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(GMT+08:00) 2006-01-23 15:18:37    
चीनी समाज में किफायत का विचार

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आजकल चीनी समाज में किफायत के विचार पर जोर दिया जा रहा है। इन दिनों चीन में सर्दियों का मौसम है। ऐसे में चीन के विभिन्न स्थलों के होटलों ने एअरकंडीशनरों के उच्चतम तापमान को 18 से 20 सेंटीग्रेड तक सीमित रखना तय किया है। ऊर्जा की किफायत के लिए दफ्तरों में ऐसे कम्प्यूटरों, कॉपी मशीनों और स्केनरों को, जिनका अधिक इस्तेमाल नहीं होता सुप्तावस्था में रखा जा रहा है। लिफ्टों के कम से कं प्रयोग के लिए लोग ऊपर से नीचे या नीये से ऊपर पैदल जाते हैं। किफायत चीनी समाज में फैशन बन चुका है।

चीनी लोगों को चाय पीने की आदत है। विभिन्न कार्यालय इसके लिए गर्म पानी की सप्लाई करते हैं। पहले लोग थर्मस में गर्म पानी लाते थे जिसके चलते अपव्यय की स्थिति बहुत गंभीर थी। पर अब दफ्तरों में लोगों ने आवश्यकता पड़ने पर ही गर्म पानी का अपयोग करना शुरू कर दिया है। श्री छन छांग पेइचिंग के दक्षिण-पश्चिमी उपनगर की छांग गो बस्ती की एक सरकारी संस्था के कर्मचारी हैं। हर सुबह दफ्तर आने के बाद वे सब से पहले दफ्तर की सफाई करते हैं और गर्म पानी का प्रबंध करते हैं। उनके दफ्तर में बहुत अधिक कर्मचारी नहीं है, इसलिए, वे रोज केवल आधा बोतल का पानी ही लाते हैं। उन के अनुसार, हम केवल आधा बोतल पानी इसलिए लाते हैं, क्योंकि हर सुबह पानी लाते समय हमें पता रहता है कि आधी बोतल में पहले से गर्म पानी है। इस तरह, पानी का अपव्यय नहीं हो पाता।

जितना पानी पिया जा सके, उतना ही पानी लाना और कागज़ों के दोनों पृष्ठों को इस्तेमाल करना छांग गो बस्ती की किफायत गतिविधि के प्रमुख विषय बन गये हैं। बस्ती द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, इस से केवल एक महीने के भीतर ही पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 50 हजार य्वान की किफायत हुई।

संसाधनों के किफायती इस्तेमाल का विचार निरंतर लोगों के दिल में घर बनाने के साथ चीनी समाज के विभिन्न स्थलों में भी नजर आने लगा है। पेइचिंग की एक इमारत में हम ने देखा कि उसके दफ्तरों में दिन में बिजली का इस्तेमाल नहीं होता। इस तरह बहुत थोड़े समय में इस इमारत ने इस्तेमाल में आने वाली बिजली को पिछले वर्ष के 800 वॉट से 300 वॉट तक कम करने में सपलता पाई।

लेकिन, बिजली की किफायत से दफ्तर के कार्य को कठिनाई नहीं पहुंची। यहां काम करने वाले श्री वांग ह्वेई ने कहा, शुरू में मुझे बिजली की किफायत की आदत नहीं थी। पर अब इससे शीतलता महसूस होती है।

बिजली की किफायत करने के चीन में अनेक तरीके इस्तेमाल किये जा रहे हैं। चीन के शांगहाई शहर के लू वेन क्षेत्र की सरकार ने अपने दफ्तर की इमारत में परम्परागत एअर कंडीशनर का रूपांतरण कर उसे गैस से चलाना शुरू किया। इस तरह लोग ऊर्जा की किफायत करने के साथ पर्योवरण संरक्षण भी कर रहे हैं। एअयर कंडीशनर का रूपांतरण करने के साथ होटलों, दफ्तरों तथा शॉपिंग सेन्टरों में एअरकंडीशनर का तापमान को 26 सेंटीग्रेड तक सीमित रखा जा रहा है।

पहले बिजली से शहरों की रात्रि सुन्दर बनाई जाती थीं और इसमें ऊर्जा का बहुत खर्च होता था। बिजली की किफायत के लिए इस वर्ष पेइचिंग ने 100 सड़कों के लैंपों को किफायती लैंपो में बदला। पेइचिंग की विभिन्न इमारतों में रात को रोशनी करने के लिए भी सरकार ने किफायत के अनेक नये तरीकों का इस्तेमाल किया। पेइचिंग म्युनिसिपल नागरिक प्रबंध कमेटी के रात्रि प्रकाश विभाग के जिम्मेदार अधिकारी श्री जा च्येन फींग ने कहा, पेइचिंग की रात्रि प्रकाश व्यवस्था अब पहले की सरल व्यवस्था से किफायती व्यवस्था में परिवर्तित हो चुकी है। मिसाल के लिए पहले पेइचिंग के व्येई थेई पुल को रात में रोशन रखने के लिए लगभग 200 किलोवाट बिजली की जरूरत पड़ती थी पर अब नयी किफायती तकनीक के इस्तेमाल से केवल 100 किलोवाट ही काफी है।

ऊर्जा की किफायत का विचार अब अनेक शहरी नागरिकों के घरों में भी आ गया है। पेइचिंग के पूर्वी क्षेत्र में रहने वाले श्री व्येन शीन की बेटी भी इन दिनों किफायत पर विचार कर रही है। उस ने अपनी पर्यावरण संरक्षण वाली वेबसाइट पर बिजली की किफायत करने के छोटे-छोटे कई उपाय सुझाये हैं और लोगों से किफायत करने का आह्वान किया है। अब तक वे इस वेबसाइट पर ऐसे 300 से ज्यादा उपाय सुझा चुकी हैं।

इधर चीन सरकार के संबंधित विभागों ने दाम की अपनी नीति से भी नागरिकों के किफायत के विचार को आगे बढ़ाया है। उत्तर-पश्चिमी चीन के ईन छ्वेन शहर ने पानी के दाम की जो नीति लागू की है उसमें हर महीने अधिक पानी का इस्तेमाल करने वाले लोगों को हर घनमीटर पानी के लिए ऊंचा दाम देना पड़ता है। इस नीति के तहत, ईन छ्वेन शहर के नागरिकों का पानी के किफायत का विचार और मजबूत हुआ है। वर्ष 2004 की तुलना में 2005 के पूर्वार्द्ध में ईन छ्वेन शहर ने कुल 12 लाख टन पानी की किफायत की।

ऊर्जा पर खर्च को कम करने के लिए वास्तु विभाग ने भी नयी किफायती सामग्रियों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इधर के दो वर्षों में उत्तर- पूर्वी चीन के बंदरगाह शहर छींग ह्वांग दाओ शहर के कुछ नागरिकों ने किफायती वास्तु सामग्री से बनाये गये मकानों में रहना शुरू किया। देखने में ये मकान सामान्य मकानों से अलग नहीं लगते पर वास्तव में सामान्य इमारतों की तुलना में उन की किफायत दर 70 प्रतिशत जितनी ऊंची है। छींग ह्वांग दाओ की नागरिक सुश्री ली श्याओ रोंग ने कहा, सर्दियों में मुझे इस में सर्दी नहीं लगती और गर्मियों के मौसम में यह गर्म भी नहीं महसूस होता है।

छींग ह्वांग दाओ शहर द्वारा तय कार्यक्रम में स्पष्ट रूप से निर्धारित किया गया है कि भविष्य में सभी नये मकानों को नयी सामग्री व तरीकों का इस्तेमाल करना होगा।