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(GMT+08:00) 2006-01-19 10:36:48    
चीन के प्राचीनतम प्रस्तर-वन में बसी चीनी म्याओ अल्पसंख्यक जाति

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प्रिय दोस्तो , आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप को किसी प्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्र का दौरा कराने के बजाय चीन के प्राचीनतम प्रस्तर-वन दिखाने ले चलते हैं। आप को मालूम हो कि प्रस्तर-वन एक विशेष भूतत्वीय परत हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि वान शंग प्रस्तर-वन पर्यटन क्षेत्र पश्चिमी चीन के छुंगछिंग शहर के दक्षिणी भाग में स्थित है। कार से छुंगछिंग शहर से वान शंग प्रस्तर-वन पर्यटन क्षेत्र पहुंचने में एक घंटा लगता है। यह प्रस्तर-वन चीन में अब तक पाया गया ऐसा सब से प्राचीन वन माना जाता है। वानशंग प्रस्तर-वन की सब से बड़ी विशेषता यह है कि उसका इतिहास 45 से 60 करोड़ वर्ष पुराना है और इस कारण यह चीन का प्राचीनतम प्रस्तर-वन माना जाता है। इसकी दूसरी बड़ी विशेषता यहां कोई तीन हजार मीटर लंबी एक गुफा का होना है।

वान शंग प्रस्तर-वन में विविध किस्मों के दुर्लभ पत्थर और गुफाएं ही नहीं हैं, यहां की वनस्पति भी बड़ी विविध है। आकाश से बातें करते छायादार और सीधी खड़ी चट्टनों के बीच उगे लतादार पेड़ों को देखकर पर्यटक दांतों तले उंगली दबाते हैं।

स्थानीय लोग गर्मी से बचने के लिए यहां आते हैं। घने जंगल में घूमते हुए हल्की ठंडी हवा के झोंके का एहसास उन्हें बड़ा अच्छा लगता है। ताजा चाय की चुस्की के साथ वे यहां की अल्पसंख्यक जातियों के संगीत का आनन्द उठा कर मस्त होते हैं।

वान शंग प्रस्तर-वन पर्यटन क्षेत्र में म्याओ जाति के दो हजार से अधिक लोग बसे हुए हैं। उन के सिर पर लाल रंग की रेशमी पगड़ी बंधी होती है, इसलिए वे लाल म्याओ कहलाते हैं। हमारी गाइड सुश्री चांग येन ने कहा कि किसी भी पर्यटक को वान शंग प्रस्तर-वन आने पर स्थानीय अल्पसंख्यक जाति की जीवन शैली देखना ही चाहिए।

सुश्री चांग येन ने कहा कि हर पहली मई को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के उपलक्ष्य में पर्यटकों को अल्पसंख्यक जाति के रहन-सहन की जानकारी देने के लिए यहां बड़े पैमाने पर पर्वतारोहण, गायों की लड़ाई, मुर्गों की लड़ाई और घोड़ों की लड़ाई जैसे मजेदार खेल आयोजित होते हैं। पर्यटक अपनी इच्छा से इन आयोजनों में भाग ले सकते हैं। इस दौरान स्थानीय अल्पसंख्यक जाति के नृत्य-गान का भी नियमित आयोजन होता है।

म्याओ जाति के लोगों कें पूर्वजों को रंगीन पोशाकें पसंद थीं, यह परम्परा आज तक लाल म्याओ जाति में बरकरार है। लाल म्याओ जाति के पुरुष काले रंग का लम्बा पैजामा पहनते हैं, उनकी कमीज के गले पर कसीदे वाली झालर का होना जरूरी है। म्याओ महिलाएं सिर पर चमकदार आभूषणों से जड़ी रंगीन पगड़ियां बांधती हैं और सुंदर रंगीन वस्त्रों के बाहर कसीदे वाला कमरबंद भी पहनती हैं। इस जाति की महिलाएं देखने में बहुत सुंदर होती हैं।

म्याओ जाति सुंदर रंगीन पोशाकों की ही शौकीन नहीं है, नाचने-गाने में भी निपुण है। म्याओ जाति के गाने तेज लय वाले होते हैं और गायक अक्सर गाते हुए नाचते हैं। म्याओ जाति के चंचल नृत्य-गान से पर्यटक इतने प्रभावित होते हैं कि अपने आप को भूल कर उसमें शामिल हो जाते हैं और यहां से वापस लौटने का नाम नहीं लेते।

लाल म्याओ जाति के नाच-गान में मगन पर्यटक चाओ च्येन ने बड़ी प्रसन्नता से हमें बताया कि वानशंग का यह प्रस्तर-वन अजीब तो है ही, यहां के जातीय रीति- रिवाज भी बहुत मजेदार हैं। हम यहां के रहने वाले नहीं हैं, पहली बार ही यहां आये हैं। पर यहां आने से पहले हम ने नहीं सोचा था कि यह इतना मनमोहक होगा।

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