इधर के सालों में अध्ययन करने के लिए चीन आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इन में कालेज छात्रों के अतिरिक्त मिडिल स्कूल के विद्यार्थी भी हैं। इसलिए इन विदेशी छात्रों के लिए कुछ विशेष मिडिल स्कूल भी स्थापित किये गये हैं। इन विशेष स्कूलों में विदेशी छात्र शिक्षा लेकर कालेजों में दाखिल हो सकते हैं। राजधानी पेइचिंग में भी ऐसा एक विशेष मिडिल स्कूल स्थापित है, जिसका नाम है पेइचिंग ह्वेवन मिडिल स्कूल। ह्वेवन मिडिल स्कूल पेइचिंग शहर के केंद्र में स्थित है। 130 साल पुराने इस मिडिल स्कूल ने 12 साल पहले विदेशी छात्रों की भरती के लिए अंतर्राष्ट्रीय छात्र विभाग स्थापित किया। ह्वेवन मिडिल स्कूल के परिसर में पेड़ों के बीच सुन्दर इमारतें नजर आती हैं। इन इमारतों के द्वार पर अध्ययन भवन, पुस्तकालय, स्डेडियम, विज्ञान व तकनीक भवन और छात्रावास आदि शब्द अंकित हैं। इन में विदेशी छात्रों के लिए एक विशेष इमारत भी है। विदेशी छात्रों की कक्षाएं चीनी छात्रों से अलग होती हैं। विदेशी छात्र दलों में बंटकर अध्ययन करते हैं। विकसित देशों में आम तौर पर ऐसा ही उपाय अपनाया जाता है। इस तरह छात्र दलों में बंटकर विचार- विमर्श करने के माध्यम से अध्ययन करते हैं। इस से कक्षा का वातावरण हल्का होता है। इस स्कूल की एक अध्यापिका सुश्री चांग ने बताया कि उन की कक्षा में छात्रों के दलों में बंटकर अध्ययन करने का तरीका अपनाया गया है। ऐसा तरीके की विदेशों से आये छात्रों को आदत होती है। चीनी मिडिल स्कूलों में आम तौर पर अध्यापक पढ़ाते हैं और छात्र सुनते हैं। दलों में बंटकर अध्ययन करने से छात्रों की रुचि बढ़ती है और इसमें समय भी कम चाहिये। पेइचिंग ह्वेवन मिडिल स्कूल के विदेशी छात्र फिर भी चीन के मशहूर मिडिल स्कूलों में पढ़ने का मौका पाना चाहते हैं। यह पेइचिंग ह्वेवन मिडिल स्कूल का भी मिशन है। ह्वेवन स्कूल के अंतर्राष्ट्रीय विभाग की प्रधान सुश्री चिन ने कहा कि उनका मिडिल स्कूल विद्यार्थियों को कालेज में भरती के लिए मदद देने का काम भी करता है, पर अधिक महत्वपूर्ण काम इन छात्रों को बड़ी क्षमता और दक्षता हासिल कराना है। चीनी कालेजों में भरती के लिए विदेशी छात्रों को कालेज की प्रवेश परीक्षा पास करनी पड़ती है। ऐसी परीक्षा में आम तौर पर चीनी, अंग्रेज़ी, गणित तथा विज्ञान आदि की परीक्षा ली जाती है। विदेशी छात्रों को कालेजों की प्रवेश परीक्षा पास होने में मदद देने के लिए पेइचिंग ह्वेवन मिडिल स्कूल भी अपनी दैनिक शिक्षा में इस प्रवेश परीक्षा को केंद्र में रखता है। उदाहरण के लिए विदेशी छात्र आम तौर पर चीन के सब से मशहूर विश्वविद्यालयों-पेइचिंग विश्वविद्यालय तथा छींगह्वा विश्वविद्यालय में भरती होना चाहते हैं। इसके साथ ही पेइचिंग ह्वेवन मिडिल स्कूल चीनी, अंग्रेज़ी भाषाओं और कंप्यूटर आदि के अध्ययन को भी महत्व देता है। छात्रों को सामाजिक शिक्षा तथा पर्यटन आदि पढ़ने का मौका भी यहां मिलता है। विदेशी छात्रों ने पेइचिंग ह्वेवन मिडिल स्कूल के अध्ययन-उपाय का बहुत स्वागत किया है। आज इस स्कूल में लगभग दो सौ विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं। उन में से अधिकांश कोरिया गणराज्य, वियतनाम और मलयेशिया आदि एशियाई देशों से हैं। उन की उम्र आम तौर पर 12 से 18 वर्ष के बीच है। उन के मां-बाप का विचार है कि वे चीनी भाषा सीख कर और चीनी कालेजों में पढ़ने के बाद चीन के तेज़ विकास में अपने लिए मौका पा सकेंगे और यह उन के रोजगार के लिए अच्छा होगा। 17 वर्षीय लड़की तु त्सेईहूंग वियतनाम से हैं। उन के घर के लोग पीढ़ियों से डाक्टर हैं। एक साल पहले तु त्सेईहूंग पेइचिंग ह्वेवन मिडिल स्कूल में पढ़ने आयी। उसने कहा कि छुटपन से दूसरे लोग उससे कहते रहे थे कि उस का चेहरा चीनियों जैसा लगता है। इसलिए तभी से उसमें चीन के प्रति प्यार की भावना ने जन्म लिया, यों उसे उस समय मालूम नहीं था कि चीन कहां है। बाद में उसकी मां ने उससे कहा कि अगर तुम चीन से प्यार करती हो और डाक्टर बनना चाहती हो, तो अच्छा होगा, तुम चीन की परंपरागत चिकित्सा पद्धति सीखने चीन जाओ। इस के बाद तु चीन आयी और पेइचिंग ह्वेवन मिडिल स्कूल में चीनी भाषा सीखने लगी। वह बाद में चीनी चिकित्सा विश्वविद्यालय में पढ़ना चाहती है। चीनी शिक्षा मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि इधर के वर्षों में चीन में पढ़ने के लिए आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। आज पेइचिंग में विदेशी छात्रों के लिए दर्जनों विशेष मिडिल स्कूल या कुछ स्कूलों के भीतर अंतर्राष्ट्रीय विभाग खोले जा चुके हैं। पेइचिंग ह्वेवन मिडिल स्कूल ने वर्ष 1994 से अब तक तीन हजार से अधिक विदेशी छात्रों को प्रवेश दिया। इन छात्रों का शतप्रतिशत चीनी कालेजों में भरती होने में सफल रहा और इन में से अस्सी प्रतिशत पेइचिंग विश्वविद्यालय और छींगह्वा विश्वविद्यालय समेत चीन के मशहूर उच्चशिक्षालयों में दाखिल हुए। लेकिन इन छात्रों का प्रबंधन और इन्हें शिक्षा देना कोई आसान काम नहीं है। सुश्री चिन ने कहा कि पेइचिंग ह्वेवन मिडिल स्कूल चीनी और विदेशी छात्रों के एक जैसा बरताव करता है। लेकिन विदेशी छात्रों को अधिक समझ व प्यार चाहिये, क्योंकि वे अपने घरों से दूर चीन में रहते हैं। उनके सामने चीन में भाषा और जीवन शैली की समस्या आती है, उन्हें अध्यापकों से अधिक मदद चाहिये। सुश्री चिन ने कहा कि स्कूल के अध्यापक छात्रों के मां-बाप जैसे होते हैं और उनकी खूब देखभाल करते हैं। 18 वर्षीय कोरियाई लड़की श्यू रूंची तीन साल पहले कोरिया गणराज्य से पेइचिंग ह्वेवन मिडिल स्कूल में अध्ययन करने आयी। अध्यापकों की मदद से उसे यहां के जीवन की आदत पड़ गई है। उस ने बताया कि जब वह पेइचिंग आयी ही थी, तो हर रोज़ अपने घर फोन करती थी, क्योंकि उसे यहां के जीवन की आदत नहीं थी। पर अब उस का जीवन बिल्कुल ठीक हो गया है। श्यू ने कहा कि उन के कमरे में और एक साथी है। कमरे में सभी उपकरण उपलब्ध हैं। स्कूल की मेस में कोरियाई खाना बनता है। श्यू का कहना है कि वह पेइचिंग विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में भाग लेगी और एक मशहूर चीनी विश्वविद्यालय में अध्ययन करने की अपनी कल्पना पूरी करेगी।
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