणवत्ता को बड़ा महत्व देती हैं। उन की उम्र में वे इतनी महनती से पढ़ती हैं और उन्होंने कुछ उपलब्धियां भी हासिल हुईं। हमें बहुत खुशी है।