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(GMT+08:00) 2006-01-26 18:14:12    
चीन-भारत मैत्री वर्ष पर रंग-बिरंगी गतिविधियां

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श्रोता दोस्तो, वर्ष 2006 चीन-भारत मैत्री वर्ष है। पहली जनवरी को चीन और भारत के नेताओं ने मैत्री वर्ष पर एक-दूसरे को बंधाई संदेश भेजे,जो इस का प्रतीक रहे कि चीन-भारत मैत्री वर्ष का उद्घाटन हो गया है। हाल ही में भारत स्थित चीनी राजदूत सुन यू शी ने चीन-भारत मैत्री वर्ष के विषयों के बारे में हमारे संवाददाता के साथ बातचीत की। श्री सुन ने बताया कि इस साल चीन और भारत मिलकर अनेक मैत्रीपूर्ण गतिविधियां आयोजित करेंगे ताकि चीन-भारत मैत्री का चौतरफा विकास हो सके। आज के इस कार्यक्रम में आप सुनिए इस बातचीत पर आधारित एक रिपोर्ट।

चीनी राजदूत सुन यू शी ने बताया कि चीन-भारत मैत्री वर्ष मनाने की बात चीनी प्रधानमंत्री वन चा पो और भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले साल तय की थी। पिछले वर्ष अप्रैल में चीनी प्रधानमंत्री वन चा पो ने भारत की औपचारिक यात्रा की। इस दौरान चीन और भारत ने शांति व समृद्धि को उन्मुख रणनीतिक साझेदारी की स्थापना की। आने वाले सालों में चीन-भारत संबंधों को नयी मंजिल पर पहुंचाने के लिए दोनों प्रधानमंत्रियों ने वर्ष 2006 को चीन-भारत मैत्री वर्ष घोषित किया। इस के बाद दोनों देशों के संबंधित विभागों ने इस की तैयारी शुरू की और पिछले दिसंबर में एक विस्तृत योजना प्रस्तुत की। इस योजना में 50 से अधिक मैत्रीपूर्ण गतिविधियां शामिल हैं,जो राजनीतिक, आर्थिक व व्यापारिक, सांस्कृतिक, सैन्य, शैक्षिक और वैज्ञानिक व तकनीकी क्षेत्रों से जुड़ी हैं।

श्री सुन यू शी ने कहा कि राजतीनिक क्षेत्र में दोनों देशों के वरिष्ठ नेताओं की एक-दूसरे के यहां यात्रा की ठोस तिथि पर राजनयिक माध्यमों से सलाह-मशवरा हो रहा है। इस के अलावा इस साल चीन और भारत के जाने-माने व्यक्तियों का पांचवां मंच भी आयोजित होगा जिस में दोनों देशों के पूर्व राजदूत व विशेषज्ञ व विद्वान भाग लेंगे। इस मंच के बारे में श्री सुन ने कहा,इस मंच का बडा महत्व है। इस मंच का मुख्य विषय विभिन्न दृष्टिकोणों से चीन-भारत मैत्रीपूर्ण संबधों को गहरा बनाने पर विचार करना और इस के लिए व्यावहारिक व ठोस सुझाव पेश करना है।

आर्थिक व व्यापारिक क्षेत्र में चीन और भारत इस साल में अपनी-अपनी राजधानी में चीनी व भारतीय उद्यमियों के शिखर सम्मेलन आयोजित करेंगे और कुछ प्रदर्शनियों का आयोजन भी करेंगे। सीमांत व्यापार बढ़ाने के लिए चीन और भारत नाथूला पहाड़ी दर्रा खोलेंगे, जो चीन के तिब्बत और भारत के बीच स्थित है। पिछले साल के अंत में चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के एक कार्यदल ने भारत आकर संबंधित भारतीय विभाग के साथ इस दर्रे को खोलने के बारे में ठोस मुद्दों पर विचार किया ।श्री सुन के अनुसार इस साल के अंदर इसे खोला जाना एकदम पक्का है। दोनों पक्ष इसे साल के पूर्वार्द्ध में खोलने की कोशिश कर रहे हैं। इस के खुलने से दोनों देशों के सीमांत व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

श्री सुन ने बताया कि सबसे ज्यादा गतिविधियां सांस्कृतिक क्षेत्र में होंगी। चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का इतिहास दो हजार वर्ष से भी अधिक समय पुराना है। चीन-भारत मैत्री वर्ष इस परंपरा को मजबूत बनाएगा। इन गतिविधियों के उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा,

चीन और भारत की आवाजाही के लंबे इतिहास में सब से मशहूर शुएं चांग रहे ,जो 1400 वर्ष पहले बौद्ध धर्म की शिक्षा लेने के लिए भारत गये थे। उन्होंने प्राचीन समय में चीन और भारत के सांस्कृतिक आदान- प्रदान में बड़ा योगदान किया। मैत्री वर्ष की दो गतिविधियां शुएं चांग से संबंधित होंगी। इनमें से एक चीन के सब से बड़े टी वी स्टेशन सी सी टी वी द्वारा शुएं चांग के बारे में वृत्तचित्र पेश करना है, जिस का नाम है फिर से शुएं चांग के रास्ते पर और दूसरी भारत स्थित शुएं चांग संस्कृति भवन के जीर्णोद्धार की होगी। प्रारंभिक योजना के अनुसार इस भवन में शुएं चांग की भारत में बौद्ध धर्म सीखने व मैत्री का प्रचार करने के विषय वाली प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी। हाल में चीनी ऐतिहासिक अवशेष ब्यूरो के निदेशक और चीनी बौद्ध धर्म जगत के व्यक्तियों से गठित एक प्रतिनिधिमंडल ने शुएं चांग भवन का दौरा किया। वे इस भवन के जीर्णोद्धार की योजना बनाएंगे। इस के साथ भारत मध्य चीन के ह नान प्रांत के लो यांग शहर में भारतीय शैली वाला एक बौद्ध मंदिर स्थापित करेगा। भारत सरकार इसमें पूंजी लगाएगी और भारतीय पक्ष ही इसे डिजाइन करेगा जबकि चीनी पक्ष इस के निर्माण का काम संभालेगा। ध्यान रहे चीन के लो यांग शहर में स्थित श्वेताश्व मंदिर चीन का ऐसा सब से पुराना मंदिर है,जो प्राचीन काल में भारतीय भिक्षुओं की मदद से निर्मित हुआ था।

सांस्कृतिक क्षेत्र में चीन में योगाभ्यास की लोकप्रियता को देखते हुए भारत योग गुरुओं का एक प्रतिनिधिमंडल चीन भेजगा। चीन नई दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में कंफ्यूशियस स्कूल खोलेगा,जो चीनी भाषा व संस्कृति की शिक्षा देगा।

शिक्षा व युवा मामले में आवाजाही की चर्चा करते हुए राजदूत सुन यू शी ने कहा,दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने अपने-अपने देशों के 100 छात्रों से गठित प्रतिनिधिमंडल को एक-दूसरे देश की यात्रा का निमंत्रण भी दिया है। इस से दोनों देशों में युवा मिलन समारोह जैसी गतिविधि आयोजित होगी। इस के अलावा दोनों देशों के मशहूर विश्विद्यालयों के बीच छात्रों व अध्यापकों के आदान-प्रदान का भी कार्यक्रम बनाया जा रहा है।

दोस्तो वर्ष 2005 में कई चीनी सैनिक प्रतिनिधिमंडलों ने भारत की यात्रा की,जिन में बीस से अधिक चीनी जनरल शामिल थे। खास बात यह कि पिछले नवंबर में दो चीनी सैन्यपोतों ने भारत के कोचीन बंदरगाह की सफल यात्रा की। वर्ष 2006 में सैन्य क्षेत्र में मैत्रीपूर्ण गतिविधियों के बार में श्री सुन ने कहा कि भारतीय रक्षामंत्री इस साल चीन की यात्रा करेंगे। उन की चीन यात्रा के दौरान दोनों पक्ष सैनिक संबंधों की मजबूती पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

मैत्री वर्ष की इन गतिविधियों के उद्देश्य की चर्चा करते हुए श्री सुन शू शी ने कहा,इन गतिविधियों के आयोजन का मुख्य उद्देश्य चीन-भारत मैत्री को नयी मंजिल पर ले जाना और लोकप्रिय बनाना है ताकि अधिकाधिक लोग चीन-भारत मैत्री का ख्याल रखें और इसमें योगदान दें। यह दोनों पक्षों का समान विचार भी है।0

दोस्तो, अभी आप ने हमारे संवाददाता की भारत स्थित चीनी राजदूत सुन यू शी के साथ चीन-भारत मैत्री वर्ष पर की बातचीत के मुख्य अंश सुने। आज का कार्यक्रम यहीं समाप्त होता है। फिर मिलेंगे। नमस्कार।