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प्रिय मित्रो ,चीन का भ्रमण कार्यक्रम पढ़ने वाले सभी श्रोताओं को नमस्कार। आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप को चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा का तिब्बती शैली होटल दिखाने ले जा रहे हैं। चीन में सुधार और खुले द्वार की नीति लागू होने के पिछले बीसेक सालों में भारी परिवर्तन आये हैं और देश के कोने-कोने में चहल-पहल और खुशहाली नजर आने लगी है। चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा भी इस का अपवाद नहीं है। समुद्र की सतह से 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ल्हासा शहर अपने स्वच्छ नीले आकाश, कलकल करती ल्हासा नदी और लाल व सफेद रंगों वाले लामा मंदिरों से देशी-विदेशी पर्यटकों को बरबस आकर्षित करता है और शहर में इधर-उधर बिखरे तिब्बती शैली वाले छोटे होटल भी पर्यटकों को लुभाते हैं। विभिन्न देशों से आने वाले पर्यटकों को इन छोटे होटलों से खास लगाव है। वे इन होटलों के सरल संस्थापनों की परवाह न कर उनमें बड़े आराम से रहते हैं और उनके बहुत शांत व स्वतंत्र वातावरण का मजा लेते हैं। तो, आइये, चलें ल्हासा के तिब्बती शैली वाले बानाक शोल होटल को देखने।
तिब्बत की राजधानी ल्हासा में साल भर धूप खिली रहती है। सुहावने मौसम वाली एक दोपहर हम ल्हासा के प्रसिद्ध चुलाखांग लामा मठ की बगल में स्थित पाकोर सड़क से पूर्वी पेइचिंग नामक सड़क की ओर निकले। पूर्वी पेइचिंग सड़क ल्हासा की सब से रौनकदार सड़कों में से है। चुलाखांग मठ के बगल में होने की वजह से यह आम लोगों और बौद्ध अनुयाइयों से खचाखच भरी रहती है। तिब्बती शैली वाला बानाक शोल होटल इसी सड़क के पास खड़ा है। तिब्बती शैली वाले दूसरे होटलों की तरह इस छोटे होटल का दरवाजा भी बड़ा नहीं है और विभिन्न रंगों वाली छोटी-बड़ी दुकानों के पीछे से झांकता मालूम देता है। मुख्य फाटक के ऊपर लगा बोर्ड, जिस पर चीनी, तिब्बती और अंग्रेजी भाषाओं में होटल का नाम लिखा है, अत्यन्त आकर्षक है।
जब हम ने होटल में कदम रखा, तो एक लड़की को पंजीकरण मेज पर होटल में ठहरने का फोर्म भरते पाया। उस ने बताया कि उस का नाम ली पी छ्येन है और वह दक्षिणी चीन के क्वांगतुंग प्रांत से यहां आयी है। तिब्बत आने से पहले उस ने अनेक वेबसाइटों पर तिब्बत के भ्रमण से संबंधित जानकारी बटोरी और बानाक शोल होटल का पता भी उसे एक वेबसाइट पर मिला। उस ने कहा कि मैं ने तिब्बत के पर्यटन से जुड़ी अनेक वेबसाइटों से यह जानकारी प्राप्त की कि ल्हासा के बानाक शोल होटल के कमरों का किराया ही कम नहीं है, इसके चहल-पहल भरी सड़क पर स्थित होने की वजह से यहां यातायात की भी बड़ी सुविधा है। फिर तिब्बती शैली वाले होटल में रहने का अपना मजा है जो नया अनुभव देता है। इसलिए मैं ल्हासा पहुंचने के बाद सीधे इसी होटल में आयी और यहां के वातावरण से बड़ी संतुष्ट हूं। वर्तमान में ल्हासा में बानाक शोल जैसे तिब्बती शैली वाले अनेक होटल अधिकाधिक देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं।
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