प्रिय दोस्तो , आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप को पेइचिंग स्थित पुराने राज प्रासाद के दौरे पर ले चलेंगे। जब भी कोई पर्यटक पेइचिंग आता है, पेइचिंग के केंद्रीय क्षेत्र में स्थित विश्वविख्यात पुराने राज प्रासाद का दौरा करने जाता है, वरना उस के लिए पेइचिंग आना कोई अर्थ नहीं रखता। 15 वीं शताब्दी में निर्मित पुराने राज महलों का यह समूह आज तक देशी- विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पर क्या आप को मालूम है कि पुराने राज प्रासाद के जो स्थल पर्यटकों के लिए खुले हुए हैं, वे इस प्रासाद का एक भाग मात्र हैं और अनेक भाग अब भी पर्यटकों के लिए खोले जाने बाकी हैं। इस शताब्दी के शुरू में चीन सरकार ने पुराने राज प्रासाद के जीर्णोद्धार की बीस वर्षीय परियोजना शुरू की। इस जीर्णोद्धार परियोजना को मूर्त रूप देने के बाद पुराने राज प्रासाद के अधिकाधिक पर्यटन स्थल पर्यटकों के लिए खोल दिये जाएंगे। आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप को राज प्रासाद के दो नये पर्यटन स्थलों का भ्रमण करायेंगे।
चीन की राजधानी पेइचिंग के केंद्र में स्थित पुराने राज प्रासाद का चीन के इतिहास में विशेष स्थान है। पांच -छै सौ साल पहले मिंग व छिंग राजवंशों के शासन काल में राजा इस पुराने राज प्रासाद से देश के राजकीय मामलों को निपटाते थे, वे यहां रानियों व अन्य शाही परिजनों के साथ रहते थे और यहीं भव्य समारोह आयोजित करते थे। सात लाख 20 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल में फैले इस राज प्रासाद के नौ हजार से अधिक कमरे आज तक सुरक्षित हैं और यह पुराना राज प्रासाद चीन और विश्व का सब से बड़ा व सुव्यवस्थित प्राचीन राज प्रासाद समूह माना जाता है।
सांस्कृतिक अवशेषों के संरक्षण की वजह से इस पुराने राज प्रासाद के आधे से अधिक भाग अब तक पर्यटकों के लिए नहीं खुल पाये हैं। इसके लगभग चार लाख वर्गमीटर से अधिक के भाग में खड़े अनेक प्राचीन भवनों की मरम्मत नहीं हो पाई, और पर्यटकों के लिए खोलने से पहले इन भवनों की मरम्मत करना जरूरी है। वर्ष 2002 में चीन ने अपने इतिहास की सब से बड़े पैमाने की जीर्णोद्धार परियोजना शुरू की। इसके तहत 2008 में पेइचिंग ओलम्पियाड के आयोजन से पहले पुराने राज प्रासाद के थाई ह भवन , छ्येन छिंग कुंग और पूर्वी व पश्चिमी भागों में खड़े 6 प्रमुख भवनों का जीर्णोद्धार पूरा कर लिया जायेगा , फिर 2020 तक इस राज प्रासाद के सभी भवनों की मरम्मत पूरी हो जायेगी। इस जीर्णोद्धार परियोजना को शुरू हुए दो साल हो गये हैं, पर गत माह से ऊ इंग त्येन भवन ही नयी सूरत में सामने आया है।
ऊ इंग त्येन भवन पुराने राज प्रासाद की बायीं ओर खड़ा है। राज प्रासाद के मुख्य द्वार में प्रविष्ट होकर कुछ कदम चलने के बाद यह भवन नजर आता है। ऊ इंग त्येन भवन एक बृहत भवन है और यहां पहले राजा रहते थे और मंत्रियों के साथ बैठक करते थे। बाद में इसे एक प्रकाशन गृह का रूप दिया गया। छिंग राजवंश काल में हजारों ग्रंथों का संकलन और प्रकाशन इसी भवन में किया गया। अब पुनर्निर्मित ऊ इंग त्येन भवन में निखार आ गया है। पिछले दो सालों तक चले इस बृहत भवन के जीर्णोद्धार में इस पर सोने के पत्तर लगाना सब से महत्वपूर्ण कार्य रहा। भवन के बाहरी भाग पर सोने के पत्तर लगाने के अतिरिक्त इंजीनियरों व मजदूरों ने दूसरी जीर्णोद्धार परियोजना पूरी करने में भी अत्यन्त सावधानी बरती। पुराने राज प्रासाद की गाइड सुश्री चांग श्यो य्वे ने इस बारे में बताया कि ऊ इंग त्येन भवन के जीर्णोद्धार में देवदार की जिन लकड़ियों का प्रयोग किया गया, वे सब की सब सीधे उत्तर-पूर्वी चीन से लायी गयीं, जबकि इस भवन पर लगे रंगीन खपरैल पेइचिंग के पश्चिमी उपनगर में स्थित मन थाऊ काऊ में विशेष तौर पर तैयार किए गये। नयी तकनीक और नयी किस्म की सामग्री से तैयार ये रंगीन खपरैल दिखने में ही सुंदर नहीं हैं, बहुत टिकाऊ भी हैं।
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