• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2006-02-08 15:30:48    
श्वान वर्ष में कुत्ते की चर्चा

cri

चीन के रीति-रिवाज़ों के अनुसार, हर वर्ष का प्रतीक एक पशु होता है। इस तरह वर्ष 2006 चीन में श्वान वर्ष है।

चीनी रीति-रिवाजों के अनुसार, इस वर्ष जन्म लेने वाले लोग इस वर्ष का कुत्ते भी पालते हैं। 36 वर्षीय श्वू री ह्वा का जन्म श्वान वर्ष में हुआ, इसलिए, यह वर्ष उन का सौभाग्य वर्ष भी है।

सौभाग्य वर्ष के बारे में भी चीन में भी कुछ रीति-रिवाज हैं। इस मौके पर लोगों को उनके परिवार के लोग व मित्र सौभाग्यसूचक उपहार देते हैं ।

मिसाल के लिए, वे इस अवसर पर लाल रंग के कपड़े या साफे भेट किये जाते हैं। श्री श्वू री ह्वा ने कहा, यह वर्ष श्वान वर्ष है। मेरे मित्रों व परिजनों ने मुझे इसकी बहुत बधाई दी । मेरे घरवालों ने मुझे लाल साफ़ा और लाल बेल्ट दी, ताकि मेरा यह वर्ष सकुशल बीते। मैं भी अपने परिजनों के सौभाग्य वर्ष में उन्हें शुभकामनाएं दूंगा।

चीन की परम्परागत संस्कृति में श्वान वर्ष सौभाग्य का वर्ष माना जाता है। उत्तरी चीन के अनेक क्षेत्रों में इस बारे में अनेक मान्यताएं हैं। उदाहरण के लिए, चीनी जनता की नजर में श्वान वर्ष के साथ समृद्ध जीवन भी आता है। श्वान वर्ष सौभाग्य का वर्ष है और कुत्ता सौभाग्य का।

पर आखिर कुत्ता चीनी लोगों के सांस्कृतिक विचार में सौभाग्य का प्रतीक क्यों है। इस सवाल के अनेक जवाब हैं। पेइचिंग के रीति-रिवाजों का अनुसंधान करने वाले श्री वांग च्वे ई ने हमें इस बारे में अनेक जानकारियां दीं। उन्होंने हमें कुत्ते की अनेक विशेषताएं भी बतायीं। कुत्ता बहुत ईमानदार पशु है। वह अकसर अपने मालिक के पीछे चलता है और उसकी रक्षा करता है।

शायद कुत्ते की इस विशेषता के चलते ही सभी चीनी लोग उसे पसंद करते हैं। उत्तर-पूर्वी चीन की अल्पसंख्यक मेन जाति को कुत्ते बहुत पसंद हैं। मेन जाति के ल्यू फेई ने बताया कि उनकी जाति के लोगों के मन में कुत्ते का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।

उन्होंने कहा, मेन जाति के लोग कुत्ते को नहीं पीटते हैं और उसका मांस भी नहीं खाते। यह रिवाज पीढ़ियों से चलता आ रहा है। यदि आप मेन परिवारों में जायें तो आप को कुत्ते की खाल से बने कपड़े नहीं पहनने चाहिए। यह एक नियम सा बन चुका है।

मेन जाति के लोगों द्वारा कुत्ते के सम्मान की एक कहानी भी प्रचलित है। कहा जाता है कि मेन जाति के संस्थापक के शत्रु उनका पीछा कर रहे थे तो वे एक तालाब की ओर भागे। अत्यन्त थके होने की वजह से वे बेहोश हो गये तो शत्रुओं ने उन की तलाश में तालाब के पास आग जलायी। ऐसे में आग में घिर जाने पर एक बड़े कुत्ते ने पानी लाकर उन के शरीर की आग बुझाई। इससे वे अपने शत्रुओं से बच गये पर वह कुत्ता मर गया। इस कुत्ते ने मेन जाति के लोगों को बहुत प्रभावित किया। इस के बाद मेन जाति के लोगों ने शपथ ली कि वे कभी कुत्ते का मांस नहीं खायेंगे।

आस्ट्रेलियाई युवक जोम्स को चीनी संस्कृति में गहरी रुचि है। इस साल वे 24 साल के हैं। उन का जन्म भी श्वान वर्ष में हुआ। उन्होंने कहा कि उन्हें कुत्ते बहुत पसंद हैं।

 वे आशा करते हैं कि उनमें भी कुत्ते की सी विशेषताएं हों। उन के अनुसार,मैं जानता हूं कि चीन में कुल 12 पशु वर्ष-प्रतीक हैं। मेरा जन्म श्वान वर्ष में हुआ। मैं जानता हूं कि कुत्ते की विशेषता ईमानदारी और वफादारी है। मैं आशा करता हूं कि मैं इन विशेषताओं को प्रतिबिंबित कर सकूंगा और नये वर्ष के आगमन पर उसे अच्छी तरह मनाऊंगा।

श्री जेम्स ने कहा कि आस्ट्रैलिया में अनेक लोगों को कुत्ते पसंद हैं। वास्तव में अनेक देशों व क्षेत्रों में कुत्ता लोगों के जीवन में शामिल हो चला है और लोगों का अच्छा मित्र बन गया है।इधर अनेक चीनी लोग भी कुत्ते पालने लगे हैं।

पेइचिंगवासी सुश्री वांग पींग च्वू के घर में न्यू न्यू नामक एक छोटा कुत्ता है। वह उनके साथ नौ वर्षों से रहता आया है। न्यू न्यू के लंबे सफेद बाल हैं और वह सुश्री वांग द्वारा बुने लाल रंग के कपड़े पहनता है।

सुश्री वांग ने कहा कि वे न्यू न्यू को अपने परिवार का एक सदस्य मानती हैं। वह उन के जीवन में अनेक खुशियां लाया है।हम सब ऊंची इमारत में रहते हैं और एक-दूसरे को नहीं जानते। पड़ोसियों के बीच यहां ज्यादा आवाजाही नहीं होती। पर कुत्ता पालने से मुझे अन्य लोगों से संपर्क करने का मौका मिला। इसने मेरे जीवन को रंग-बिरंगा बनाया है।